पंडित जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर व्याख्यान
भिलाई। सिविक सेंटर भिलाई में प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल जी का पंडित जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर ब्याख्यान हुआ। आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम , मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू , मंत्री शिव डहरिया, कवासी लखमा, प्रेमसिंह टेकाम लक्ष्मी ध्रुव विधायक फूलों देवी नेताम, राज्यसभा सदस्य प्रतिमा चंद्राकर अरुण वोरा , किरणमयी नायक, विधायक देवेंद्र यादव राजेन्द्र साहू नीता लोधी मंच पर उपस्थित रहे। वही सार गर्भित ब्याख्यान सुनने प्रदीप चौबे भजन सिंह निरंकारी, लक्ष्मन चंद्राकर , जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बालोद से चंद्रप्रभा सुधाकर सहित सैकड़ो कार्यकर्ता, पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन जिला कांग्रेस कमेटी भिलाई के अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर ने किया। प्रोफेसर अग्रवाल ने नेहरू जी के साथ फैलाई जा रही भ्रांतियो से अवगत कराते हुए बताए की सरदार पटेल और महात्मा गांधी नेहरू जी के बीच किसी प्रकार की कोई मनमुटाव जैसी बात नहीं थी 1942 में ही महात्मा गांधी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही थी और सरदार पटेल ने अपनी सहमति दी थी। उन्होंने बताया कि कश्मीर को पाकिस्तान में ही दे देने के लिए पटेल जी सहमत हो गए थे इसलिए की हैदराबाद को शामिल करने में भी बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था किंतु नेहरू जी सरदार पटेल और गांधीजी को सहमत कराने में सफल रहे । कश्मीर को पूरे पाक के हिस्से में नहीं दे सकते क्योंकि जम्मू कश्मीर से चीन रूस अफगानिस्तान का हिस्सा जुड़ता है और ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को नहीं दिया जा सकता, इस तरह से नेहरू जी के ही कारण आज जम्मू कश्मीर भारत में है। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस जी के संबंध में बताएं की नेता जी के द्वारा आजाद हिंद फौज की स्थापना की गई थी जिसमें नेहरू ब्रिगेड गांधी ब्रिगेड सरदार ब्रिगेड मौलाना ब्रिगेड बनाया गया था जोकि यह दर्शाता है की थोड़े बहुत विचारों की थोड़ी बहुत भिन्नता के बाद आपसी सामंजस्य था कई लोग कहते हैं की सावरकर ने आजाद हिंद फौज गठन करने के लिए नेताजी को कहा था जबकि ऐसा ही रहता तो सावरकर ब्रिगेड भी बन गया होता। इस तरह से नेहरू एक व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के द्वारा बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। जो कि अनुचित है जब गुजरात में दंगे हुए तब रामविलास पासवान केंद्रीय मंत्री ने विरोध स्वरूप इस्तीफा दे दिया था की प्रधानमंत्री अटल जी गुजरात के मुख्यमंत्री को नहीं हटा रहे हैं लेकिन नेहरू जी ने जम्मू कश्मीर से लेकर जो भी निर्णय लिए उनके मंत्रिमंडल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी भी थे लेकिन किसी निर्णय पर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया इस तरह से प्रोफेसर अग्रवाल जी का व्याख्यान बहुत ही सारगर्भित रहा उन्होंने यह भी कहा की मैं कांग्रेसी नहीं हूं लेकिन कांग्रेस के कार्यक्रमों में जाता हूं और समय पड़ने पर कांग्रेस के नेताओं की आलोचना भी करता हूं लेकिन मुझे किसी ने देशद्रोही नहीं कहा है । कार्यक्रम के प्रारंभ में मोहन मरकाम अध्यक्ष छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी द्वारा स्वागत भाषण दिया गया ।छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया ने अपने संबोधन में कहा कि आज आवश्यकता है कि नेहरू जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को लोगों तक पहुंचाने का काम करें अंतिम उद्बोधन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सहज सरल अंदाज में अपनी बात रखते हुए कहा कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नानक और कबीर दास जी को आपस में बैठकर चर्चा करते थे जब दोनों के जन्म स्थान और समय में काफी अंतर है इसके अलावा उन्होंने सभी को नेहरू के द्वारा भिलाई के स्थापना से लेकर आज तक के तरक्की की बात कही। आयोजित कार्यक्रम हो सभी ने ध्यानपूर्वक सुना और सभी आयोजित कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिएउक्त जानकारी क्रांतिभूषणं साहू संयुक्त सचिव जिला कांग्रेस कमेटी बालोद ने दिए हैं।