अर्जुन्दा। शहीद दुर्वासा निषाद शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा के राष्ट्रीय सेवा योजना एक महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यक्रम है, जो विद्यार्थियों को समाज सेवा में संलग्न कर उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझाने और उन्हें राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनाने के उद्देश्य से चलाया जाता है। शहीद दुर्वासा निषाद शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा के एन एस एस द्वारा आयोजित बौद्धिक परिचर्चा कार्यक्रम ने इस उद्देश्य को और भी प्रभावशाली ढंग से सिद्ध किया।
इस कार्यक्रम में डीएसपी त्रिभुवन वासनिक, कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय शुक्ला सर, तहसीलदार प्रीतम कुमार साहू, और राकेश साहू, जो राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त स्वयंसेवक हैं, उपस्थित हुए। इन प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ छात्रों के साथ साझा की और उन्हें प्रेरित किया।
डीएसपी त्रिभुवन वासनिक ने कानून और समाज पर प्रकाश डाला
डीएसपी त्रिभुवन वासनिक ने विद्यार्थियों को कानून व्यवस्था और समाज की सुरक्षा के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने विशेष रूप से पुलिस और न्याय व्यवस्था की भूमिका पर चर्चा की और यह बताया कि कैसे समाज में शांति बनाए रखने के लिए प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने छात्रों को कानून का पालन करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने के लिए कहा।
कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय शुक्ला सर ने राष्ट्र निर्माण में एन एस एस के योगदान पर जोर दिया
कार्यक्रम अधिकारी शुक्ला सर ने राष्ट्रीय सेवा योजना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह न केवल विद्यार्थियों को समाज सेवा का अवसर देता है, बल्कि उन्हें नेतृत्व, समर्पण, और जिम्मेदारी जैसे गुणों से भी परिचित कराता है। उन्होंने छात्रों को अपने व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ समाज के विकास में भी सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
तहसीलदार प्रीतम कुमार साहू ने प्रशासन और सरकारी योजनाओं के बारे में बताया
तहसीलदार प्रीतम कुमार साहू ने प्रशासन की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की और छात्रों को सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में बताया। उन्होंने यह बताया कि किस प्रकार सरकार के योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना प्रशासन का प्रमुख कार्य है। इसके लिए विद्यार्थियों को प्रशासनिक कार्यों की समझ और योगदान देने की आवश्यकता है।
राकेश साहू, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त स्वयंसेवक ने प्रेरणा दी
राकेश साहू, जो एक राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त स्वयंसेवक हैं, ने अपनी व्यक्तिगत यात्रा और अनुभवों को साझा किया। उन्होंने यह बताया कि कैसे उन्होंने एन एस एस के माध्यम से समाज में बदलाव लाने के लिए काम किया और किस प्रकार कठिनाइयों का सामना करते हुए भी उन्होंने अपने उद्देश्य को पूरा किया। उनकी कहानी ने छात्रों को यह सिखाया कि अगर इरादा मजबूत हो तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम ने छात्रों को यह समझने का अवसर दिया कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए केवल किताबों में नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में भी सक्रिय भूमिका निभानी पड़ती है। यह कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धक था, बल्कि यह छात्रों के भीतर सामाजिक जिम्मेदारी का भाव भी उत्पन्न करने में सफल रहा।
इस प्रकार, शहीद दुर्वासा निषाद शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा के एन एस एस द्वारा आयोजित बौद्धिक परिचर्चा कार्यक्रम ने छात्रों को अपनी भूमिका और जिम्मेदारी को समझने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया।