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इलाज और जांच के नाम पर चल रहा है बेखौफ अवैध धंधा, जल्द होगा खुलासा, बालोद जिले में गिनती के है पंजीकृत क्लीनिक और पैथोलॉजी जांच केंद्र, देखिए आप भी लिस्ट, बाकी सब है फर्जी!

बालोद। बालोद जिले में बिना किसी पंजीयन के चल रहे अस्पताल नुमा क्लिनिक पैथोलॉजी और जांच केंद्रों का खुलासा जल्द होगा। सूचना का अधिकार के तहत स्वास्थ्य विभाग से जो जानकारी सामने आई है उसे यह पुख्ता हुआ है कि बालोद जिले में गिनती के ही कुछ प्रतिष्ठित अस्पतालों और जांच केंद्रों का पंजीयन है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सूची से पता चलता है कि इन्हें छोड़कर बाकी सब फर्जी है। बालोद जिले में सैकड़ो, हजारों की संख्या में ऐसे झोला छाप डॉक्टर हैं या फिर अप्रशिक्षित युवक जांच केंद्र चला रहे हैं। जिससे लोगों की जान भी मुसीबत में बनी रहती है। कई झोला छाप डॉक्टर द्वारा गलत तरीके से इलाज के चलते लोगों को अपने हाथ पैर कटवाने पड़ जाते हैं। तो कहीं जान तक चली जाती है। वनांचल की बात हो चाहे मैदानी इलाके की बातें हो, ऐसे डॉक्टरों का जाल फैला हुआ है।

बालोद के उमेश कुमार सेन और महेंद्र सोनवानी (मोनु) बहुत जल्द स्वास्थ्य अधिकारी को शिकायत करेंगे। जो अवैध रूप से क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब, दवाखाना और मेडिकल स्टोर संचालित कर रहें हैं। ऐसा करने वालों के नाम से लिखित शिकायत पूरी जानकारी के साथ होगी। अभी संबंधितों का डाटा इकट्ठा करने में जुटे हुए हैं। अभी सरकारी रिकॉर्ड में बालोद शहर और पुरे बालोद जिले में सिर्फ 19 पंजीकृत (लाइसेंस धारी)नर्सिंग होम है और 4 पैथोलॉजी लैब सोनो ग्राफी सी टी स्कैन डायग्नोस्टिक सेंटर है। जिसमे नर्सिंग होम बालोद विकास खंड मे 6 है जिसमे 5 नर्सिंग होम बालोद में, 1 सिवनी (बालोद) में है ।गुरूर विकास खंड में 1, गुण्डरदेही विकासखंड में 3, डोंडी में 8 है और डोंडीलोहारा में 1 है। इसी तरह पैथोलॉजी लैब की बात करें तो बालोद में 2, गुण्डरदेही मे 1 और डोंडी 1 है। बालोद शहर एवं पूरे बालोद जिले के अंदर कई पैथोलॉजी लैब ऐसे हैं, जो स्वास्थ्य विभाग से पंजीकरण कराए बिना अवैध रूप से संचालित किया जा रहे हैं । पैथोलॉजी लैब के अलावा कई मेडिकल स्टोर दवा खाना एवं झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे प्राइवेट क्लीनिक भी हैं, जो की स्वास्थ्य विभाग से पंजीकरण के बिना ही धड़ल्ले से मरीज को दवाई एवं इलाज मुहैया करवा रहे हैं । बिना शासन प्रशासन के डर के यह सब संचालित किया जा रहा है। लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे अवैध संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग भी अब तक मेहरबान बना हुआ है। कोरोना काल के बाद से अब तक इस तरह कृत्य करने वालों पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। जिसके चलते ऐसे संचालकों के हौसले भी बुलंद है।

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