ब्रेकिंग: आवास प्लस में सर्वे के लिए मिला लोगों को एक महीने का अतिरिक्त समय: जिले में छूटे हुए पात्र परिवारों को आवास योजना का लाभ दिलाने सर्वेक्षण कार्य की अंतिम तिथि अब 30 अप्रैल, पहले निर्धारित थी 31 मार्च

बालोद। कलेक्टर इन्द्रजीत चन्द्रवाल के निर्देशन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. संजय कन्नौजे के मार्गदर्शन ’आवास पखवाड़ा’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत सर्वेक्षण कार्य की अंतिम तिथि 31 मार्च तक निर्धारित की गई थी। जिसकी तिथि में वृद्धि करते हुए अब यह सर्वेक्षण कार्य 30 अप्रैल 2025 तक किया जाएगा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अब छूटे हुए पात्र परिवारो को भी योजना का लाभ मिलेगा। आवास प्लस की प्रतिक्षा सूची में शामिल ऐसे लोगों को फिर से सर्वे कर योजना में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने बताय कि पूर्व में यह सर्वेक्षण 31 मार्च 2025 तक पूर्ण किया जाना था जिसकी अवधि में शासन ने वृद्धि करते हुए अब यह सर्वेक्षण कार्य 30 अप्रैल 2025 तक किया जाएगा। उक्त सर्वेक्षण हेतु ग्राम पचांयत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, आवास मित्र को प्रगणक नियुक्त किया गया है जो आवास प्लस ऐप के माध्यम से सर्वेक्षण कर रहे हैं। किसी भी पात्र परिवार का नाम यदि छूट जाता है तो वह संबंधित ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, आवास मित्र से संपर्क कर अपना सर्वेक्षण करा सकते हैं। सर्वे पूरी तरह निःशुल्क है तथा इसमें किसी भी प्रकार के शुल्क का कोई प्रावधान नहीं है यदि कोई सर्वेक्षण हेतु शुल्क की मांग करता है तो इसकी तत्काल शिकायत करंे। कलेक्टर श्री इन्द्रजीत एस. चन्द्रवाल ने सभी छुटे हुए पात्र परिवारो को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए सर्वेक्षण में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाम लेने से कोई भी पात्र हितग्राही वंचित नहीं होना चाहिए। इस महती योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित लाभार्थी अपने ग्राम पंचायतों के सचिव, रोजगार सहायक, आवास मित्र से जरूर संपर्क करें। उल्लेखनीय है कि प्रधाननमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत नवीन पात्र लाभार्थियों की पहचान कर उनका सर्वेक्षण कार्य आवास प्लस मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से कराया जा रहा है। योजनान्तर्गत जिले में विभिन्न कारणों से छुटे हुए पात्र परिवारो को स्वयं का पक्का आशियाना प्रदान करने के लिए शासन के निर्देशानुसार सर्वेक्षण कार्य जारी है। सर्वेक्षण का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रो में पात्र परिवारों की पहचान कर उन्हें आवास प्लस सूची में शामिल किया जाना है। यह सर्वेक्षण आवास प्लस 2024 मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से किया जा रहा है, यह ऐप संभावित पात्र परिवारो का विवरण एकत्रित करता है जिसमें वर्तमान आवास की जियोटैग्ड तस्वीर एवं आवास निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थान शामिल है।
जिनका नहीं बना जॉब कार्ड वे जल्दी बनवा सकते हैं
आवास प्लस सर्वे की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़कर 30 अप्रैल कर दी गई है, जो छूट गए हैं या जिनका जॉब कार्ड नहीं बना है वे जल्द से जल्द जॉब कार्ड बनाकर पात्रता के अनुसार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि अगर सर्वे आवेदन करते समय गलत जानकारी भरते हैं और बाद में जांच में गड़बड़ी पकड़ी जाती है तो आप वैसे ही अपात्र होंगे, नियम के तहत जिनकी ढाई एकड़ सिंचित जमीन है या पांच एकड़ असिंचित जमीन है, जिनके यहां कोई सरकारी नौकरी में है या जिनकी किसी भी व्यक्ति की मासिक आमदनी 15000 से अधिक है वह इसमें अपात्र में आएंगे। स्वयं सर्वे करते समय गलत जानकारी भरकर भी आप सर्वे अपलोड करते हैं तो बाद में जब ग्राम सभा में अनुदान के पूर्व भौतिक सत्यापन होगा तो उसमें गलती पकड़ी जाने पर आपके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है और आपका जॉब कार्ड निरस्त हो जाएगा। इसलिए जो सही जानकारी है उसे ही भरिए ताकि बाद में कोई परेशानी ना हो, अगर किसी जॉब कार्ड पर आपको आवास का लाभ मिल चुका है तो दोबारा उसमें आपको लाभ नहीं मिलेगा। शिकायतें आ रही है कि कुछ लोग दूसरे के जॉब कार्ड का नंबर डालकर भी फॉर्म भर रहे हैं जबकि जब भौतिक सत्यापन होगा तो उस समय गलती पकड़ी जाएगी और राजस्व विभाग के भुइया ऐप में सबका जमीन कितना है उसका भी पूरा रिकॉर्ड रहता है तो उसे भी कोई छिपा नहीं सकते।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अपनी वास्तविक जानकारी ही उसमें अपलोड करें। ताकि बाद में किसी भी तरह के कार्यवाही का शिकार न होना पड़े। इस सर्वे में जॉब कार्ड को मुख्य आधार बनाया गया है। क्योंकि पूरे परिवार का जॉब कार्ड एक ही होता है। भले लोग एक ही घर में रहने के बावजूद अलग-अलग राशन कार्ड बना चुके हैं इसलिए शासन ने पारदर्शिता अपनाते हुए जॉब कार्ड के आधार पर ही सर्वे स्वीकार किया है और ऑनलाइन आवेदन करते समय सबसे पहले आधार कार्ड के अनुसार मुखिया का नाम और जॉब कार्ड का नंबर ही डालना पड़ता है।