जंगल क्षेत्र के लोगों में ऐसा भी प्यार , संलग्निकरण के विरोध में पहुंच गए बीईओ दफ्तर, बोले नहीं जाने देंगे गुरु जी को, करेंगे तालाबंदी

बालोद/ गुरुर(दीपक देवदास। गुरुर ब्लॉक के वनांचल ग्राम कोसमी के ग्रामीणों में एक शिक्षक देवेंद्र ठाकुर के प्रति ग्रामीणों में एक अनूठा प्रेम देखने को मिला है। ग्रामीणों का कहना है कि जब से उनके वनांचल कोसमी में स्कूल खुला तब से वर्षों से देवेंद्र ठाकुर वहां पर पढ़ा रहे हैं। उनका गांव वालों से व्यक्तिगत लगाव और प्रेम बढ़ चुका है। ऐसे शिक्षक को वे गांव से जाने नहीं देंगे। स्कूल में दर्ज संख्या के अनुपात में अतिरिक्त शिक्षक होने के कारण कपर मेटा में देवेंद्र ठाकुर को संलग्न करने का हाल ही में गुरुर शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है। इस आदेश के विरोध में ग्रामीण शिक्षा विभाग के दफ्तर पहुंच गए और विरोध जताने लगे। कहने लगे कि हम उक्त शिक्षक को स्कूल से जाने नहीं देंगे। अगर उन्हें विभाग ने दूसरी जगह भेजा तो वे स्कूल में ताला लगा देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि एक शिक्षक अस्वस्थता के चलते छुट्टी में है। एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई हो नहीं सकती और देवेंद्र ठाकुर जब से स्कूल खुला है तब से यहां पर हैं। हम उनके तबादले का विरोध करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जहां उन्हें संलग्न किया जा रहा है वहां भले दो प्राथमिक शाला है लेकिन एक स्कूल में 12 बच्चे हैं। पर कोसमी में 24 बच्चे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जंगल क्षेत्र होने के कारण कई शिक्षक उनके यहां पढ़ाने के लिए जाना नहीं चाहते थे। लेकिन जब से स्कूल खुला तब से उमेश साहू और देवेंद्र ठाकुर शिक्षक पढ़ा रहे हैं। जिससे गांव वालों के साथ उनका प्रेम व्यवहार अच्छा है और इसीलिए वे उन्हें छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। अपनी मांग लेकर कोसमी से अध्यक्ष योगेश्वरी नेताम, पूर्णिमा बाई, हरिराम गंधर्व, सुखदेव राम, गजेंद्र कुमार , पंकु राम, रेख राम, गीतेश्वरी मंडावी रेणुका नेताम सुमित्रा शारदा सलाम, लोकेश्वरी शांति मंडावी आदि पहुंचे हुए थे।

क्या बोले शिक्षा अधिकारी

मामले में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डीपी कोसरे ने कहा कि कोसमी से जिस शिक्षक ठाकुर को कपर मेटा में संलग्न किया गया है वह शासन के नियमों के तहत अतिशेष की श्रेणी में आ रहे थे इसलिए उन्हें अति आवश्यक शाला में संलग्न किया जा रहा है। हम शासन के नियम के तहत ही कार्रवाई कर रहे हैं। ग्रामीण अगर शिक्षक से लंबे समय से लगाव होने के कारण करीब से जुड़े हैं वह अलग मुद्दा है। हम नियमों के तहत ही काम कर रहे हैं। ग्रामीणों ने तालाबंदी की चेतावनी दी है जो उचित नहीं है। वे अपने बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ाई से वंचित नहीं कर सकते। तालाबंदी करना गलत है। अगर ग्रामीण इस तरह के कदम उठाते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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