मनमानी जारी पर्यावरण प्रदूषण के चलते लाल एक प्रतिबंध है इसके बाद भी दूसरे क्षेत्र के लोग आकर चला रहे हैं ऐसा कारोबार
गांवो में चल रहे अवैध ईट भट्ठे, लकड़ी की भी अवैध कटाई, इसे रोकने नहीं कर रहे कार्रवाई
देवरीबंगला । ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक सुस्ती के चलते बड़ी संख्या में अवैध ईट भट्ठे संचालित है। ग्राम देवरी ,पसौद,खैरा, साल्हे,मनकी सहित कई गांवो में लाल ईट बनाने का कार्य बेधड़क जारी है। कार्यवाही नहीं होने के कारण यह कारोबार फल फूल रहा है।
अंचल के अनेक ग्रामों में इन ईट भट्ठे में जहां बड़ी मात्रा में पेड़ों की अवैध कटाई कर लकड़ी के साथ-साथ मुर्गी खाद का उपयोग किया जा रहा है। ईट निर्माण के लिए मिट्टी की खुदाई की जा रही है व ईट निर्माण के लिए पानी की किल्लत सामने आती है। इन भट्ठों में किसानी के नाम से किए गए बोर से बाकायदा पानी की सप्लाई की जा रही है। अवैध ईट भट्ठों में बिजली सप्लाई के लिए बेतरतीब ढंग से असुरक्षित वायरिंग की गई और यह सप्लाई भी किसानो को खेती के लिए दिया गया है। वर्षों से संचालित भट्ठों की जानकारी ग्राम पंचायत के पास भी नहीं है ना ही राजस्व के पास है। शासन के निर्देश में स्पष्ट उल्लेख है कि प्रदूषण के चलते लाल ईट प्रतिबंधित किया गया है। इसके बावजूद दूसरे क्षेत्र के लोग इस क्षेत्र में आकर अवैध कारोबार में लिप्त है। लाल ईट पकाने के नाम से हर ईट भट्ठों में मुर्गी खाद का उपयोग किया जा रहा है जो पूरे गांव के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। पंचायत प्रतिनिधि से मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत के खाते में अब तक कोई राशि जमा नहीं की गई है और न हीं ग्राम पंचायत के अलावा राजस्व विभाग तथा खनिज विभाग से कोई भी परमिशन नहीं लिया गया है। सभी संचालित भट्ठों की जानकारी है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में कार्य कर रहे राजस्व विभाग के कर्मचारी वन विभाग,खनिज विभाग, ग्राम पंचायत सचिव,बिजली कंपनी के कर्मचारी सहित सभी विभाग के अधिकारियों पर भी अनेक सवाल उठने लगा है।
अब तक कोई भी कार्यवाही देखने नहीं मिली। समय रहते इन्हीं भट्ठों से ग्राम पंचायत को राजस्व क्यों नहीं मिल रहा बिजली का उपयोग फसल के बजाय ईट का व्यापार करने के लिए बेचा जा रहा है। ईट को पकाने के लिए ठेकेदारों के माध्यम से बेधड़क हरे भरे पेड़ो की लकड़ी काटा जा रहा है जिससे वन विभाग की ओर से कभी कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली है। आखिर इन अवैध ईट भट्ठों के संचालक में किसी विभाग की मौन स्वीकृति क्या इशारा करती है। यह मामला केवल एक ग्राम का नहीं है बल्कि पूरे क्षेत्र का है। समय रहते जिला प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दिया तो लोग इस प्रदूषण से लपेटे में आकर स्वास्थ्य खराब हो जाएगा।
नायब तहसीलदार मार्री देवरी घरेंद्र कश्यप,,, मैं अभी छुट्टी में हु लाल ईट भट्ठों की जानकारी मुझे अभी नहीं है।
पोषण देवांगन सरपंच ग्राम पंचायत पसौद,,,,ग्राम पंचायत से लाल ईट भट्ठे संचालित करने के लिए कोई भी ग्राम पंचायत से परमिशन नहीं लिया गया है और न ही ग्राम पंचायत को कोई राशि मिला है।
अमर लाल सरपंच ग्राम पंचायत मार्री,,,,,,ग्राम पंचायत से कोई भी लाल ईट भट्ठों के नाम से परमिशन दिया गया है।