गुरुर। गुरुर में ओबीसी महासभा गुरुर ब्लॉक जिला बालोद द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर एसडीएम कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम से के ज्ञापन सौंपा। जिसमें प्रमुख रूप से ज्ञापन के जरिए ओबीसी महासभा के पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष से मांग की है कि छत्तीसगढ़ पंचायत राज्य एवं नगर पालिका निगम संशोधन अध्यादेश 2024 में संशोधन कर ओबीसी को संख्या के बराबर आरक्षण प्रदान किया जाए। ज्ञापन के जरिए ओबीसी महासभा ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों का कुल आरक्षण 50% या 50% से अधिक होने की स्थिति में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए स्थान आरक्षित नहीं किए जाने का उल्लेख है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2024में भी क्रमशः ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत एवं राज्य में यदि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए 50% या 50% से अधिक स्थान आरक्षित हो वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं किए जाने का उल्लेख है। जो की अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों के साथ अन्याय है। क्योंकि अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत ओबीसी समुदाय भी सामाजिक एवं शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हैं। संविधान के अनुच्छेद 16(4) में उचित आरक्षण का प्रावधान है और 50% की सीमा निर्धारित नहीं है। 50% सीमा निर्धारण संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्णय में यह सिद्धांत भी प्रतिपादित किया गया है कि किसी क्षेत्र में निवासरत दूरस्थ क्षेत्र के व्यक्तियों की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए 50% की अधिकतम सीमा को शिथिल कर सीमा बढ़ाई जा सकती है। इसलिए शासन प्रशासन से मांग की गई है कि 3 दिसंबर 2024 को पारित अध्यादेश को संविधान के अनुच्छेद 16(4) के अनुरूप अन्य पिछड़ा वर्ग को पर्याप्त आरक्षण दिया जाए अन्यथा ओबीसी महासभा चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने के लिए प्रमुख रूप से ओबीसी महासभा गुरूर ब्लॉक अध्यक्ष ओमप्रकाश साहू, संरक्षक संपत कलिहारी, अधिवक्ता विनेश गजेंद्र, अधिवक्ता राम गोपाल सिन्हा, अधिवक्ता हीरालाल साहू, नोहर विश्वकर्मा, अधिवक्ता रामसाय पटेल सहित सभी पदाधिकारी बड़ी संख्या में शामिल थे।