कोरोना के केस कम फिर भी इस बार नहीं निकली रथयात्रा, मंदिर परिसर के भीतर ही मना बालोद का रथ दूज, देखिए वीडियो, कैसे हुई पूजा अर्चना

बालोद। बालोद जिले में कोरोना के केस पहले की अपेक्षा कम हो चुके हैं। लॉकडाउन भी हट चुका है लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार भी रथ यात्रा का पर्व सार्वजनिक तौर पर नहीं मनाया गया। यानी रथयात्रा इस बार भी नहीं निकाली गई। पिछले रथदूज के समय भी ऐसा ही हुआ था। इस बार भी वही नियम लागू रहा और गिने-चुने लोगों यानी रथ यात्रा समिति से जुड़े हुए लोगों के द्वारा ही पूजा अर्चना करके मंदिर परिसर में ही रथ दूज मनाया गया। बता दें कि बालोद के कपिलेश्वर मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना होती है। पिछले साल की तरह इस साल भी नगरपालिका अध्यक्ष व समिति के अध्यक्ष विकास चोपड़ा व उनकी पत्नी प्रियंका चोपड़ा के नेतृत्व में मंदिर समिति के प्रमुख लोगों की मौजूदगी में यह पूजा-अर्चना हुई।

महाप्रभु जगन्नाथ, माता सुभद्रा एवं भगवान बलभद्र का मंत्रोच्चार एवं शंख ध्वनि के साथ विधिवत पूजा अर्चना कर महाप्रभु जगन्नाथ से सबकी सुख, समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना की गई। कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष भी रथ यात्रा स्थगित करने के कारण कपिलेश्वर मंदिर प्रांगण के कृष्ण मंदिर से प्रांगण के ही माता दुर्गा के मंदिर तक प्रभु की यात्रा निकाली गई।

ऐसे होता था आयोजन

2 साल पहले तक बकायदा शहर में रथयात्रा निकाली जाती थी। कपिलेश्वर मंदिर से रथयात्रा निकलती थी। रथ को खींचने के लिए कारवां उमड़ पड़ता था। जगह-जगह गजामूंग का प्रसाद वितरण किया जाता था। भीड़ इतनी होती थी कि यात्रा को पूरा होने में रात हो जाते थे। लोगों में उत्साह देखते ही बनता था। पर इस बार कोरोना के कारण रथ दूज सार्वजनिक रूप में ना होकर मंदिर परिसर में ही मनाया गया और लोगों ने घर बैठे ही एक दूसरे को रथयात्रा पर्व की शुभकामनाएं दी गई।

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