डाक टिकट प्रेमी डॉक्टर प्रदीप जैन ने बुद्ध पूर्णिमा पर लगाई बुद्ध से जुड़ी टिकटों की प्रदर्शनी

बालोद। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर स्थानीय पोस्ट ऑफिस में नगर के डाक टिकट संग्राहक डॉक्टर प्रदीप जैन ने भगवान बुद्ध के जीवन की उपलब्धियों एवम् मुद्राओ पर विभिन्न देशों द्वारा जारी आकर्षक डाक टिकटो की प्रदर्शनी आयोजित की है।

छत्तीसगढ से भी गौतम बुद्ध का विशेष जुड़ाव रहा है। यहां के महासमुंद के सिरपुर में आज भी कई बौद्ध स्मारक हैं। जिन पर डाक टिकट भी जारी हो चुके हैं।


वैशाख शुक्ल पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा या पीपल पूर्णिमा अथवा वसाक कहा जाता है। प्रत्येक माह की पूर्णिमा जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित होती है। इसी दिन भगवान बुद्ध की जयंती और निर्वाण दिवस भी बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बोधगया में दुनियाभर से बौद्ध धर्म के अनुयायीबड़ी संख्या में आते हैं। बोधि वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इसी वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।हमारे देश में 1956 में जारी टिकट में बोधि वृक्ष को दिखाया गया है।साथ ही 2007 में उनके महापरिनिर्वाण के 2550 वर्ष पूर्ण होने पर भगवान बुद्ध के जीवन की अवस्थाओं पर भी छह टिकट जारी किए गये थे। वैशाख पूर्णिमा भगवान बुद्ध के जीवन की तीन अहम बातें -बुद्ध का जन्म,बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति एवं बुद्ध का निर्वाण के कारण भीयह विशेष तिथि मानी जाती है। भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम है जो दुःख के निदान का मार्ग बताता है।छत्तीसगढ़ का सिरपुर प्राचीनकाल में बौद्ध धर्मावलंबियों का केंद्र रहा है वहाँ खुदाई में विशाल स्तूपा के अवशेष प्राप्त हुए हैं। महात्मा बुद्ध पर बौद्ध धर्म को मानने वाले देशों जैसे थाईलैण्ड, नेपाल,श्रीलंका, चीन,जापान, लाओस, कंबोडिया व वियतनाम आदि देशों द्वारा भी डाक टिकट जारी किये गये हैं।

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