विभिन्न मांगों को लेकर सरपंच संघ गुरुर ने दिया धरना, बोले- सरकार छोड़े हमें परेशान करना

गुरुर। सरपंच संघ गुरुर द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गुरुर में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया और अपनी मांगों को लेकर जनपद पंचायत के एडिशनल सीईओ गंजीर, नायब तहसीलदार शिवेंद्र सिन्हा व जनपद अध्यक्ष प्रभात कुमार धुर्वे को ज्ञापन सौंपा गया। जनपद अध्यक्ष प्रभात कुमार धुर्वे ने सरपंचों की मांगों को जायज बताया और शासन से मांग की कि उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए। उन पर सरकार को पहल करनी चाहिए। सरपंच संघ के अध्यक्ष यशवंत पुरी गोस्वामी ने कहा कि वर्षों से सरपंच परेशानी झेल रहे हैं लेकिन उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। हाल ही में 4000 मानदेय देने की घोषणा भी की गई है लेकिन यह कब से मिलेगा यह भी बताया नहीं जा रहा है। इसके अलावा और भी कई समस्या है। गांव के विकास को लेकर राशि कम पड़ती है और जो काम करवाते हैं उनका पैसा भी आता नहीं है। बात चाहे रोजगार गारंटी के हो या प्रधानमंत्री आवास योजना की। ग्रामीण भुगतान में देरी के लिए हमें दोष देते हैं जबकि सरकार खुद फंड नहीं दे पा रही है।
तहसील सरपंच संघ गुरुर द्वारा विभिन्न मांगों को ले कर 18 मई को एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन रखा गया था। जिसमें हमारे लंबित मांगों को अतिशीघ्र पूर्ण करवाने हेतु उचित कार्यवाही किये जाने की मांग शासन से की गई।

ये है प्रमुख मांगे :

  1. महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के लगभग दो वर्ष निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद भी आज तक भुगतान नहीं हुआ है। सरपंचों को आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। भूगतान अतिशीघ्र किया जाये।
  2. ग्राम पंचायत क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों का तृतीय एवं चतुर्थ किश्त लंबित होने से हितग्राहियों द्वारा सरपंचों को राशि मांग किया जा रहा है। शीघ्र ही शेष किश्त भुगतान किया जाये।
  3. ग्राम पंचायत में निर्मित गौठान की संचालन व्यवस्था गौठान समिति को दिया जाये। इसके लिए ग्राम पंचायत की 15 वे वित्त की राशि का भुगतान पर रोक लगायी जाए। गौठान संचालन एवं विभिन्न गतिविधियों के लिए समिति को राशि प्रदान किया जाए।
  4. पंचायती राज अधिनियम 1993 के अनुसार पूर्व में अविवादित नामांतरण, बंटवारा, फौती निराकरण करने का अधिकार पंचायत को दिया गया था। वर्तमान में उक्त अधिकार समाप्त कर दिया गया है। जिसे पुनः ग्रामपंचायत को अधिकार दिया जाये। जिससे जनता को सुविधा हो।
  5. पंचायत क्षेत्रों में विभिन्न निजी दूरसंचार कम्पनी जियो आईडिया एयरटेल एवं अन्य द्वारा टॉवर लगाया गया है। जिसके द्वारा पंचायत को प्रतिवर्ष नवीनीकरण शुल्क 10 हजार देय होता है। लेकिन निजी कम्पनीमा शुल्क राशि अदा नहीं कर रही है। शासन द्वारा उक्त सभी कंपनियों को शुल्क अदायगी हेतु निर्देशित किया जाये।

6- ग्राम पंचायतों में वर्तमान में विद्युत बिल की राशि लाखों में बकाया है। जिसे पूर्व शासन काल में राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जा रहा था। 15 वे वित्त योजना की राशि से विद्युत बिल का भुगतान न किया जाए। बकाया विद्युत बिल का भुगतान पुनः राज्य शासन द्वारा कराया जाए क्योंकि सार्वजनिक बिजली पानी की व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है ना कि अकेले पंचायत प्रशासन की।

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