इस बार मोहल्ला क्लास में 10 वी से 12 वी तक के बच्चों पर फोकस करेगी सरकार, स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश

रायपुर/छग –  स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की उपलब्धि के आंकलन के लिए बेसलाइन टेस्ट आयोजन के निर्देश दिए हैं। यह कार्य जुलाई माह में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा करवाया जाएगा। शिक्षा सत्र के दौरान इससे बच्चों की उपलब्धि में सुधार पर आगे नजर रखी जा सकेगी। बेसलाइन के आधार पर सुधार के लिए ठोस रणनीति तैयार की जाएगी। शिक्षकों को बेसलाइन में बच्चों की वास्तविक स्थिति को दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बच्चों को सीजीस्कूल डॉट इन में उपलब्ध आनलाइन सामग्री को व्यवस्थित कर कक्षावार विषयवार ढूंढने के लिए आसान बनाने भी कहा गया। 

छत्तीसगढ़ में पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है कि बच्चों को नियमित सिखाने में सहयोग के लिए विभिन्न स्तरों पर आयोजित कक्षाओं की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। आनलाईन मॉनिटरिंग में प्रतिदिन विभिन्न स्कूलों के केचमेंट एरिया में संचालित मोहल्ला और अन्य नवाचारी कक्षाओं की जानकारी दर्ज की जाएगी। इससे यह नियमित जानकारी संकलित की जाएगी कि किस स्कूल के किस मोहल्ला कक्षा में किस शिक्षक द्वारा कितने चिन्हांकित बच्चों में से कितने बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कर उन्हें सीखने में सहयोग किया।

हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी में मोहल्ला कक्षाओं पर फोकस

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ई तुंहर द्वार के संबंध में निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर पर भी मोहल्ला कक्षा के आयोजन पर फोकस किया जाएगा। हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर पर अध्ययनरत बच्चों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने और राज्य के विद्यार्थियों को नियमित अध्ययन जारी रखने में सहयोग के लिए मोहल्ला कक्षाओं के संचालन पर फोकस करने के निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए हैं। 

हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर पर बहुत से विषय होते हैं। मोहल्ला कक्षाओं के संचालन के लिए दिन और स्थल का निर्धारण कर विभिन्न विषयों के अध्यापन के लिए विषय विशेषज्ञों को जिम्मेदारी सौंपते हुए शेड्यूल बनाया जाएगा। इस स्तर पर मोहल्ला कक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी शाला संकुल के प्राचार्याें की होगी। बच्चों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किया जाएगा। इसमें बच्चों को आनलाइन और ऑफलाइन दोनों मॉडल का उपयोग कर बच्चों को सीखने के लिए सक्रिय रखा जा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा एक यूनिट मॉडल-वर्चुअल स्कूल के रूप में शीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है। योजना के क्रियान्वयन के लिए स्नातकोत्तर विषय विशेषज्ञों से मेन्टर के लिए आनलाइन आवेदन मंगवाया जा रहा है। 

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