अर्जुन्दा से अंडा मुख्य मार्ग पर ग्राम चीचा नाला चार दिन से उफान पर, 3 दिनों तक बंद रहा आवागमन, जनपद सदस्य ने कहा 5 साल से हो रही ऊंचे पुल की मांग पर कोई नहीं दे रहे ध्यान

संजय साहू, अंडा/बालोद। बालोद को दुर्ग जिले से नजदीक रास्ते से जोड़ने वाली अर्जुंदा व्हाया चीचा विनायकपुर मार्ग पर चीचा और ओड़ारसकरी के बीच पड़ने वाला संकरा पुल बारिश में लगातार चार दिन से जलमग्न है। तीन दिन तक जलस्तर ज्यादा होने से आवागमन पूरी तरह से बंद रहा। चौथे दिन कुछ हद तक ग्रामीणों को राहत मिली। लेकिन अभी भी पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। स्थानीय जनपद सदस्य अनिल सोनी ने आरोप लगाया कि कई साल से यहां पर ऊंचे पुल बनाने की मांग करते आ रहे। पिछले 5 साल तक कांग्रेस की सरकार रही लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी ध्यान नहीं दिया। कई बार इसके लिए हम कई जगह मांग कर आवेदन दे चुके हैं। अब उम्मीद करते हैं कि विष्णु देव के शासनकाल में इस पुल का उद्धार होगा। पुल के ऊपर दो से तीन फीट पानी बहता रहता है। जब जब ज्यादा बारिश होती है लोगों का ब्लॉक मुख्यालय और जिला मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है। तो वहीं यात्री बसों का आवागमन भी प्रभावित होता है। इस रास्ते से लोग अर्जुंदा चीचा होते हुए सीधे अंडा से जुड़ते हैं। जो कि दुर्ग जाने का सबसे नजदीकी रास्ता है। आसपास के 100 से ज्यादा गांव के लोग इसी रास्ते से सफर करते हैं। इसके बावजूद चीचा के इस पुल की सुध कोई नहीं ले रहा है। शासन प्रशासन, विभाग और नेता भी इसे नजर अंदाज कर रहे हैं। बारिश में पुल डूब जाता है। क्षेत्र के ग्रामीण शासन प्रशासन से बड़ा पुल के लिए गुहार लगा रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत पढ़ने वाले बच्चों का हो रहा है। 5 साल तक पूर्व में कांग्रेस सरकार का सत्ता और विधायक रहते हुए भी इस पुल के लिए कोई जन प्रतिनिधि व शासन प्रशासन सूध नहीं लिए। जनपद सदस्य अनिल सोनी ने कहा अभी भाजपा सरकार में क्षेत्र के कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद को कई बार ग्रामीणों ने इस नाला को ऊंचा करने के लिए आवेदन दे चुके है। पर भी इस नाला के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। कई बार इस नाला के लिए बड़ा पुल बनाने के लिए कई जगह शासकीय संस्थाओ में आवेदन दे चुके हैं। लेकिन शासन प्रशासन इस नाला के लिए कोई सूध नहीं ले रहा है। जबकि यह एक मुख्य मार्ग है अर्जुंदा से अंडा जाते हैं। अभी चार-पांच दिन के बारिश में आवागमन बंद हो गया था। जिससे राहगीरों को और सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। जनपद सदस्य का यही कहना है कि जल्द से जल्द इस नाला को बड़ा पुल बनाया जाए।

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