जनपद स्तर की रामायण प्रतियोगिता में बालोद के अधिकारी कर रहे मनमानी, जिस गांव में एक ही मंडली उन्हें नहीं दी जा रही एंट्री
बालोद जनपद का मामला, शासन के आदेशों को किया जा रहा दरकिनार, कई विख्यात मंडलियां प्रस्तुति से हो रही वंचित
बालोद। जहां एक ओर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार राम के आदर्शों को छत्तीसगढ़ में पुनः स्थापित करते हुए गांव गांव से लेकर राज्य स्तर तक रामायण प्रतियोगिता करवा रही है तो वहीं इसके आयोजन में बालोद जनपद प्रशासन द्वारा मनमानी बरती जा रही है। वह इस तरह कि जिन गांव या पंचायतों में सिर्फ एक ही रामायण मंडली है उन्हें जनपद स्तर की प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जा रहा है। जबकि शासन से ऐसा कुछ निर्देश नहीं है। शासन से स्पष्ट निर्देश है कि हर पंचायत से चयनित मंडियों को प्रतियोगिता में शामिल करके आगे की प्रतियोगिता में भेजना है। यहां 14 से 15 ऐसे ही मंडलियां है जिन्हें जनपद स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में शामिल ही नहीं किया जा रहा है। उन्हें यह कहकर नकार दिया गया है कि आप तो प्रतियोगिता के जरिए चयनित होकर आए ही नहीं हो। अधिकारियों का तर्क यह है उस पंचायत में एक ही मंडली है तो हम क्या करें। हमें सिर्फ ऐसी मंडलियों को चुनना है जहां दो या दो से अधिक मंडली हैं और उनके बीच प्रतियोगिता कराकर एक विजेता मंडली को जनपद की प्रतियोगिता में शामिल करना है। ऐसे में जनपद बालोद के अजीबोगरीब नियम कायदे से कई मंडलियां जो बड़े-बड़े मंचों पर कई पुरस्कार जीत चुके हैं अपनी प्रस्तुति देने से वंचित हो गए हैं। 34 पंचायतों की मंडली को ही प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया है। उक्त प्रतियोगिता सिवनी में 17 से 19 जनवरी तक तीन दिवसीय होना है।
अपना नियम कायदा बता रहे हैं अधिकारी
बालोद जनपद के अधिकारी आयोजन को लेकर अपना नियम कायदा बता रहे हैं और अपने हिसाब से चयनित 34 प्रतिभागी मंडलियों को सूचना भी भेजी जा चुकी है। बालोद जनपद के उक्त आयोजन के नोडल अधिकारी सीपी यदु का कहना है कि आदेश के मुताबिक चयनित मंडली को ही जनपद स्तर की प्रतियोगिता में शामिल करना है। अगर किसी गांव में एक ही मंडली है तो वहां तो प्रतियोगिता की स्थिति बनी ही नहीं है। तो उन्हें हम शामिल नहीं कर सकते। जहां दो या दो से ज्यादा मंडली है उनके बीच प्रतियोगिता करवा कर जो चयनित हुए हैं उन्हीं को ही जनपद के प्रतियोगिता में शामिल किया जा रहा है।
राज्य के अफसरों का कहना ऐसा नहीं कर सकते, अगर एक ही मंडली है तो उन्हें भी शामिल करना पड़ेगा
वही जब मामले में हमने राज्य के स्तर के अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने भी स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसा नहीं किया जा सकता है। उक्त आयोजन के राज्य सहायक नोडल अधिकारी युगल तिवारी ने कहा कि ऐसा करना गलत ही है। ऐसा कुछ आदेश नहीं है कि जिस गांव में एक ही मंडली है तो उसे शामिल नहीं किया जाएगा। शासन के स्पष्ट निर्देश है कि हर पंचायत से एक मंडली चयनित करनी है। अगर किसी गांव में एक ही मंडली है तो उसी का चयन करके उन्हें आगे की प्रतियोगिता में शामिल करना है। फिर भले ही आगे की प्रतियोगिता में वह मंडली हारे या जीते, ये अलग बात है। लेकिन इस तरह से किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता।
हथौद के मंडली ने उठाया मुद्दा
बालोद जनपद द्वारा बरती जा रही अनियमितता और चयन को लेकर भेदभाव के मामले में हथौद की मानस मंडली ने मुद्दा उठाया है। वे मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से कर रहे हैं। शिव शक्ति मानस मंडली के उपाध्यक्ष लक्ष्मण देवांगन, सचिव लोचन देवांगन ने कहा कि हमारे पंचायत के सचिव के माध्यम से हमारी मंडली का नाम प्रतियोगिता के लिए भेजा गया था लेकिन जनपद के अधिकारियों द्वारा नाम यह कहकर काट दिया गया कि हमारे गांव में तो एक ही मंडली है इसलिए प्रतियोगिता के जरिए चयनित होकर नहीं आए हैं। अब देखना होगा कि मामला सामने आने के बाद क्या आयोजन में फेरबदल होता है। चर्चा यह है कि जनपद के अधिकारी मंडली कम करने और 3 दिनों में आयोजन को जल्द से जल्द खत्म करने के फेर में जिस गांव में एक ही मंडली है, उन्हें इस प्रतियोगिता में शामिल ही नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कई मंडली के कलाकारों के बीच निराशा है तो वहीं इस आयोजन में वे इस तरह मनमानी को अफसरों की लापरवाही करार दे रहे हैं।