नेवारीकला मिडिल स्कूल में मनाया गया हिंदी दिवस, बच्चों के बीच हुई हिंदी में दोहे कविता के साथ अन्ताक्षरी

बालोद । पूर्व माध्यमिक शाला नेवारीकला में हिंदी दिवस मनाया गया। जिसमें शाला की छात्र-छात्राओं ने हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । हिंदी दिवस समारोह का शुभारंभ बाल केबिनेट के पदाधिकारियों द्वारा मां सरस्वती वंदना और पूजन से हुआ ।

प्रधान पाठक नंदकिशोर यादव ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देकर शुद्ध हिंदी बोलने के लिए प्रेरित करते हुए हिंदी भाषा के प्रति पूर्ण समर्पित होकर कर्म करने की बात कही। उन्होंने बताया ,आज हिंदी दिवस है। आज ही के दिन हिंदी को संवैधानिक रूप से भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला था । 200 साल की ब्रिटिश राज की गुलामी से आजाद हुए देश ने तब यह सपना देखा था कि 1 दिन पूरे देश में एक ऐसी भाषा होगी जिसके माध्यम से कश्मीर से कन्याकुमारी तक संवाद संभव हो सकेगा ।

आजादी के नायकों को इस बात में तनिक संदेह नहीं था कि हिंदुस्तान की संपर्क भाषा बनने का महत्व ,दायित्व केवल और केवल हिंदी उठा सकती है इसलिए संविधान निर्माताओं ने देवनागरी में लिखी गई हिंदी को नए देश की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया ।पूरा देश 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाता है, ताकि देश में हिंदी भाषा को बढ़ावा मिल सके ।भारत विविधता वाला देश है जहां सभी लोग अलग-अलग भाषाएं ,अलग-अलग रीति-रिवाजों का पालन करते हैं लेकिन देश के अधिकांश भाग हिंदी बोलते ,लिखते और समझते हैं। पूरे विश्व में भी हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक भाषा है। 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था। हिंदी दिवस के अवसर पर शाला के शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी हिंदी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर छात्राओं ने कविता वाचन कर हिंदी के महत्व को बताएं । इस समारोह में अंताक्षरी का भी आयोजन किया गया।इसके लिए छात्र छात्राओं के दो ग्रुप बनाए गए, जिसमें बच्चों ने हिंदी भाषा के कविता,दोहों,गीतों के साथ पूरे उत्साह से भाग लिए।कार्यक्रम रोचक और उत्साह वर्धक रहा। समारोह का समापन संध्याकालीन प्रार्थना से हुआ।कार्यक्रम के सफलतम आयोजन में शाला के शिक्षक सीआर ठाकुर आभा श्रीवास्तव, बेनेश्वर साहू का योगदान रहा।

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