नाम बदल नाबालिग से दुष्कर्म, बालोद पुलिस 10 माह बाद ऐसे पहुंची आरोपी तक, पढ़िए क्राइम की फिल्मी कहानी,,,

विधि से संघर्षरत् बालक द्वारा पीड़िता के साथ अनाचार करते समय बताया था अपना गलत नाम

पुलिस को सूक्ष्मता से विवेचना में कड़ी मेहनत कर बालक को पकड़ने में मिली सफलता

बालोद। आपने अक्सर फिल्मों में देखा होगा नाम बदलकर अपराध को अंजाम देना। ताकि पुलिस या कोई अपराधी तक ना पहुंच पाए। ऐसा ही एक मामला सामने आया है बालोद जिले में भी। जहां दुष्कर्म के आरोपी की पुलिस 10 माह से तलाश कर रही थी। पर वह मिल नहीं रहा था। वजह यह थी कि वह भी नाम बदला हुआ था। जिस नाबालिग लड़की के साथ उसने कृत्य किया था उसे भी अपना नाम गलत बताया था। लेकिन पुलिस ने एड़ी चोटी एक कर आरोपित के दोस्त के जरिए उसके असली नाम का पता लगाया और उसे पकड़ा भी। पर जांच में वह भी नाबालिग निकला तो जेल के बजाय उसे सुधार गृह भेजना पड़ा। आरोपित नाबालिग एक समुदाय विशेष से भी संबंधित निकला। जिन्होंने खुद का मोहित नाम बता कर लड़की से दुष्कर्म किया था। मामला पिछले साल सितंबर से दर्ज था। उस समय चार से पांच संदिग्ध युवकों को पुलिस ने पकड़ा भी था और लड़की को पहचान के लिए बुलाया भी था। तो उसमें उक्त आरोपित ना होने से पुलिस को कुछ सुराग नहीं मिला। नाम गलत होने के कारण पुलिस को उसे ढूंढने में भी परेशानी होती थी। 10 माह से पुलिस पीड़िता के बताए नाम के अनुसार आरोपी की पतासाजी कर रही थी। लेकिन मोहित नाम का कोई ना मिलने से आरोपी बच जाता था ।लेकिन अंततः पुलिस ने काफी प्रयासों और सुराग के जरिए आरोपी की पहचान की। पर जब पकड़ा गया तो वह भी नाबालिग निकला। जिसे विधि से संघर्षरत बालक मानते हुए किशोर न्यायालय में पेश करने के बाद सुधार गृह भेजा गया। पूरा मामला के गुरुर थाने में कंवर चौकी क्षेत्र का है। वही पकड़ा गया नाबालिग धमतरी जिले का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार 14 सितंबर.2021 को कंवर क्षेत्र के एक प्रार्थी ने लिखित आवेदन देकर रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उनकी नाबालिग पुत्री के साथ मोहित साहू नामक व्यक्ति धमतरी निवासी ने वर्ष 2019 से 2021 तक शादी कर प्रलोभन देकर बच्ची को नाबालिग तथा अनुसूचित जाति का होना जानते हुए बहला फुसला कर बार बार ले जाकर अनाचार करते रहा। उक्त घटना को पुत्री द्वारा बताने पर पिता ने अपनी व्यथा लेकर पुलिस के पास आने से थाना गुरूर में अपराध क्रमांक 310 / 2021 धारा 363, 366,376 (क, ख), 376, ( 2 ) (ढ़) भादवि धारा 4,5 ( 8 ) 6 पाक्सो एक्ट एवं एससी / एसटी एक्ट की धारा 3 ( 2 ) ( 5 ) कायम कर विवेचना में लिया गया था। इस दौरान नाबालिफ़ बच्ची से बार-बार पूछने पर आरोपी का नाम मोहित साहू बताया करती थी। तब बताये अनुसार पुलिस टीम उसके दिखाये जगह में कायमी से लेकर अब तक लगातार 10 माह तक आरोपी का पता तलाश करती रही। किन्तु पीड़ित के बताये अनुसार कोई भी व्यक्ति उस क्षेत्र में नहीं मिल रहा था जो पुलिस के लिए एक पहेली बना हुआ था। इसी दौरान पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव के दिशा निर्देश एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम एवं उप पुलिस अधीक्षक राजेश बागडे एवं उप पुलिस अधीक्षक बोनीफॉस एक्का के पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम गठित किया गया। टीम द्वारा सूक्ष्मता से विवेचना के हर पहलू को ध्यान में रखकर आरोपी का पता किया गया, इस दौरान लोकल धमतरी क्षेत्र के एक गांव में जाकर कठिन परिश्रम कर पीड़ित को पुनः पूछताछ करने पर बतायी कि वह आरोपी के दोस्त को जानती है। पीड़ित ने उसका उपनाम ही बता पायी जो पुलिस के लिए फिर एक पहेली बन गयी। लेकिन पुलिस हिम्मत नहीं हारकर उस उक्त बस्ती के एक-एक व्यक्ति को पूछकर अंततः आरोपी तक पहुंचने में सफलता पाई। आरोपी चिन्हित होने पर उसे विधि से संघर्षरत् बालक का होना पाया गया। जिसकी पहचान कार्यवाही कार्यपालिक दण्डाधिकारी गुरूर से कराया गया। सही पहचान पीड़िता द्वारा करने से विधि से संघर्षरत् चालक को अभिरक्षा में लेकर किशोर न्याय बोर्ड बालोद पेश किया गया। आदेशानुसार धमतरी क्षेत्र के विधि से संघर्षरत् बालक को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया। उक्त प्रकरण को सुलझाने व विधि से संघर्षरत् बालक के अभिरक्षा एवं विवेचना में निरीक्षक भानुप्रताप साव थाना प्रभारी गुरूर, सउनि धरम भुआर्य चौकी प्रभारी कंवर, सउनि नरेन्द्र साहू, म०प्र०आर० नर्मदा कोठारी, आरक्षक शेर अली, कोमल साहू, सुनील बघेल, जितेन्द्र हिरवानी, महिला आरक्षक सुमन देशलहरे, लोकेश्वरी ठाकुर की सराहनीय भूमिका रही।

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