छत्तीसगढ़ ड्राइवर महा संगठन करेंगे 10 जनवरी से स्टेरिंग छोड़ो आंदोलन, पेट्रोल पंप में फिर से बढ़ने लगी भीड़, बसों के भी पहिए थम सकते हैं,,,,
बालोद । जहां नए साल पर ड्राइवर संघ दो-तीन दिन तक हड़ताल में थे ।जिससे पूरी व्यवस्था चौपट होने लगी थी
तो एक बार फिर छत्तीसगढ़ ड्राइवर महा संगठन ने काम बंद करने का ऐलान कर दिया है। जिसे स्टेरिंग छोड़ो आंदोलन नाम दिया गया है। छत्तीसगढ़ ड्राइवर संघ जिला बालोद भी इसका समर्थन कर रहा है। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष व दल्ली राजहरा के हीरा सिंह नेताम ने संगठन की ओर से अपने साथियों सहित जिला प्रशासन, एसडीएम और एसपी के पास शांतिपूर्ण व्यवस्था के साथ आंदोलन करने की सूचना दे दी है। उक्त सूचना में कहा गया की हिट एंड रन कानून जिसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है इस कानून की वजह से हमें गाड़ी चलाने में डर लगने लगा है। इसलिए हम सभी ड्राइवर साथी 10 जनवरी से स्वयं को आंदोलनरत कर रहे हैं। यह हम सभी अपनी मर्जी से कर रहें। जिसमें किसी का कोई दबाव नहीं है और जब तक यह कानून हटाया नहीं दिया जाता तब तक हम अपने काम पर वापस नहीं लौटेंगे। यह हम सभी ड्राइवर भाई का अंतिम निर्णय है। सभी ड्राइवर भाई किसी भी प्रकार का चक्का जाम या हड़ताल जैसे कदम नहीं उठा रहे हैं। बस अपनी मर्जी से काम पर नहीं जा रहे हैं। हम अपने कार्यालय में उपस्थित रहेंगे और अन्य राज्यों और जिलों से आने वाले ड्राइवर भाइयों से चर्चा करेंगे। सभी इस कानून के वापस होते तक स्टेरिंग छोड़ो आंदोलन जारी रखेंगे। और यदि लंबे समय तक यह कानून वापस नहीं होता है तो यह आंदोलन उग्र और चक्का जाम जैसी स्थिति पैदा कर सकती है। लेकिन हमें सरकार पर पूर्ण विश्वास है कि सरकार हमारी मांगों को पूरा करने का प्रयास करेगी। वही इधर हड़ताल यानी काम बंद करने की सूचना से पेट्रोल पंप संचालक भी हड़बड़ा गए हैं और एडवांस में स्टॉक मंगा रहे हैं। ताकि जो स्थिति नए साल 1 से 3 जनवरी के बीच पैदा हुई वह फिर से ना हो। वहीं हड़ताल की अग्रिम सूचनाओं के चलते कई पेट्रोल पंप में अभी से भीड़ देखने को मिल रहा है।
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है अभी कानून लागू नहीं हुआ फिर भी काम बंद करने की जिद में संगठन
कई संगठन अभी भी हड़ताल पर नहीं है तो कुछ संगठन हड़ताल यानी काम बंद करने की जिद पर अड़े हुए हैं। विगत हफ्ते ही हड़ताल के बाद मंत्रालय स्तर पर चर्चा के बाद आंदोलन स्थगित हो गया था। इसमें स्पष्ट कहा गया था कि नियम अभी लागू नहीं हुआ है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि जब नियम लागू नहीं है तो इसका विरोध क्यों। संगठन से चर्चा के उपरांत ही नियम लागू किए जाने हैं। पिछले बार गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया था जिसमें लिखा है कि ‘भारत सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) में 10 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान के बारे में वाहन चालकों की चिंता का संज्ञान लिया और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ (2 जनवरी, 2024) विस्तृत चर्चा की. सरकार यह बताना चाहती है कि ये नए कानून एवं प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं. हम यह भी बताना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने से पहले ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लिया जाएगा. हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस तथा सभी वाहन चालकों से अपील करते हैं कि आप अपने-अपने कार्यों पर वापस लौट जाएं.
बस एम्पलाइज कर्मचारी संगठन ने भी किया है आंदोलन का समर्थन , थम जायेंगे बसों के पहिए
बस एम्पलाइज कर्मचारी संगठन बालोद के जिला अध्यक्ष शेख इमरान अहमद का कहना है कि हमारे संगठन ने भी इस बंद को समर्थन दिया है। इससे यात्री बस भी प्रभावित हो सकती है। सुबह की शिफ्ट में इक्का दुक्का बस चल सकती है। उसके बाद बाकी बसों का आवागमन बंद हो जाएगा।
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