कभी थी घांसफुस की ढेर, अब वहां महिलाओं की मेहनत से लहरा रही फूलों की खेती, खुशबू समूह की महिलाओं ने बिखेर दी खुशबू, सांगली गौठान में दिखता है अनूठा नजारा

दीपक देवदास, गुरुर। गौठानों को आर्थिक उन्नति का रास्ता बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो योजना शुरू की है। वह खासतौर से महिला समूह के लिए वरदान साबित हो रही है।

इस क्रम में गुरुर ब्लॉक के सांगली के गौठान सूरत ही पूरी बदल गई है। गौठान के लिए 3 एकड़ जमीन आरक्षित थी । जहां चारा आदि उगाना था। तो इस जगह का सदुपयोग करते हुए लगभग डेढ़ एकड़ में यहां की महिलाओं ने गेंदे की खेती की है। पिछले साल से खेती की है।

एक फसल ले चुके हैं। उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो चुकी है। अभी यहां फूलों की फसल लहलहा रही है। महिलाओं ने बताया वह खुशबू स्व सहायता समूह के तहत काम करती हैं। और नाम के अनुरूप ही यहां गेंदे की खुशबू बिखेर रही हैं। समूह की महिलाओं ने बताया कि जिस जगह पर उन्होंने खेती शुरू की पहले वह काफी बंजर, घांस फूस से पटी थी। कभी यहां कोई फसल नहीं ली गई थी। फूलों की खेती के लिए काफी मेहनत करना पड़ा। तब जाकर यह सफलता हमने पाई है। महिलाओं ने बताया कि जनपद पंचायत के सीईओ राजेंद्र पटौदी से उन्हें प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि हर गौठान में कुछ अलग तरह का रोजगार की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने फूलों की खेती के लिए मार्गदर्शन दिया। हमने खूब मेहनत की और आज सफल हुए हैं। एक फसल ले चुके हैं दूसरी फसल के लिए फूल भी तैयार हो रहे हैं।

गुजरात से मंगवाते हैं बीज

महिलाओं ने बताया कि गेंदे की खेती गुजरात के बीज से होती है। एक कंपनी के माध्यम से बीज मंगाते हैं। जिससे फिर अच्छी उपज भी होती है । फूलों के खरीदार लेने के लिए भी आते हैं तो कुछ फूलों की खुशबू समूह बाजार या दुकानों में जाकर थोक में बेचते हैं। महिलाओं ने बताया कि आज इस गौठान स्थल की सूरत बदल गई है। यहां आकर हमें सुकून मिलता है। कभी सोचा नहीं था कि इस जगह में इस तरह की खेती की जा सकती है। लोग भी इस जगह में बकायदा घूमने के लिए आते हैं। डेढ़ एकड़ में पूरे बागान की तरह गेंदे की खेती लहलहा रही है। जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दूसरे समूह वाले भी हमारे कार्य से प्रेरणा लेने के लिए आते हैं ।

सीईओ ने की महिलाओं की सराहना

जनपद सीईओ राजेंद्र पटौदी ने सांगली के खुशबू स्व सहायता समूह की महिलाओं के उक्त कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सांगली गौठान ने अपनी एक अलग पहचान बना दी है। खुशबू स्व सहायता समूह गेंदे की खेती कर खुशबू फैला रही है। जो अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत साबित हो रहा है।

दुगना हो रहा फायदा

अध्यक्ष मीराबाई ,सचिव जागेश्वरी, सदस्य जान कुंवर ,नर्मदा पटेल ,फुलेश्वरी दुलारी सिन्हा किरण धूलिया दुलारी साहू ने बताया कि इस खेती को शुरू करने की शुरुआत में लगभग 40 से ₹50 हजार की लागत आई थी। लेकिन आज फूल बेचकर लागत से दुगनी आमदनी कमा रहे हैं। जो हमारे लिए खुशी की बात है। परिश्रम का फल हमें अब मिलने लगा है। माध्यमिक शाला सांगली के धनेश्वरी साहू, भारती साहू ने बताया सांगली के महिलाओं का यह प्रयास दूसरों के लिए मिसाल है।

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