बालोद। कृष्ण कुमार सूर्यवंशी, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफ.टी.एस.सी. (पॉक्सो) बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपी चन्द्रहास निषाद उम्र-21 वर्ष, निवासी-दरगहन, बोरसी, थाना-केरेगांव, जिला-धमतरी (छ.ग.) को अंतर्गत भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/- रू० अर्थदण्ड, भा.द.वि. की धारा 366 के आरोप में सात वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/- रू० अर्थदण्ड लैंगिक अपराध की धारा 6 के आरोप में बीस वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/- रू० अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। व्यतिक्रम पर छः-छः-छः माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया। प्रकरण का संक्षिप्त विवरण बसंत कुमार देशमुख, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) के अनुसार-दिनांक 21-09-2021 को प्रार्थिया/पीड़ता की माता के द्वारा चौकी-कंवर, थाना-गुरूर में उपस्थित होकर मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसकी नाबालिग पुत्री/पीड़िता दिनांक 20/09/2021 को सुबह 7 बजे से 11 बजे के मध्य बिना बताये घर से कहीं चली गई है, जिसका पता-तलाश करने के उपरांत उसके नहीं मिलने पर कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर ले जाने की आशंका के आधार पर कार्यवाही किये जाने का निवेदन किया। उक्त सूचना के आधार पर चौकी कंवर में गुमइंसान क्रमांक-66/2021 दर्ज कर थाना प्रभारी कैलाशचंद्र मरई के द्वारा अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध क्रमांक 0/2021 अंतर्गत संहिता की धारा 363 का अपराध्ष पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर बिना नंबरी प्रथम सूचना पत्र को थाना-गुरूर भेजकर नंबरी अपराध क्रमांक-323/2021 कायम कर प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर प्रकरण को विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान दिनांक 22-09-2021 को ग्राम दरगहन, थाना-केरगांव, जिला-धमतरी में आरोपी के कब्जे से पीड़िता को बरामद कर पीड़िता का कथन लिया गया, जहां पर पीड़िता ने बतायी कि दिसम्बर 2019 में आरोपी उसके गांव में बैण्डपार्टी में आया था, उसी दौरान उससे मुलाकात होने तथा जान-पहचान के बाद दोनों मोबाईल से बातचीत करते थे। आरोपी उसे मोबाईल में प्रपोज कर प्यार करता हूँ, शादी करूंगा कहता था तब वह उसे नाबालिग हूँ कहकर मना कर देती थी। दिनांक 03-03-2020 को आरोपी अपनी मोटरसायकिल से उसके गांव आया और उसे धमतरी घुमाने ले जाने के नाम से रास्ते में उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। जिसके बाद आरोपी कई बार उसके गांव आकर उसे अलग-अलग जगह में ले जाकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। पीड़िता के उक्त बयान के आधार पर प्रकरण में संहिता की धारा 363, 276(2) (ढ) एवं संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4, 5 (ठ)/6 जोड़कर सम्पूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र दिनांक 07.10.2021 को प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की विवेचना निरीक्षक-पद्मा जगत व उपनिरीक्षक कैलाशचंद्र मरई के द्वारा किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण में आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।