नेशनल लेवल कब बुलबुल महोत्सव: बिहार में गुंजा छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, सांस्कृतिक कार्यक्रम में मिला प्रथम पुरस्कार, बच्चों की वापसी पर सोरली में हुआ भव्य स्वागत अभिनंदन
बालोद/ डौंडी लोहारा| राष्ट्रीय कब बुलबुल महोत्सव बिहार के बेगूसराय जिला गढ़हरा-बरौनी में हुआ. जहाँ छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चे झूम उठे एवं अधिकारी ग्रुप डांस छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया. इसी के साथ बिहार में छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया गुंजा. राष्ट्रीय स्तरीय कब बुलबुल महोत्सव में बालोद जिला के विकासखंड डौण्डी लोहारा शासकीय प्राथमिक शाला सोरली के प्रतिभागी बुलबुल के मुख्यालय वापसी सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी ए के साहू विकासखण्ड सचिव छगन बंसोर द्वारा महोत्सव में बालोद जिला के 06 बुलबुल के साथ प्रभारी फ्लॉक लीडर बसंती पिकेश्वर का स्वागत अभिनंदन किया गया। उक्त उत्सव में 06 बुलबुल शासकीय प्राथमिक सोरली से नेशनल लेवल कब बुलबुल महोत्सव में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए पांच दिवसीय कब बुलबुल बरौनी बिहार में शामिल हुए.स्वागत की कड़ी में सरपंच दुर्गेश्वरी यदु, ग्राम पटेल परस राम द्वारा पुष्पगुच्छ से स्वागत अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी अश्वन साहू ने कहा स्काउट गाइड अंतर्गत विकासखंड शुरू से प्रत्येक गतिविधियों में अग्रणी रहा है. कबिंग की गतिविधि में एक जोश आया है. जो बच्चों को खेल खेल में शिक्षा देते हुए सर्वांगीण विकास कर रहे हैं. कब बुलबुल को भव्य स्वागत के साथ प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। विकासखण्ड सचिव छगन बंसोर ने बताया कि राज्य मुख्यालय राज्य मुख्य आयुक्त डॉ सोमनाथ यादव, राज्य सचिव कैलाश सोनी के निर्देशन एवं जिला आयुक्त पी सी मरकले,जिला सचिव के एल गजेन्द्र, डी ओ सी प्रेमलता चंद्राकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी हिमांशु मिश्रा के मार्गदर्शन में राज्य के अगुआई में बालोद जिले के विकासखंड के कब बुलबुल गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक कक्षाओं के छोटे बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाया जाता है।
क्या होता है कब बुलबुल
छोटे बच्चों में लड़कों को कब और लड़कियों को बुलबुल का नाम दिया गया है। कब बच्चों की गतिविधियां मोगली की कहानी पर आधारित होती हैं, जिसमें छोटे खेल होते हैं। कब बुलबुल बच्चों को तारा स्टोरी से पक्षियों के जैसे तोता, मैना, कोयल आदि के खेल, कहानियां, स्वयं करके सीखने की क्रिया पर बल दिया जाता है। इनको प्रथम चरण से चतुर्थ चरण का पाठ्यक्रम खेल खेल में करवाया जाता है। चारों चरण के पाठ्यक्रम के बाद बच्चों को राज्य स्तर पर टेस्ट देना होता है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड की चयन प्रक्रिया होती है। कब बुलबुल नेशनल लेवल कब बुलबुल महोत्सव बरौनी बिहार में 7 से 10 वर्ष तक के कब बुलबुल बच्चों के द्वारा बड़ी सलामी, बुलबुल ट्री,आदर्श वाक्य, ,स्टोरी टेलिंग,नियम प्रतिज्ञा, कब-बुलबुल ग्रेडिंग, फ्लैग होस्टिंग ,घेरा गीत, सिक्स सॉन्ग कल्चरल प्रोग्राम, जंगल नृत्य, फोक डांस पेपर कटिंग, बुलबुल ट्री प्रतियोगिता, स्टोरी टेलिंग, मेला प्रदर्शनी, फ्लेग सेरेमनी, योग, जुंबा एरोबिक, उत्सव मेला, टनल, तारा स्टोरी, प्रार्थना, टोटम पोल, प्ले एक्टिंग, आदि लाल फूल व कलरव जैसे सभी गतिविधियों में उत्कृष्ट स्थान होना बताया गया।
ऐसा रहा परिणाम
नृत्य में प्रथम, क्राफ्ट वर्क में तृतीय, पोशाक में तृतीय स्थान रहा। प्रभारी के रूप में बसंती पिकेश्वर शिक्षिका रही। स्वागत की कड़ी में पुष्पगुच्छ के साथ मुंह मीठा एवं मंगल शुभकामनाएं बधाई दी गई। इस अवसर पर प्रधान पाठक सुरेंद्र कुमार, रामटेके रेखा देवांगन, मंजू गंजीर, सोमलता ठाकुर, योगेश्वरी देवांगन पालकगण चंदा बाई , सुजाता बाई, दिलेश्वरी पटेल, तिलेश्वरी बाई आदि उपस्थित रहे । काबुल के राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए वरिष्ठ स्काउट भोलाराम साहू, संयुक्त सचिव नोम साहू, स्काउटर वारूणी दिल्लीवार, मिलन सिन्हा, कब मास्टर परमानंद साहू, गजेद्र खरे, दयालु पिंकेश्वर, कैलाशनाथ साहू विजय पटेल ने बच्चों के बधाई व शुभकामनाएं दी है।