अंगना म शिक्षा अभियान को हर आंगन तक पहुंचाने माताओं को बच्चों की शिक्षा के प्रति सजग करने हुआ शिक्षकों का प्रशिक्षण
गुंडरदेही/बालोद –
अंगना म शिक्षा के तहत बीआरसी कार्यालय गुंडरदेही के सभागार में एक विकास खंड स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रशिक्षण रखा गया। मास्टर ट्रेनर प्रतिभा त्रिपाठी, पुष्पा चौधरी जिला मास्टर ट्रेनर एवं सहयोगी संध्या बंजारे, बीआरसीसी एवं एबीओ के सानिध्य में यह कार्यक्रम हुआ। प्रशिक्षण का शुभारंभ मां शारदे की पूजा अर्चना एवं बीआरसीसी के द्वारा प्रारंभ किया गया।
कार्यक्रम का संचालन पुष्पा चौधरी ने किया। उन्होंने अंगना म शिक्षा का उद्देश्य, रूपरेखा, इसकी जरूरत क्यों एवं इसे कैसे संचालित किया जाना है, इस पर विस्तार पूर्वक बताया। कैसे माताओं को जो घर पर रहकर अपने घरेलू सामग्रियों ,बर्तनों ,अनाजों के माध्यम से उन सामग्रियों में छिपी हुई ज्ञान को बच्चों तक पहुँचा सकते हैं, ज्ञान की बातें बता सकते हैं, कैसे माता छोटी-छोटी गतिविधियों के माध्यम से अपने बच्चों को शिक्षा दे सकती हैं एवं विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से अपने बच्चों को गणित ,विज्ञान, गणितीय संक्रियाएं एवं अभिव्यक्ति कौशल, बोलना सीखना ,पढ़ना , अंको को जोड़ना,घटना एवं विभिन्न भाषाई कौशल का विकास किस प्रकार किया जाता है यह सब पुष्पा चौधरी ने बताया। जिला स्तर की ट्रेनर प्रतिभा त्रिपाठी के द्वारा विभिन्न गतिविधियों को समझाते हुए शिक्षकाओं के समक्ष बड़े ही सरल एवं बेहतर तरीके से समझा कर उन्हें बताया कि हम माताओं को कैसे इन गतिविधियों को करा कर विभिन्न गतिविधियों में परिणित करके हम उनको बता सकते हैं। यह ट्रेनिंग माताओं को देना है, इस पर विस्तारपूर्वक समझाया गया। पूर्व संभाग स्तर पर ट्रेनिंग ली हुई प्रशिक्षित संध्या बंजारे के द्वारा भी अंगना म शिक्षा के विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया गया कि पहले और अब में क्या बदलाव आया है। अंगना में शिक्षा का पैटर्न बदल चुका है। हमें उस पर किस आधार पर कार्य करना है, इसकी जानकारी उन्होंने दी। विकास खंड के 38 शिक्षकों उपस्थिति और सभी शिक्षिकाओं ने इस प्रशिक्षण को बड़े गंभीरता से एवं शालीनता पूर्वक बैठकर अपनी कार्य कुशलता को प्रदर्शित करते हुए प्रशिक्षण प्राप्त किया। एवं विभिन्न समस्या का समाधान भी मास्टर ट्रेनर के द्वारा किया गया। उनको आश्वस्त किया गया कि हम अपने क्षेत्र में जाकर कैसे माताओं को प्रेरित कर सकते हैं एवं कैसे उनको नई-नई गतिविधियों का संचालन अपने बच्चों के समक्ष पर उनके ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। कार्यक्रम में बीआरसी देवांगन, नायक एबीईओ, ठाकुर के द्वारा यह संदेश दिया गया कि यह जो अभियान है वह कैसे सफल बनाया जा सकता है। समस्त टीचरों के कार्य करने पर अर्थात यह अभियान आंगन आंगन तक कैसे पहुंचे यह आप सभी शिक्षकों की जिम्मेदारी है और जब यह शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति समझेंगे तभी ये प्रशिक्षण सार्थक होगा और सभी शिक्षकों को स्वच्छंद मन से अपने अपने क्षेत्र में जाकर इस पर कार्य करना है तभी हमारा कार्यक्रम अभियान सफल होगा। सभी 38 शिक्षिकाओं ने इस प्रशिक्षण को बेहद ही कारगर बताया एवं बेहतर ढंग से अपने अपने स्तर पर करने की हेतु आश्वस्त किया गया।
जिला स्तरीय प्रशिक्षण ऑनलाइन भी हुआ
अंगना मा शिक्षा थीम पर प्रथम चरण का जिला स्तर पर वर्चुवल वेबिनार का आयोजन इसके एक दिन पहले हुआ। इसमें वेबिनार में बालोद जिला के सभी सीएससी एवं 10-10 चयनित स्रोत पर्सन एवं विभिन्न स्कूलों के शिक्षक गण शामिल हुए। समस्त शिक्षक गण की उपस्थिति में वेबीनार के माध्यम से बताया गया कि इस समय तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हम बच्चों को शिक्षा से कैसे जोड़कर रख सकते हैं। अर्थात शिक्षा से वंचित हुए बच्चों को हम और माताएं मिलकर कैसे कार्य कर सकते हैं। माता उन्मुखीकरण अर्थात माताओं को प्रशिक्षण देकर हम कैसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ कर रख सकते हैं। माता उन्मुखीकरण अंगना म शिक्षा, स्कूल रिडीनेन्स, अंगना मा शिक्षा अर्थात नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि बच्चा स्कूल में ना होकर घर पर ही पढ़े और उनकी जो प्रथम गुरु जो माता होती है और उन्हीं माताओं को अर्थात उनके प्रथम गुरु को किस प्रकार से यह अंगना मा शिक्षा स्कूल रीडीनेस प्रोग्राम के तहत उनको प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण में बताया गया कि हम कह सकते हैं कि माता अपने घर पर ही रह कर विभिन्न घरेलू सामग्रियों की मदद से जोड़ना, घटाना ,अभिव्यक्ति कौशल ,आओ नाचे गाए, कहानी, कविता ,वर्गीकरण करना पढ़ना, बोलना ,लिखना सिखा सकती है। अर्थात इस ट्रेनिंग का उद्देश्य ही है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास करना। तो किस प्रकार माताओं को प्रशिक्षण देकर बच्चों का सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी स्वयं ही उठा सकती है। इसीलिए यह प्रोग्राम को एक नई पहल के रूप में लिया गया है। जिसकी भूमिका माताएं गुरु के रूप में रहेंगी। इस बार माताएँ सर्वोपरि होंगी। स्क्रीन पटल पर चित्र एवं वीडियो के माध्यम से दिखाकर समझाया गया कि किस प्रकार छोटी-छोटी गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को बहुत कुछ सिखाया जा सकता है। जिले के 5 विकास खंडों में इसे सभी विकास खंड के शिक्षक ने ट्रेनिंग लिया एवं इस ट्रेनिंग में सभी विकासखंड के सीएससी एवं समस्त टीचरों ने भाग लिया। वेबीनार में 10 रिसोर्स पर्सन में बालोद से देवकुंवर कौशिक एवं अर्चना, गुरुर ब्लॉक से खिलेश्वरी ,मोनिका, लोहारा से बसंती, धनेश्वरी ,गुंडरदेही से पुष्पा चौधरी, प्रतिभा त्रिपाठी, डौंडी से दानेश्वरी सोनवानी ,अनामिका ठाकुर एवं जितेंद्र पाल की अहम भूमिका रही। जिन्होंने स्क्रीन पटल चित्र और वीडियो को बेहतर ढंग से प्रदर्शित किए। इस वेबीनार के माध्यम से सभी को आश्वस्त किया गया कि यह जो अंगना में शिक्षा है, वह हमारे आने वाले समय में बच्चों की गुणवत्ता सुधारने में बेहतर प्रयास होगा और यह प्रयास घर-घर तक पहुंच कर कार्य करेगा। जिससे माताओं को एक विशेष जिम्मेदारी दी गई है। जिसको निभाकर अपने बच्चे की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं। हम बच्चों का सर्वांगीण विकास कर सकते हैं।