हे प्रभु!कोई तो मुझे नीचे उतरवा दो, यह गुहार है छत पर चढ़े नंदी महाराज की, देखिए एक्सक्लूसिव वीडियो,, क्या कहते हैं जिम्मेदार, आखिर क्यों चौथे दिन भी अब तक नहीं उतार पाए इस सांड को
दीपक यादव बालोद। बालोद जिला मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दूर ग्राम परसदा (जगन्नाथपुर) में ग्राम पटेल भावसिंह यदुवंशी के ही घर की छत पर गांव का सांड (नंदी) विगत चौथे दिन से चढ़ा हुआ है। शनिवार की रात से इसके छत पर चढ़ने की बात सामने आई है। जिसे अब तक किसी के द्वारा उतारा नहीं गया है। लाखड़ी खाने के लालच में सांड खुले गेट के जरिए सीढ़ियों के रास्ते छत पर तो चढ़ गया लेकिन वह उतर नहीं पा रहा है। ऐसे में इसे क्रेन से ही उतारना संभव हो पाएगा। भारी भरकम सांड को एक उतारने की हिम्मत कोई नहीं कर पा रहे हैं
तो वही सबसे बड़ी दिक्कत क्रेन के जुगाड़ को लेकर आ रही है। मामले की जानकारी लेने के लिए जब हमारी टीम गांव पहुंची और संबंधित लोगों से बातचीत की गई तो यह पता चला कि कुछ महीने पहले गांव में एक कुएं में भी एक दूसरा सांड गिर गया था। उसे निकालने के समय क्रेन मंगाया गया था। लेकिन क्रेन का किराया ग्रामीणों द्वारा नहीं दिया गया ना पंचायत प्रशासन द्वारा। ऐसे में गौ सेवको द्वारा आपस में सहयोग करके क्रेन का पैसा दिया गया था। उस बात की नाराजगी अभी भी देखने को मिल रही है। तो वहीं पशु विभाग भी इसमें फंड नहीं होने की बात कह रहा है। तो इधर ग्राम पंचायत प्रशासन का कहना है कि उक्त सांड निजी घर में चढ़ा हुआ है। ऐसे में पहली जिम्मेदारी तो घर वाले की होती है। भले पंचायत अपने स्तर पर यथासंभव सहयोग करने तैयार है। यह विडंबना ही कह सकते हैं कि चौथा दिन बीत रहा है पर अब तक सांड को उतारा नहीं गया है। अधिकारी यही आश्वासन देते आ रहे हैं कि हम क्रेन की व्यवस्था करवा रहे हैं ।लेकिन क्रेन कब तक आएगा कोई ठिकाना नहीं है। इधर ग्राम पटेल भाव सिंह मामले की शिकायत कलेक्टर तक करने की बात कर रहे हैं। अधिकारियों ने उन्हें कलेक्टर तक जाने से रोक कर रखा है। यही कहा जा रहा है कि हम जल्द से जल्द क्रेन भिजवा रहे हैं। लेकिन सवाल यही उठता है कि क्रेन तो मंगा देंगे पर किराया कौन देगा? पशु विभाग के अधिकारी देवेंद्र सिहारे का कहना है कि हमारे पास इस संबंध में कोई फंड नहीं है। पंचायत और ग्रामीणों को हमने क्रेन के मामले में सहयोग करने के लिए कहा है। पशु चिकित्सा अधिकारी टीडी देवांगन ने भी कहा मामले की जानकारी कल मिली थी। गांव गए थे। छत पर ही नंदी के खाने पीने का इंतजाम किया गया है। उसे क्रेन से ही उतारा जा सकता है। इसकी व्यवस्था में लगे हुए हैं। ग्रामीण और पंचायत प्रशासन से सहयोग अपेक्षित है तभी कुछ हो पाएगा। वही मामले में सरपंच पति घुरऊ
राम साहू का कहना है कि हम सहयोग करने के लिए तैयार हैं। रही बात पिछले बार क्रेन के किराए को लेकर तो मुझे पिछली बार किसी ने कहा ही नहीं, मैंने उस समय जेसीबी मंगवाया था उसका किराया हमने दिया भी था। क्रेन को लेकर अगर कोई बात उस समय बोलते तो हम किराया पंचायत से दे देते। लेकिन हमें उस समय किसी ने इस बारे में बताया ही नहीं था।
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