कोचेरा स्कूल का ऐसा हाल: बच्चे तालाब में जाते हैं बर्तन धोने के लिए, नहीं दे रहे कोई ध्यान ,स्कूल का मोटर 2 महीने से बंद, पंचायत प्रशासन के पास टूर में जाने के लिए पैसा है, पर नल बनवाने के लिए नहीं, ग्रामीणों में भी आक्रोश

गुरूर । गुरुर ब्लॉक के कोचेरा प्राइमरी और मिडिल स्कूल में इन दिनों बदहाली छाई हुई है। यहां के स्कूल में पानी की बहुत समस्या है। जिसके चलते बच्चों को मध्यान भोजन करने के बाद स्कूल के बाहर गांव के तालाब में बर्तन धोने के लिए जाना पड़ता है। जब हम मौके पर पहुंचे थे तो उसे दौरान बच्चे तालाब में बर्तन धोते ही नजर आए। बच्चों ने बताया कि यह उनका रोज का काम हो गया है। और ऐसी जगह पर में धोते हैं जहां पर गांव के मवेशियों को भी धोया जाता है। स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि सरपंच के पास कई बार शिकायत करने के बावजूद समस्या हल नहीं हुई। स्कूल में नल में पानी नहीं आ रहा है जिसके चलते प्राइमरी मिडिल स्कूल के बच्चों को तालाब में जाना पड़ता है। जिस जगह पर बच्चे बर्तन धोने जाते हैं उसी जगह पर सुबह शाम 30 से 40 मवेशियों को भी धोया जाता है। जहां लगभग 10 से 15 फीट तक गहरा पानी है। ग्राम वासियों द्वारा भी सरपंच के पास शिकायत किया गया है परंतु सरपंच की अनदेखी के चलते यह स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत प्रशासन के द्वारा अभी कुछ दिनों के लिए टूर पर गए थे। उनके पास टूर में जाने के लिए पैसा है लेकिन स्कूल के नल जो बिगड़ा हुआ है और जिसे दो माह हो चुके हैं, उसे बनाने के लिए पैसा नहीं है। इस तरह प्रशासन पंचायत की उदासीनता और लापरवाही यहां देखने को मिल रही है। शाला प्रबंधन समिति भी सिर्फ नाम की है। यहां की समस्याओं को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 10 दिन से पंचायत टूर में घूमने के लिए गया ।था स्कूल भवन भी काफी जर्जर हो चुका है। खतरे के बीच बच्चे पढ़ाई करते हैं ऐसे में सवाल यही उठता है कि बच्चों को आखिर सुरक्षित शिक्षा कैसे मिलेगी। जिम्मेदार लोगों में कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा है। ग्रामीणों द्वारा मांग की गई है कि शासन प्रशासन इसे संज्ञान में ले और इसका हल निकाले। ताकि बच्चों को स्कूल के बाहर तालाब में बर्तन धोने के लिए न जाना पड़े और किसी तरह की घटना दुर्घटना या गंदगी फैलने की आशंका न हो। हालांकि बच्चों के साथ शिक्षक भी तालाब तक जाते हैं ताकि निगरानी हो और बच्चे सुरक्षित बर्तन धोकर वापस आए और किसी तरह की शरारत न करें। शिक्षकों ने बताया कि हमने पंचायत प्रशासन को समस्या से अवगत कराया हैं ।बोर बंद है मोटर खराब है नल जल योजना से सिर्फ दो बाल्टी पानी आता है फिर वह नल भी बंद हो जाता है। उतने में बर्तन धोना मुमकिन नहीं होता। इसलिए बच्चों के साथ शिक्षक भी मजबूरी में तालाब तक जाते हैं।

एक बार बनवाए थे फिर हो गया खराब

शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अर्जुन देशलहरे ने बताया कि कुछ हफ्ते पहले एक बार मोटर को बनवाया गया था। लेकिन दोबारा खराब हो गया है। दोबारा बनवाने के लिए सरपंच को कई बार कह चुके हैं लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बच्चों को मजबूर होकर तालाब में बर्तन धोने के जाना पड़ता है। इससे हमेशा अनहोनी की आशंका रहती है। हम भी चाहते हैं की समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो।

बच्चों को नहीं भेजा जाना चाहिए स्कूल से बाहर ,मामले को दिखवाता हूं

वही बीईओ ललित चंद्राकर ने कहा कि आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिली है। ऐसा नहीं होना चाहिए। मामले की जांच करवाता हूं क्या हुआ है। समस्या का समाधान करवाया जाएगा।

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