पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने का किया ऐलान, कृषि बिल की वापसी पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बोली-किसान संगठन एवं राहुल गांधी की जीत, पढ़िए पीएम ने क्या कहा?

बालोद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून बिल को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। इस ऐलान के बाद से कांग्रेसीयों में खुशी की लहर है। इस पर बालोद जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है किसानों के सामने अंततः केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। आज किसानों की एकता और बहुत बड़ा सहयोग कांग्रेस पार्टी का रहा है। भले प्रधानमंत्री जी इधर उधर की बात करके भ्रम पैदा करने की कोशिश करें लेकिन वास्तविकता यही है कि पूरे देश के किसानों ने इस बिल का विरोध किया और तीनों कृषि कानून को काला कानून कहा था। केंद्र सरकार द्वारा अनेकों दलील दी गई लेकिन सरकार की दलील किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाई और अंततः पहली बार प्रधानमंत्री जी को मन की बात करते-करते अंतरात्मा की बात करनी पड़ी। तीनों काले कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करने वाले उन सभी किसानों को विनम्र श्रद्धांजलि जिन्हें अपनी जान गवानी पड़ी और उन किसानों के संघर्ष को सलाम , जो 1 साल से अधिक समय तक काले कानून के विरोध में डटे रहे और राहुल गांधी का बारंबार धन्यवाद, आभार।

जिन्होंने शुरुआत से ही केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को काले कानून की संज्ञा दिए थे। तीनों कृषि कानूनों को केंद्र द्वारा वापस लेने पर राहुल जी को एवं किसान संगठनों को जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर रतीराम कोसमा शिबू नायर रवि जायसवाल क्रांति भूषण साहू केशव शर्मा शंभू साहू संजय चंद्राकर जागृत सोनकर कोदूराम दिल्ली वार इंद्रमण देशमुख चुकेश्वर साहू भूपेंद्र साहू चंद्रहास देवांगन अनुभव शर्मा अफजल अली भोजराज साहू तामेश्वर देशमुख संजय साहू सलीम खान पार्षद नारायण साहू संजय नूर उल्ला खा रामेश्वर साहू नौशाद कुरेशी दाऊद खा अनिल यादव चंद्रेश हिरवानी देवेंद्र साहू रोहित सागर प्रेम चंद्र क्षिर सागर दुष्यंत अमृत वागीश बंजारे भोलेश्वर अमृत संदीप चंद्राकर गुलशन चंद्राकर लता कोर्राम, हसीना बेगम रामजी भाई पटेल यज्ञदत्त पटेल धीरज उपाध्याय विकास चोपड़ा चित्रसेन साहू अभिषेक यादव केके राजू चंद्राकर ललिता पीमन साहू कोमेश बसंती दुगा संतु पटेल हस्तीमल सांखला उमाशंकर साहू महामंत्री केदार देवांगन करिश्मा सलामी मीना सत्येंद्र साहू ताम्रध्वज यादव वुमन सिन्हा पुरुषोत्तम पटेल काशी निषाद चिदाकाश आर्य चमेली साहू पद्मनी साहू पुनीत सेन रेवा रावटे ममता मंडावी भोज साहू अमृता नेताम ने व्यक्त किया है।

पढ़िए मोदी के संबोधन की 5 बड़ी बातें

  1. सबसे पहले प्रकाश पर्व और देव दीपावली की शुभकामनाएं
    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों आज देव दीपावली का पावन पर्व है। आज गुरु नानक देव जी का भी पावन प्रकाश पर्व है। मैं विश्व में सभी लोगों और सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। यह भी बेहद सुखद है कि डेढ़ साल बात करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है।
  2. हमारी सरकार देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी
    मोदी ने कहा कि गुरुनानक देव जी ने कहा है कि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। हमारी सरकार इसी सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है। न जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत उन्हें साकार करने की कोशिश कर रहा है।
  3. कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे
    मोदी ने कहा कि हमारी 10 हजार एफपीओ किसान उद्पादक संगठन बनाने की प्लानिंग है। हमने एमएसपी और क्रॉप लोन बढ़ा दिया है। यानी हमारी सरकार किसानों के हित में लगातार एक के बाद एक कदम उठाती जा रही है। इसी अभियान में तीन कृषि कानून लाए गए थे, ताकि किसानों को फायदा हो। हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे। लेकिन इतनी पवित्र बात कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।
  4. कानून वापसी का फैसला, इसी महीने शुरू होगी प्रॉसेस
    प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने किसानों को समझने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था उन्हें बदलने को भी तैयार थे। साथियों आज गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है। यह समय किसी को दोष देने का नहीं है। मैं आज देशवासियों को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। इसी महीने इनकी वापसी की प्रक्रिया पूरी कर देंगे।
  5. किसान कल्याण हमारी सरकार की प्राथमिकता
    देश के हर 100 में से 80 किसान छोटे किसान हैं। उनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। इनकी संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है। उनकी जिंदगी का आधार यही छोटी सी जमीन का टुकड़ा है। हमने किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। हमारी सरकार ने फसल बीमा योजना को प्रभावी बनाया गया। आज छोटे किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल रहा है। 22 करोड़ किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं। छोटे किसानों को ताकत देने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

तीनों कृषि कानून, जिनके खिलाफ आंदोलन कर रहे थे किसान
तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था। राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था। ये तीनों कानून इस तरह हैं..

  1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020
    इस कानून में एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने का प्रावधान है, जहां किसानों और कारोबारियों को मंडी के बाहर फसल बेचने की आजादी होगी। कानून में राज्य के अंदर और दो राज्यों के बीच कारोबार को बढ़ावा देने की बात कही गई है। साथ ही मार्केटिंग और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च कम करने की बात भी इस कानून में है।
  2. कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020
    इस कानून में कृषि करारों (एग्रीकल्चर एग्रीमेंट) पर नेशनल फ्रेमवर्क का प्रावधान किया गया है। ये कृषि उत्पादों की बिक्री, फार्म सेवाओं, कृषि बिजनेस फर्म, प्रॉसेसर्स, थोक और खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ किसानों को जोड़ता है। इसके साथ किसानों को क्वालिटी वाले बीज की आपूर्ति करना, फसल स्वास्थ्य की निगरानी, कर्ज की सुविधा और फसल बीमा की सुविधा देने की बात इस कानून में है।
  3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
    इस कानून में अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की लिस्ट से हटाने का प्रावधान है। सरकार के मुताबिक, इससे किसानों को उनकी फसल की सही कीमत मिल सकेगी, क्योंकि बाजार में कॉम्पिटीशन बढ़ेगा।

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