सिस्टम की लापरवाही से जगन्नाथपुर में बन गई थी तनाव की स्थिति, विवाद सुलझाने पहुंचे तहसीलदार और टीआई, पढ़िए पूरा मामला…..

सीमांकन के लिए 4 महीने से दफ्तरों के चक्कर काट रही है महिला, गलियों का गंदा पानी होता है दीवारों में सीपेज, विवाद बढ़ा तो बंद कर दी थी नाली का रास्ता, अधिकारियों ने पंचायत प्रशासन को दिया व्यवस्था सुधारने का निर्देश

बालोद। बालोद ब्लाक के ग्राम जगन्नाथपुर में मंगलवार की शाम को तहसीलदार और थाना प्रभारी रवि शंकर पाण्डेय दोनों ही अपनी टीम के साथ एक विवाद को सुलझाने के लिए पहुंचे थे। दरअसल में मामला शीतला मंदिर के सामने स्थित गली का है। जहां पर रहने वाली एक महिला सोनबती यादव के मकान के पास अंदर पूरी बस्ती का गंदा पानी आकर जमा हो जाता है। नाली के अव्यस्थित तरीके के निर्माण के चलते लगातार उनके घर के दीवार में सीपेज होता है। तो वहीं बरसात में करंट का भी खतरा रहता है। लगातार उक्त समस्या का निराकरण हेतु प्रभावित महिला मांग भी करती रही लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जाता था। वार्डवासियों के साथ बढ़ते विवाद को देखते हुए उन्होंने फिर नाली का रास्ता बंद कर दिया था। ताकि उनके घर को कोई नुकसान ना हो। इसके बाद पंचायत प्रतिनिधि सहित वार्डवासी थाने तक पहुंच गए थे और महिला के खिलाफ नाली अवरुद्ध करने की शिकायत की थी। जांच पर जब तहसीलदार और थाना प्रभारी दोनों ही पहुंचे तो उन्हें महिला ने अपना पुराना आवेदन दिखलाया । जिसमें स्वयं तहसीलदार ने 25 नवंबर 2024 को राजस्व निरीक्षक बघमरा (आरआई) को आदेशित किया है कि सोनबती द्वारा दिए गए आवेदन पर उनके अधिकृत खाते और कब्जे की भूमि की चतुरसीमा की सही जानकारी के साथ सीमांकन कर एक महीने के भीतर रिपोर्ट दे लेकिन आज 4 माह बीत रहे कोई सीमांकन के लिए आगे ही नहीं आ रहा। जिससे वार्ड वासियों सहित महिला के बीच भी मनमुटाव की स्थिति बनती जा रही थी। सिस्टम की इस लापरवाही का नतीजा रहा कि मोहल्ले में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी। मामले को सुलझाते हुए तहसीलदार और थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर वस्तुस्थिति देखी तो पाया गया कि गली का पूरा गंदा पानी संकरी नाली से होकर उक्त महिला के घर के सामने ही भर जाता है। तो वहीं बरसात में खासतौर से दीवारों में सीपेज का खतरा भी बना रहता है।

मौके पर ही पहुंचे उप सरपंच मनोज सुकतेल सहित अन्य पंचों और वार्ड वासियों को कहा गया की नाली की व्यवस्था सुधारी जाए।

महिला को आश्वस्त किया गया कि नाली का उचित तरीके से निर्माण और जिर्णोद्धार होगा ताकि पानी किसी के घर के पास ना रुके और आसानी से प्रवाह हो सके। इधर तहसीलदार और थाना प्रभारी के निर्देश के बाद मामले की सुलह करते हुए दूसरे दिन ही पंचायत प्रतिनिधि स्वयं ही वहां मौजूद रहकर नाली की व्यवस्था सुधारने में जुटा रहा। मौके पर अव्यस्थित नाली निर्माण होना भी पाया गया। जिससे मोहल्ले का पानी एक ही जगह इकट्ठा हो जाता है और आसपास की बड़ी नालियां जाम पड़ी थी।

जिसे काफी मशक्कत के साथ सफाई की गई और पानी के प्रवाह की व्यवस्था बनाई गई। महिला सोनबती ने कहा कि उनके मकान में सीपेज नहीं होना चाहिए। उनके घर में लगा नल कनेक्शन का पाइप लाइन भी गंदे पानी के बीच है। इस हेतु पंचायत उचित कदम उठाए और वहां सीमेंटीकरण कर व्यवस्था सुधारे ताकि भविष्य में और किसी को कोई दिक्कत ना हो। वहीं सोनबती ने कहा राजस्व विभाग से उन्होंने स्वयं ही सीमांकन की मांग की है। लेकिन 4 महीने हो गए कोई जांच के लिए ही नहीं आ रहे थे। ग्रामीणों द्वारा जब उनके ऊपर नाली अवरुद्ध करने का आरोप लगाकर थाने में शिकायत की गई तो स्वयं तहसीलदार यहां आए हैं। वे चाहते हैं कि उचित सीमांकन हो। पूर्व में एक पटवारी द्वारा सीमांकन किया भी गया था जिसमें जो हम मकान बनाए हैं वह हमारी जमीन पर ही बनना पाया गया है। राजस्व निरीक्षक भी आकर इसकी पुष्टि कर सकते हैं। उनके पास भी सभी नक्शा खसरा है।

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