धर्मांतरण रोकने के लिए गांव- गांव पहुंच रही अखिल भारतीय हिंदू महासभा की टीम, जिला महिला अध्यक्ष रानी मनोज गौर कर रही ग्रामीणों से ये निवेदन?
बालोद। बालोद जिले में जो लगातार धर्म परिवर्तन का खेल जोरो से चल रहा है। उसके विरोध में और सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बालोद जिला महिला अध्यक्ष अखिल भारतीय हिंदू महासभा रानी मनोज गौर अपनी टीम के साथ गांव गांव पहुंच रही है और चौपाल लगाकर चौक चौराहों में गांव के वरिष्ठ जनों और बुजुर्गों को धर्मांतरण के प्रति आगाह कर रही है। लोगों को बताया जा रहा है कि हमें किसी भी प्रलोभन में नहीं आना है। हमारा सनातन धर्म सबसे प्राचीन है। सबसे प्रथम स्थान पर हिंदू धर्म है। इस धर्म को हमें किसी भी लालच में आकर नहीं छोड़ना है जो कोई भी धर्मांतरण के लिए हमें बहकाने के लिए आ रहे हैं उन्हें गांव से भगाए और अपने धर्म की रक्षा करें। इस तरह की बातें रानी मनोज गौर के द्वारा लोगों को कही जा रही है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा का सनातन धर्म परिवर्तन रोक रैली रानी मनोज गौर जिला अध्यश बालोद द्वारा महिला संगठन के साथ निकली है। पूरा जिला भ्रमण करने का है उनका लक्ष्य है। बालोद जिले के सभी गांव और शहर में जाकर लोगों को जागरूक करने का काम हो रहा है। गांव गांव जाकर लोगों को धर्म परिवर्तन करने से रोकने का प्रयास कर रही है। लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक कर रही है और लोगों को समझा रही है कि किसी भी परिस्थिति में अपने धर्म को ना छोड़े। अगर ऐसे लोग आपके पास आते हैं आप को दूसरे धर्म में जाने के लिए कहते हैं तो उनको तुरंत सबक सिखाएं और शिकायत करें। उन लोगों के खिलाफ कड़े कार्रवाई करें। रानी लोगो को सनातन धर्म का इतिहास भी बता रही।
ओम सनातन धर्म का प्रतीक चिह्न ही नहीं बल्कि सनातन परम्परा का सबसे पवित्र शब्द है। सनातन धर्म: (वैदिक धर्म) जो वैदिक धर्म के वैकल्पिक नाम से जाना जाता है। वैदिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप के धर्म के लिये ‘सनातन धर्म’ नाम मिलता है। ‘सनातन’ का अर्थ है – शाश्वत या ‘हमेशा बना रहने वाला’, अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म मूलत: भारतीय धर्म है, जो किसी ज़माने में पूरे वृहत्तर भारत (भारतीय उपमहाद्वीप) तक व्याप्त रहा है। विभिन्न कारणों से हुए भारी धर्मान्तरण के बाद भी विश्व के इस क्षेत्र की बहुसंख्यक आबादी इसी धर्म में आस्था रखती है। सिन्धु नदी के पार के वासियो को ईरानवासी हिन्दू कहते, जो ‘स’ का उच्चारण ‘ह’ करते थे। उनकी देखा-देखी अरब हमलावर भी तत्कालीन भारतवासियों को हिन्दू और उनके धर्म को हिन्दू धर्म कहने लगे। भारत के अपने साहित्य में हिन्दू शब्द कोई 1000 वर्ष पूर्व ही मिलता है, उसके पहले नहीं। हिन्दुत्व सनातन धर्म के रूप में सभी धर्मों का मूलाधार है क्योंकि सभी धर्म-सिद्धान्तों के सार्वभौम आध्यात्मिक सत्य के विभिन्न पहलुओं का इसमें पहले से ही समावेश कर लिया गया था। रानी मनोज गौर के द्वारा जुंगेरा, कोंहंगाटोला, घुमका, जगन्नाथपुर, सांकरा, कमरौद, कोंगनी, चौरेल सहित अन्य गांव में जागरूकता अभियान चलाई। उनके साथ देवयंती , उषा, चंद्रकला, बुधा, गया,
ललिता साहू,जानकी, सावती साहू,चंपी साहू,मैना साहू,मनोज गौर,केसव साहू आदि मौजूद रहे।