विश्व रचनात्मकता एवं नवोन्मेष दिवस पर नावल टीचर्स क्रियेटिव फाउंडेशन ने किया ऑनलाइन कार्यक्रम, शिक्षकों ने जाना एक दूसरे का नवाचार
बालोद। विश्व रचनात्मकता एवं नवोन्मेष दिवस पर नावल टीचर्स क्रियेटिव फाउंडेशन छत्तीसगढ द्वारा आयोजित ऑनलाइन के माध्यम से ऐसे शिक्षक साथियों को आमंत्रित किया गया, जो पढ़ाई को नए आयाम से बच्चो तक लेकर जाते है। चुकी 21 अप्रैल विश्व रचनात्मकता एवं नवोन्मेष दिवस है और एनटीसीएफ
एक नावल टीचर्स क्रिएटिव फाउंडेशन है,इस फाउडेशन
के सदस्य भी क्रिएटिव है।
एनटीसीएफ के अध्यक्ष
अरुण कुमार साहू ने अपने
उद्बोधन में कहा क्रिएटिव हमारे अंदर विचार तो है पर सृजन करने की सोच पर निर्भर करता है। स्कूल में जब हम जाते है कुछ नया करना चाहते हैं हम सोचते हैं कि हम इस कार्य को इन तरीकों से करेंगे। वह कार्य करेंगे किंतु हमारे जो संकल्प है जो हमें सशक्त करता है कार्य
को सही करने के लिए संकल्पित करता है। सुविधाओ में हम कार्य तो कर लेते है किंतु मजा तब है जब आप अपने काम को जुगाड,अभाव से सृजन करे। दूसरे के विचारों को साझा करना, कुछ नवाचार करना और अपनी भावनाओं को लोगों की भावनाओं से जोड़ते हुए हमें सृजनात्मक, सकारात्मकता को सामने लाना रोजगार परख क्रियाशील होती है। सोच समझकर के कार्य करना और दूसरे के कार्यों को सराह करना यह प्रमुख बात है।
शिल्पी राय गवर्नमेंट हाई स्कूल साल्हे, बालोद ने अपने रचनात्मक कार्यों को बताया।
उनके द्वारा लगातार बच्चो के
स्तर में सुधार हो,इसके लिए बहुत से काम करती हैं,साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बच्चो को सेव सोइल थीम पर
कार्य कर रही है। कार वाले गुरुजी नाम तो सुना होगा आप लोगों ने, विवेक धुर्वे शा उ मा शाला ज/सांकरा, उन्होंने बताया कि नए आयाम,विचार,नवाचार द्वारा बच्चो को कोरोना काल में पढ़ाया। एक समय में दो कक्षाओं को संचालित करना, पढ़ाना, कार के म्यूजिक सिस्टम से रोचक तरीके से पढ़ाना, वृक्षारोपण करना,प्रतियोगिता क्लास करना,निशुल्क कैरियर गाइडेंस,कंप्यूटर, आईसीटी,स्काउटिंग कार्य को
सजगता से करना। संजय बंजारे, जेआरडी रेडक्रॉस में अपने अनुभव आधार पर बहुत से काम किए। उन्हें ऐसे कार्य पसंद है जिससे लोगो की सेवा से जुड़ा कार्य हो,चाहे कोरोना पेंडमिक हो,या अन्य आपदा काम हो।
श्रीमती मीना राजवाड़े ने कहा
वो कार्य करते रहती है,देख कर
अपने तरीके से कार्यों को करना,बच्चो के हित में हो।
श्रीमती कैशरीन बेग शा हाई स्कूल भंडेरा, डौंडी लोहारा ने
कहा की रचनात्मकता उन्हें
स्काउटिंग से मिली है,हैंडकार्फ्ट, व्यवसायिक शिक्षा बच्चो को सृजन करने की कला का प्रशिक्षण देना,
अपने मस्तिष्क की भावना को
कला के माध्यम से उकेरना।
प्लास्टिक टाइड चैलेंज बच्चो के साथ मिलकर कार्य करना,प्लास्टिक मुक्त ग्राम भंडेरा बनाना,वृक्षारोपण,प्लास्टिक टाइड चैलेंज में प्लास्टिक के सबस्टुड ढूंढना,ऐसे सुक्ष्म प्लास्टिक है,जिन्हे हम अनजाने में खाए जा रहे है,पिए जा रहे है
कम से कम प्लास्टिक का उपयोग करना इसके लिए बच्चो के साथ मिलकर,राष्ट्रीय
प्रोजेक्ट संकल्प प्रोजेक्ट,उड़ान प्रोजेक्ट,प्लास्टिक टाइड टर्नर ,
आमाराइट प्रोजेक्ट,शून्य निवेश
से नवाचार आदि ऐसे बहुत से
कार्य किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन कैशरीन बेग द्वारा किया गया। मुख्य रूप
से प्रतिभा त्रिपाठी, नेम सिंह साहू, मोनू गुप्ता,ऋतु,दिलेश्वरी,नेहा,श्रद्धा
शर्मा,सुखचैन जोशी,वंदिता शर्मा,
फैजान कादरी,विजय देशलहरे
सीमा वर्मा उपस्थित थे।