रॉबिन ढाबा का कर्मचारी 48 पौवा शराब ले जाते कैमरे में कैद, गुरुर पुलिस पहुंची जांच में तो मिला कुछ नहीं! नहीं हुई कार्रवाई…..देखिए वीडियो…
फिर विवादों में रॉबिन ढाबा, गुरुर शराब दुकान और आबकारी सहित पुलिस प्रशासन
बालोद/ गुरुर। गुरुर के भरदा में संचालित रॉबिन ढाबा आए दिन शराब बिक्री के मामले में चर्चा में रहता है। भले ही पहले भी शासन प्रशासन द्वारा यहां जांच के नाम पर औपचारिकता निभाते रहा है और किसी तरह से शराब बरामद न होने की बात कहता रहा है। लेकिन बुधवार को वहां का नजारा सब साबित कर रहा था कि कैसे खुलेआम वहां जाम छलकाया जाता है तो ढाबा के मालिक द्वारा अपने कर्मचारियों को भेज कर किस तरह से बड़ी मात्रा में गुरुर के शराब दुकान से ढाबे तक शराब की सप्लाई करवाई जाती है। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो मीडिया कर्मियों के कैमरे में भी कैद हुआ है। बावजूद गुरुर पुलिस प्रशासन द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। जो कई सवाल खड़े कर रहा है। गुरुर में मीडिया के साथी बुधवार को अपने कुछ कार्यों के लिए निकली हुई थी। इस दौरान देखा गया कि दो लोग बाइक में सवार होकर एक बोरी में बड़ी मात्रा में शराब लेकर जा रहे थे। मीडिया टीम द्वारा जब उन्हें रुकवा कर पूछा कि इसमें कितनी शराब है तो बताया गया की 48 पौवा है और रॉबिन ढाबा में वहां के सेठ (मालिक) के कहने पर ले जा रहे हैं। मौके पर मीडिया की टीम के समक्ष कर्मचारियों ने बोरी को खोलकर दिखाया। जिसमें शराब रखे हुए थे। इस वीडियो की जानकारी तत्काल पुलिस प्रशासन को भी दी गई और वहां जांच के लिए जाने के लिए कहा गया। जब कुछ देर बाद गुरुर पुलिस की गाड़ी रॉबिन ढाबा पहुंची और जांच के नाम पर फिर सब औपचारिकता पुरी की गई तो वहां कोई शराब बरामद नहीं हुआ। लेकिन वहां का नजारा शासन प्रशासन की कानून व्यवस्था पर उंगली उठाता दिखाई दे रहा था। खुलेआम लगभग 8 से 10 लोग वहां शराब पी रहे थे। कोई देसी तो कोई अंग्रेजी जाम छलका रहा था। पुलिस के सामने ही यह सब हो रहा था। लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। कुछ देर तक ढाबे में चेकिंग की औपचारिकता निभाई गई। पर ढाबे से इस बार भी कोई शराब बरामद नहीं होने की बात कर पुलिस ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की। इस घटना को देख रहे आम जनता सहित मीडिया टीम ने भी आक्रोश जताया और कहा कि एक ओर तो जहां गुरुर पुलिस कहीं रास्ते में एक दो पौवा शराब पी रहे लोगों को जबरदस्ती पकड़ लेती है और आबकारी का केस बना देती है। लेकिन उनके सामने ढाबा में खुलेआम लोग शराब पी रहे थे पर उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। यह पुलिस प्रशासन के दोहरे चरित्र को उजागर कर रहा था। जब किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई तो मीडिया कर्मियों का दल वापस गुरुर थाना पहुंचा और थाना प्रभारी टीएस पट्टावी को वीडियो दिखाकर वस्तु स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। उनके द्वारा कार्रवाई का आश्वासन तो दिया गया। पर साथ में उल्टा यह कहा गया कि जो शराब ले जा रहे थे उन्हें आप लोगों को पकड़ के रखना था। यानी कह सकते हैं कि गुरुर पुलिस भी अपना काम मीडिया को सौंप रही थी। खुद कार्रवाई करने और उन कर्मचारियों को पड़कर पूछताछ करने, शराब बरामद करने के बजाय औपचारिकता निभाकर पुलिस टीम वहां से लौट आई और कोई शराब बरामद नहीं हुई। इससे पहले भी कई बार इस रॉबिन ढाबा में शराब बेची और पिलाए जाने की घटना सामने आ चुकी है। बड़ी संख्या में आए दिन यहां के कर्मचारी गुरुर शराब दुकान से शराब की खेप उतारते हैं। यह कृत्य आबकारी विभाग पर भी संदेह खड़ा करता है। जहां शासन के नियम के तहत अब प्रत्येक व्यक्ति को एक बार में सिर्फ चार पौवा शराब दी जाती है। वहां इस रॉबिन ढाबा से आखिर कैसी संलिप्तता है कि उन्हें एक साथ एक खेप में 48 पौवा शराब दे दिया जाता है। ऐसे में सब सच सामने आने के बावजूद कोई कार्रवाई न होना सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।
शांति समिति बैठक में लिए निर्णय भी हो रहे दिखावे साबित
जहां कुछ दिन पहले शांति समिति की बैठक में एसडीएम प्राची ठाकुर द्वारा कहा गया था कि अगर कहीं भी किसी के ऊपर भी संदेह होता है , कोई भी जानकारी प्राप्त होती है तो तत्काल गुरुर पुलिस को जानकारी दें। ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना ना घटे और दिवाली शांतिपूर्वक मनाई जाए लेकिन देखा जा रहा है कि गुरुर पुलिस कार्रवाई के नाम पर पक्षपात कर रही है और रॉबिन ढाबा संचालक द्वारा इसी बात का फायदा उठाकर खुलेआम शराब बेच रहे हैं और अपनी आने वाले ग्राहकों को भी जाम छलकाने की अनुमति दे रहे हैं। शांति समिति की बैठक में लिए गए निर्णय महज दिखावे स्थापित हो रहे हैं।
शराब दुकान के कर्मचारी कोचियों पर मेहरबान
देसी शराब की दुकान से आए दिन कोचियों को बड़ी मात्रा में शराब की सप्लाई कराई जाती है। जिसके चलते नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र और ऐसे तथाकथित ढाबों में खुलेआम शराब बेची और पिलाई जा रही है। पुलिस के सामने भी लोग रॉबिन ढाबा में शराब पी रहे थे। पर पुलिस मूकदर्शक बनी रही। किसी पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई। जो बड़ा सवाल खड़ा करता है। वही शराब ले जाते हुए ढाबा के कर्मचारियों का वीडियो सोशल मीडिया में भी सार्वजनिक हो गया है। जिससे एक बार फिर रॉबिन ढाबा , आबकारी विभाग , सरकारी शराब दुकान और गुरुर पुलिस प्रशासन चर्चा के साथ विवादों में है।