November 21, 2024

विभाग नहीं कर रहा निगरानी, ठेकेदार कर रहे हैं मनमानी, करोड़ों के काम में बरती जा रही धांधली

गुंडरदेही,शब्बीर रिजवी की रिपोर्ट. बालोद जिले में चल रहे निर्माण कार्यों में देखा जा रहा है की ज्यादातर कार्य विभागीय लापरवाही की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते जा रहे हैं l विभाग के जिम्मेदार बंद कमरों में एसी में बैठकर निर्माण कार्यों के मॉनिटरिंग करने लगे है। जिसकी वजह से क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों के गुणवत्ता पर भी अब सवाल उठने लगे हैं l निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का एक ऐसा ही मामला दुर्ग बालोद मुख्य मार्ग से पैरी गौरैया मेला चौरेल मार्ग वाले निर्माण कार्य में देखने को मिल रहा है l जहां पर लगभग 6 करोड रुपए के लागत से सड़क का निर्माण पुल पुलियों सहित हो रहा है। जिसकी मॉनिटरिंग न ही लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदारों द्वारा की जा रही है और न हीं ठेकेदार के द्वारा और ना ही अधिकृत तौर पर किसी इंजीनियर की देखरेख में यह काम कराया जा रहा है l

अब सवाल यह भी उठता है कि ऐसे में बगैर विभागीय अधिकारियों के देखरेख में इतने बड़ी राशि की लागत से कोई कार्य हो रहा हो और जिम्मेदारों के द्वारा किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा हो तो उस कार्य की गुणवत्ता पर सवाल तो उठना लाजमी ही है l उक्त सड़क निर्माण के दोनों तरफ चौरेल से मेला मार्ग की तरफ पक्की नाली का निर्माण ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। जहां पर गुणवत्ता को ताक में रखते हुए ठेकेदार द्वारा सेट हो चुकी सीमेंट का इस्तेमाल तथा कंक्रीट में गिट्टी का डस्ट मिलाया जा रहा था। जिस पर पर्दा डालने की कोशिश ठेकेदार के लोगों द्वारा की जा रही थी। मौके पर पहुंचकर उक्त कार्य की फोटोग्राफी ली गई तथा जिम्मेदारों से सवाल पूछने पर बताया जा रहा है कि ऐसा ठेकेदार द्वारा किया जा रहा हो तो गलत है। हम इसकी जांच करवाएंगे। यदि ऐसा निर्माण हुआ होगा तो सारे निर्माण को तुड़वा दिया जाएगा। ऐसा कहना है लोक निर्माण विभाग बालोद के कार्यपालन अभियंता एम.प्रसाद का l अब सवाल यह उठता है यदि लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत चल रहे उक्त सड़क निर्माण तथा नाली निर्माण की देखरेख विभागीय तौर पर की जाती तो ठेकेदार द्वारा खुलकर भ्रष्टाचार किया जाता क्या…..? मौके पर विभाग की तरफ से एक भी कर्मचारी अधिकारी नहीं नजर आए। अधिकारियों से फोन पर उक्त संबंध में चर्चा करने पर लोक निर्माण विभाग के मजदूर को देखरेख के लिए मौके पर भेजा गया था। जो की विभाग का दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है। जबकि निर्माण अधीन सड़क तथा नाली निर्माण की देखरेख विभाग के इंजीनियर के द्वारा की जानी चाहिए थी।

अब यह भी सवाल उठता है इतनी बड़ी राशि सरकार द्वारा लोगों की सुविधा हेतु खर्च की जा रही है जिस पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा खुलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है l जबकि प्रदेश के डिप्टी सीएम तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव प्रदेश में लगातार बैठकर लेकर अधिकारियों को सभी कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक करने तथा कार्यों की मॉनिटरिंग करने के लगातार निर्देश दे रहे हैं। बावजूद इसके पी डब्ल्यू डी विभाग के अधिकारी उनके निर्देशों की अवहेलना करते नजर आ रहे हैं। जिसका खामियाजा भविष्य में आम लोगों को भुगतना पड़ सकता है। यहां पर यह भी जानना जरूरी है कि उक्त सड़क निर्माण हेतु अनुबंध के आधार पर 10 महीने का समय दिया गया था। जो बीते अगस्त महीने में ही समाप्त हो चुका है। बावजूद इसके ठेकेदार द्वारा लापरवाही पूर्वक कार्य करते हुए अब तक सड़क निर्माण सहित नाली का निर्माण पूर्ण नहीं किया गया। जिससे लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है। जिससे क्षेत्र के लोगों में ठेकेदार तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के प्रति काफी रोष देखा जा रहा है l

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