ओबीसी महासभा अन्य पिछड़े वर्ग के हित संवर्धन एवं संरक्षण हेतु जन कल्याणकारी योजनाओं में समानुपातिक हिस्सेदारी के लिए हुए लामबंद,ओबीसी की राष्ट्रीय जनगणना एवं आरक्षण सहित 30 बिंदुओं पर सौंपा ज्ञापन
ओबीसी महासभा ने प्रदेश के सभी जिलों में ज्ञापन सौंपकर आंदोलन का किया सूत्रपात
30 बिंदुओं में ज्ञापन सौंपकर ओबीसी महासभा ने आंदोलन का बिगुल फूंका
30 वर्षों से लंबित 27% ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर ओबीसी महासभा ने किया आंदोलन का शंखनाद
रेखा साहू, बालोद| ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ के आह्वान पर प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम के नेतृत्व में अलग अलग बिंदुओं पर विगत 3 वर्षों से प्रतिमाह ज्ञापन कलेक्टर/ एसडीएम /तहसीलदार के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिला में महामहिम राष्ट्रपति/ माननीय प्रधानमंत्री/ महामहिम राज्यपाल/ माननीय मुख्यमंत्री आदि के नाम सौंपा गया है। मई माह का ज्ञापन छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिलों में सौंपा गया ।
ओबीसी के हित संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही हेतु बिंदुवार ज्ञापन सौपा गया,जिनका मुद्दा प्रमुख रूप से ये है:-
लंबित राष्ट्रीय जनगणना शीघ्र कराई जावे ,जिसमें ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर निर्धारित हो ।उक्त आशय का प्रस्ताव केंद्र सरकार को अविलंब भेजे जाने ,ओबीसी समुदाय को आबादी के बराबर समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधि (आरक्षण) कार्यपालिका,न्यायपालिका,विधायिका ,मीडिया एवं सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के सभी उपक्रमों में प्रदान किए जाने ,विगत 30 वर्षों से लंबित 27% आरक्षण राज्य में अविलंब लागू किये जाने एवं उक्त अवधि का बैकलॉग नियुक्तियां,मंडल कमीशन की सभी अनुशंसाओं को पूर्णतः लागू किए जाने हेतु प्रस्ताव केंद्र सरकार को अति शीघ्र भेजे जाने,छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर में ओबीसी महासभा के लिए कम से कम 5 एकड़ भूमि तथा प्रत्येक जिला मुख्यालयों में ओबीसी महासभा के लिए भूमि एवं भवन आवंटित किए जाने,प्रत्येक तहसील मुख्यालयों में ओबीसी के लिए पोस्ट मैट्रिक एवं प्री मैट्रिक छात्रावास तथा जिला मुख्यालयों में बालिकाओं के लिए पृथक से सर्व सुविधा युक्त छात्रावास का प्रावधान,राज्य छात्रवृत्ति में विसंगतियों को दूर करते हुए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की भांति समान शर्तों एवं दरों पर एवं केंद्र के समान ओबीसी को भी छात्रवृत्ति का प्रावधान, छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य हैं ।अतः राज्य अंतर्गत संचालित सभी शासकीय हायर सेकेंडरी शालाओं में कृषि संकाय अनिवार्य रूप से संचालन,पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं नगरी निकाय चुनाव में ओबीसी समुदाय के लिए आबादी के बराबर सीट आरक्षित किए जावे, ताकि वहां निवासरत ओबीसी समुदाय को पंच, सरपंच ,जनपद सदस्य ,जिला पंचायत सदस्य ,पार्षद, निकाय अध्यक्ष बनने का समुचित अवसर मिल सके,सामाजिक प्रास्थितिक (ओबीसी )प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरलीकरण,ओबीसी आरक्षण के लिए लागू की गई असंवैधानिक क्रीमी लेयर की बाध्यता को पूर्णता समाप्त किए जाने बाबत प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रेषित किए जाने,ओबीसी की समुचित विकास एवं उत्थान के लिए प्रचलित आरक्षण के बराबर राज्य के बजट में प्रावधान, प्रदेश में आउटसोर्सिंग पूर्णता बंद किए जाने,देश के कर्नाटक ,केरल ,आंध्र प्रदेश ,उत्तर प्रदेश ,गुजरात ,महाराष्ट्र आदि राज्यों में पृथक से पिछड़ा वर्ग विभाग संचालित है। छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी संबंधी योजना एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रम आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही हैं जिससे ओबीसी की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा सका है ।छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी का पृथक से विभाग स्थापित किए जाने ,महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती दिवस 11 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश घोषणा,
सरस्वती साइकिल योजना अंतर्गत एससी ,एसटी की भांति समान शर्तों पर ओबीसी के विद्यार्थियों को भी लाभान्वित किए जाने,राज्य अलंकरण पुरस्कार ज्योतिबा फुले की स्मृति में ओबीसी समाज के उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को प्रतिवर्ष सम्मान,देश के प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले की स्मृति में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षिका एवं समाज सेविकाओं को प्रतिवर्ष सम्मान,
ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में पसरा शुल्क छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिलों में माफ किए जाने,एट्रोसिटी एक्ट अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की भांति अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी लागू किए जाने,देश में जिन सरकारी संस्थानों एवं औद्योगिक संस्थानों का निजीकरण किया गया है उनका पुनः शासकीय करण किए जाने हेतु प्रस्ताव केंद्र सरकार को अविलंब भेजे जाने ,आंध्र प्रदेश सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य में भी राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों पर साक्षात्कार की प्रक्रिया को बंद किए जाने,छत्तीसगढ़ राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग बाहुल्य होने के बाद भी राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने वाले विद्यालय की बहुत कमी है। राज्य में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लिए खेल प्रतिभा को प्रोत्साहन देने हेतु संचालित क्रीड़ा परिसर की तर्ज पर अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु नवीन क्रीड़ा परिसर संचालित किए जाने,केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा /प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है ,जिसमें अनेक परीक्षाओं का दिनांक एक ही होने या पर्याप्त अंतराल न होने के कारण परीक्षार्थियों को दुविधा का सामना करना पड़ रहा है। परीक्षाओं का तिथि निर्धारित करते समय ध्यान रखा जाए कि परीक्षार्थी को एक से अधिक कई प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने का अवसर मिले।अतः अलग-अलग तिथियों एवं पर्याप्त अंतराल देते हुए विभिन्न चरणों की परीक्षाएं आयोजित किए जाने ,केंद्र सरकार की उपक्रम भिलाई स्टील प्लांट तथा बचेली के NMDC में कार्यरत ठेका कर्मियों को केंद्र सरकार की निर्धारित वेतन के स्थान पर प्रदेश की निर्धारित वेतन (बहुत कम)मिलती है जो कि वहां कार्यरत कर्मियों के साथ अन्याय है। इसलिए केंद्र सरकार के उपक्रम में ठेका कर्मियों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मिनिमम वेतन दिये जाने,प्रदेश की किसानों के लिए पर्याप्त खाद बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने का कष्ट करें,क्योंकि हर वर्ष प्रदेश की किसानों को समुचित खाद बीज के लिए भटकना पड़ता है,
नवोदय विद्यालय /केंद्रीय विद्यालय एवं सैनिक विद्यालय की तरह आत्मानंद स्कूलों में संविदा भर्ती हेतु अंग्रेजी मीडियम की बाध्यता को शिथिल कर हिंदी मीडियम के अभ्यर्थियों को भी पात्र माना जाए एवं रिक्त पदों पर नियुक्तियों में जिला को इकाई मानकर कुल पदों के आधार पर आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए पात्रता परीक्षा आयोजित कर भर्ती किए जाने ,राज्य प्रशासनिक सेवा के परीक्षा की चयन सूची दो वर्ष बाद जारी हुई है,जिस पर सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाए आ रही है।अतः उक्त चयन सूची पर विश्लेषण करते हुए न्यायिक जांच किये जाने,शिक्षा का अधिकार (RTE) योजनांतर्गत बीपीएल परिवार के बच्चों का निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए बीपीएल सर्वे सूची 2002 के स्थान पर अंतिम बार तैयार की गई सर्वे सूची को आधार माना जाए एवं ओबीसी के शासकीय सेवकों को पदोन्नति में आरक्षण प्रदान किये जाने का मांग किया गया है।
उपरोक्त मांगों पर त्वरित कार्रवाई कर ओबीसी समाज को सामाजिक न्याय प्रदान कर समतामूलक समाज की स्थापना में महती योगदान प्रदान करने का अनुरोध किया गया है। बालोद जिला कलेक्ट्रेट में एडीएम इंदिरा नवीन सिंह को ज्ञापन सौंपा गया ,जिसमें प्रमुख रूप से प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम ,प्रदेश कार्यालय प्रभारी प्रीतम देशमुख ,जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा भगवती सोनकर, जिला सचिव महिला मोर्चा मोहनी देवांगन ,जिला सचिव लेखराज साहीरो, बालोद ब्लॉक अध्यक्ष झग्गर लाल कौशिक, विष्णु साहू ,यूरेका साहू ,टोमिन देवांगन ,राधा साहू ,डौंडीलोहारा तहसीलदार को प्रदेश कोषाध्यक्ष महावीर कलिहारी पिरेश देवांगन ,पुनेश्वर देवांगन, अधिवक्ता टूमन लाल साहू ,गुरुर एसडीएम को ब्लॉक अध्यक्ष ओम प्रकाश साहू, संरक्षक संपत कलिहारी चंद्रहास सिन्हा ,विनेश गजेंद्र ,शैलेश साहू भुवन सिन्हा, एमनलाल साहू, वर्षा संजय साहू ,गुंडरदेही एसडीएम को जिला उपाध्यक्ष के के राजू चंद्राकर के नेतृत्व में तथा अर्जुंदा तहसीलदार को प्रदेश मीडिया प्रभारी आर के देवांगन के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया।