छत्तीसगढ़ी भाषा को सरकारी कामकाज की भाषा बनाने और स्कूलों में छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई को लेकर की गई मांग
बालोद। छत्तीसगढ़ी भाखा पीजी डिप्लोमा धारी संघ के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर के संचालक के नाम विनती पत्र सौंप कर छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने सरकारी कामकाज छत्तीसगढ़ी में होने और स्कूलों में छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई को लेकर मांग की है।
इस संबंध में संघ के द्वारा बाकायदा छत्तीसगढ़ी में ही अपना विनती पत्र सौंपा गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ी में उल्लेख किया गया है कि हमारे राज्य को बने 23 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। उसे मान्यता नहीं मिली है जो सोचने वाली बात है। नया शिक्षा नीति का प्रयास हो रहा है छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है। प्राथमिक शिक्षा की पढ़ाई लिखाई में क्षेत्रीय भाषा और सरकारी कामकाज में छत्तीसगढ़ी भाषा होनी चाहिए। ताकि हमारी संस्कृति और भाषा को बचाने का प्रयास हो सके। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने संघ की मांग पर गौर करते हुए आश्वासन दिया है कि छत्तीसगढ़ी भाषा में जल्द ही पढ़ाई शुरू होगी।
इन चार मांगों पर भी विनती पत्र
विनती पत्र में प्रमुख रूप से चार मांगे रखी गई है। छत्तीसगढ़ी भाषा शिक्षक भर्ती 2024- 25 के पद सृजन करने, सभी सरकारी विभाग में छत्तीसगढ़ी भाषा में काम होने, सभी भर्ती में छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रतिशत को बढ़ाने और छत्तीसगढ़ी भाषा अधिकारी और अनुवादक के भर्ती करने की मांग भी की गई है। मांग करने वालों में छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ी भाषा पीजी डिप्लोमा धारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष यादित्य देशमुख, प्रदेश उपाध्यक्ष ममता साहू, सचिव नीरज पटेल, डामेंद्र देवांगन, आरती, सुरेखा, पवन, अंजू, रंजना सहित अन्य शामिल हैं।