ग्रामीण जिला होने के बाद भी बढ़ रहा बालोद जिले में साइबर क्राइम, इसलिए नए एसपी के निर्देशन में हर थाना क्षेत्र में शुरू हुआ साइबर कवच अभियान, देखिये क्या- क्या होगा इसमें?

बालोद। अब हर थाना क्षेत्र में लोगों को साइबर क्राइम के प्रति सचेत करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है ऐसा करने की जरूरत इसलिए आन पड़ी क्योंकि बालोद जिला जोकि मूलतः ग्रामीण क्षेत्र में आता है पर इसके बावजूद यहां पर साइबर क्राइम की अधिकता इतनी ज्यादा है कि आए दिन कोई न कोई साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं और लोग लाखों गंवा रहे हैं। इसे देखते हुए नए एसपी सदानंद कुमार ने विगत दिनों क्राइम मीटिंग के दौरान इसकी समीक्षा की और सभी थाना प्रभारियों को इसकी दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा गया कि साइबर कवच अभियान चलाएंगे और निर्देश के बाद सभी थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को इसमें जागरूक करने के लिए जुट गए हैं। फिलहाल सोशल मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए थाना प्रभारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं और साइबर कवच के नाम से अपने अपने इलाके की ग्रुप बना रहे हैं। इस ग्रुप में वे साइबर क्राइम जागरूकता से संबंधित वीडियो फोटो व अन्य जानकारी साझा करेंगे। साथ ही एक पोस्टर भी तैयार किया गया है जिसमें साइबर अपराध को रोकने के लिए बालोद पुलिस की नई पहल दर्शाते हुए साइबर अपराध की घटना होने पर तुरंत टोल फ्री नंबर 155260 पर कॉल करने या लिंक- www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करने की अपील भी की गई है। साथ ही बालोद पुलिस के मोबाइल नंबर 947919 1160 या फोन नंबर 07749 223803 पर भी सूचना देने कहा गया है। इसके अलावा जिस थाने के क्षेत्र में यह घटना हुई है वहां के थाना प्रभारी को खबर देने की अपील भी की जा रही है ।

एसपी ने बताई अभियान के पीछे यह वजह

इस संबंध में एसपी सदानंद कुमार ने DailyBalodNews को बताया कि फिलहाल हम सोशल मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए ही जागरूकता अभियान चला रहे हैं। जैसे-जैसे कोरोना की स्थिति ठीक होती है फिर कार्यक्रम वगैरह भी करेंगे। चलित थाना के जरिए हमारा प्रयास होगा कि गांव-गांव तक जाकर हमारी टीम लोगों को इस बार खासतौर से साइबर क्राइम के प्रति सचेत करें। उन्होंने कहा कि क्राइम मीटिंग में मैंने समीक्षा की। बालोद जैसे ग्रामीण जिले में 50 से ऊपर साइबर केस हाल ही में सामने आ चुके हैं। जो चिंतनीय है। इसमें हम जागरूकता के अलावा ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकते। क्योंकि कब कौन कहां साइबर क्राइम का शिकार हो जाए कोई नहीं जान पाता। अक्सर घटना हो जाने के बाद हमें सूचना मिलती है।कई लोग तो रिपोर्ट भी नहीं कराए रहते। इसलिए लोगों को सचेत करना बहुत जरूरी है। ताकि वे इस तरह की घटना का शिकार ही ना हो। लगातार डिजिटल तकनीकों के इस्तेमाल से भी लोग इसका शिकार हो रहे हैं।लोगों को उन तकनीकों का सुरक्षा के साथ इस्तेमाल करना नहीं आता। जानकारी के अभाव में लोग ऐसे साइबर ठगों के जाल में फस रहे हैं।

किस तरह के हो रहे जिले में साइबर अपराध

अब तक की घटनाओं में साइबर अपराध प्रमुखता फोन पे में पैसा ट्रांजैक्शन ना होने पर कस्टमर केयर में कॉल करने पर फ्रॉड के द्वारा सामने वाले के नंबर पर ओटीपी भेज कर पैसा निकालने, एटीएम वेरिफिकेशन के नाम पर झांसे में लेने या फिर खाते में पैसा ट्रांसफर करने या आधार अपडेशन करने, खाता अपडेट करने या फिर लॉटरी का झांसा देकर लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। कम पढ़े लिखे लोग या फिर कहीं पर पढ़े लिखे लोग भी इस तरह के झांसे में आ जाते हैं और लालच में पड़कर अपनी जमा पूंजी भी गवां बैठते हैं।

ग्रुप बनाकर लोगों को कर रहे जागरूक
गुंडरदेही थाना प्रभारी रोहित मालेकर ने बताया साइबर अपराधों को रोकने के पुलिस अधीक्षक बालोद सदानंद कुमार द्वारा “साइबर कवच” साइबर अपराधों से सुरक्षा ,जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है। कम्प्यूटर व इंटरनेट के अधिक प्रचलन से साइबर अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। कई अपराध जैसे आर्थिक अपराध, एटीम धोखाधड़ी, बैंक से जुड़े फ्रॉड, सोशल मीडिया से जुड़े साइबर अपराध, धमकी, निजता का हनन, महिलाओ से जुड़े साइबर अपराध, मानहानि, पहचान चोरी करना आदि में बढ़ोतरी हुई है। आम जनता को इन अपराधों से जुड़े तथ्यों की जानकारी नही होने के कारण सायबर अपराधी इन्हें आसानी से अपना निशाना बना लेते है। जागरूकता अभियान में इसी तरह के अपराधों के बारे में सचेत किया जाएगा।

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