November 21, 2024

कबीर आश्रम में पांच दिवसीय ज्ञान ध्यान शिविर का हुआ समापन

बालोद। ग्राम करहीभदर में सतगुरु श्री रामसूरत साहेब एवं सद्गुरु श्री अभिलाष साहेब जी की पुण्यतिथि में पांच दिवसीय ज्ञान ध्यान शिविर रखा गया। पूज्य संत श्री गुरुभूषण साहेब जी कबीर पारख आश्रम सूरत के संरक्षण में पांच दिवसीय ज्ञान -ध्यान शिविर का विधिवत समापन हुआ। यह शिविर 22 सितंबर से प्रारंभ होकर 26 सितंबर तक विधिवत चला।संत श्री देवेंद्र साहेब के संरक्षण में प्रातः 5:15 से 6:00 बजे तक प्राणायाम, व्यायाम, नाभि झटका प्रयोग का अभ्यास होता रहा। उन्होंने कहा, मन को एकाग्र करने के लिए सर्वप्रथम शरीर को स्वस्थ रखना आवश्यक है। हल्का भोजन नित प्राणायाम, व्यायाम तभी मन एकाग्र होगा। शिविर चार सत्रों में चला।6:00 से 7:30 बजे, 11:00 से 12:00 बजे, दोपहर 3:30 से 5:00 बजे, रात्रि कालीन सत्र 8:00 से 9:30 बजे तक चला।
समापन दिवस सद्गुरु अभिलाष साहेब जी के निर्वाण दिवस पर पधारे संत भक्तों की गरिमामयी उपस्तिथि में कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्ज्वलित से किया गया।कबीर ब्रह्मचारिणी आश्रम पोटियाडीह की साध्वी संतुष्टि साहेब ने कहा,कुछ ना करना ध्यान है।शरीर के साथ मन भी स्थिर हो। संत श्री कोमल साहेब ने कहा,ध्यान का अर्थ सजगता, रखवाली है।ध्यान से देखना, सुनना बोलना। हमारा सारा क्रियाकलाप ध्यानपूर्वक हो।
कबीर ब्रह्मचारिणी आश्रम नवागांव से आई हुई साध्वी स्मृति साहेब बोली, पूज्य गुरुदेव अभिलाष साहेब जी की स्मृति में जितना कहे वह कम है। कबीर आश्रम संकरी से पधारे हुए संत श्री अनिल साहेब ने कहा, सद्गुरु कबीर का विचार भ्रम एवं पाखंड से रहित है, हम सबको आत्मा की ओर ध्यान देना चाहिए।
संत श्री दिनेद्र साहब ने अपने उद्बोधन ने कहा, यदि सद्गुरु नहीं मिले होते तो दर-दर ठोकर खाते हम। चैन नहीं मिलता जीवन में रो-रो कर पछताते हम। हमें सद्गुरु एवं संतों के सानिध्य में साधना करना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य प्रवक्ता पूज्य संत श्री गुरु भूषण साहेब ने अपने उदगार में कहा,व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करें । ध्यान से तनाव कम होता है,मन की एकाग्रता बढ़ती है आत्म जागरूकता ,मानसिक शांति मिलती है। सारे दुखों का अंत ज्ञान एवं ध्यान से ही संभव है। यह हम कर सकते हैं। कबीर आश्रम करहीभदर के व्यवस्थापक ने कहा, आप संतों एवं भक्तों के सहयोग से यह कार्यक्रम संपन्न होता है ।हम आशा करते हैं कि आप सबके सहयोग हमें मिलता रहे और यह कार्यक्रम सुचारू रूप से प्रति वर्ष होता रहे। संतों की पूजा – आरती और भोजन प्रसाद भंडारा के साथ यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से संतों एवं साधक- साधिकाओ ने भाग लिया। कार्यकम का संचालन संत देवेंद्र साहेब ने किया।

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