जिले से 10 शिक्षकों ने जाना प्रकृति को करीब से, प्रकृति अध्ययन कार्यशाला में हुए शामिल

बालोद। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत विज्ञान प्रसार नई दिल्ली द्वारा साइंस सेंटर मध्य प्रदेश के सहयोग से स्कूली शिक्षकों के लिए चार दिवसीय प्रकृति अध्ययन कार्यशाला का आयोजन 7 से 10 मार्च तक भिलाई के हुडको सेक्टर आमदी नगर स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के सभागार में किया गया था। इस कार्यशाला में बालोद जिले से भी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना अधिकारी के निर्देशन पर 10 शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। जिसमें प्रमुख रुप से बड़गांव हायर सेकेंडरी स्कूल व्याख्याता कादम्बिनी यादव, जमरवा हाई स्कूल से व्याख्याता लेख राम साहू, खैरवाही हाई स्कूल से अमरदीप गुप्ता, चंदन बिरही हायर सेकेंडरी स्कूल से अजय ठाकुर, मोहारा से गुरु विष्णु साहू, मड़वापथरा से इंद्र कुमार नागेश, मरदेल से पीके निषाद,भरनाभाट से गुरुदास शिम्पी, माहुद से विजयलक्ष्मी, भिराई से वरुण कुमार साहू शामिल रहे।

इस चार दिवसीय कार्यशाला के दौरान वहां शिक्षकों को प्रकृति के बारे में बहुत ही करीब से वैज्ञानिक तथ्यों के जरिए समझाया गया ताकि इस कार्यशाला से प्रशिक्षित होकर शिक्षक स्कूल में बच्चों को सिखाएं। प्रकृति के अध्ययन के लिए शिक्षकों को मैत्री गार्डन भी घुमाया गया। कार्यशाला के दौरान हेमचंद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने शिक्षकों को कहा कि प्रकृति के नजदीक जाने से प्रकृति हमें वह सब कुछ सिखाती है जो हमें कक्षाओं या पुस्तकों में नहीं मिलता है। जरूरत है प्रकृति को जानने व समझने की दृष्टि से उसमें खो जाने की। इस तरह की कार्यशाला शिक्षण की गुणवत्ता व शैक्षिक प्रक्रिया में बच्चों की रुचि को समृद्ध करती है। कार्यशाला के दौरान साइंस सेंटर की सचिव संध्या वर्मा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

55 प्रतिभागी शिक्षकों ने ऐसी 45 सरल गतिविधियों को सीखा, जिनसे वे बच्चों को उनके आसपास के प्राकृतिक प्रक्रिया को सुगमता से सिखा सके। कार्यशाला संयोजक डी एन शर्मा ने बताया कि इसमें बालोद सहित कबीरधाम, राजनांदगांव, बेमेतरा, दुर्ग जिले से शासकीय स्कूलों के अलावा चार डीएवी स्कूलों व डीकेएस भिलाई के शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता रही। कुलपति डॉ अरुणा ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र व स्कूलों के लिए प्रकृति अध्ययन किट भी दिए.

इस कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों की ओर से बड़गांव की कादम्बिनी यादव सहित अन्य शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए। इससे छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से आए हुए शिक्षकों ने भी प्रेरणा ली । इस कार्यशाला की सहभागिता पर डीईओ आरएल ठाकुर व जिला परियोजना अधिकारी असीमा चटर्जी ने भी चयनित शिक्षकों का हौसला बढ़ाया। वहां सीखी बातों को अपने-अपने स्कूलों में बच्चों तक पहुंचाने प्रेरित किया।

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