ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों ने मांगों पर ध्यान आकर्षण के लिए फिर सौंपा ज्ञापन, मांगा जवाब, क्या हुई अब तक कार्यवाही

बालोद। आज ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ के आव्हान पर संपूर्ण छत्तीसगढ़ में कलेक्टर / एसडीएम / तहसीलदार के माध्यम से अन्य पिछड़ा वर्ग के उत्तरोत्तर उत्थान , प्रगति एवं हित संरक्षण और कहीं-कहीं पर ओबीसी वर्ग के लोगों के साथ हो रहे अन्याय को रोकने आवश्यक कार्यवाही हेतु राज्यपाल , मुख्यमंत्री गृह मंत्री, शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसी तरह बालोद जिले में भी ओबीसी महासभा के जिलाध्यक्ष यज्ञ देव पटेल के मार्गदर्शन में जिले के तहसील मुख्यालय में ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञापन के प्रमुख बिंदु 15.7.2021 को प्रदेश भर में सौंपे गए ज्ञापन पर की गई कार्यवाही से अवगत कराए जाने का अनुरोध,छत्तीसगढ़ लोक सेवा अधिनियम 1994 की धारा 17 (1) के प्रावधानों के तहत गठित स्थाई समिति में सामान्य वर्ग के जनप्रतिनिधि को शामिल किए जाने पर आक्रोश , एट्रोसिटी एक्ट ओबीसी के लिए भी लागू किए जाने, मंडल कमीशन की अनुशंसा को पूर्णता लागू किए जाने छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार से मांग किए जाने , राष्ट्रीय जनगणना 2021 के जनगणना फॉर्मेट में ओबीसी का कॉलम जोड़े जाने , पांचवी अनुसूची में दिए गए प्रावधान ओबीसी के लिए भी लागू किए जाने, औद्योगिक, उद्यमिता के क्षेत्र में ओबीसी के लिए भी सब्सिडी का प्रावधान किए जाने , उच्च न्यायालय के समक्ष वास्तविक क्वांटिफायबल डाटा प्रस्तुत करने, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को मध्य प्रदेश की भांति संवैधानिक दर्जा दिए जाने, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय हेतु शिक्षक की भर्ती हेतु शाला को इकाई ना मानकर जिले को इकाई मानकर विज्ञापन जारी किए जाने जिससे आरक्षित वर्ग के साथ भी न्याय हो सकेगा जैसे विभिन्न मांगे हैं । इसी कड़ी में बालोद में भी तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें प्रमुख रुप से ओबीसी महासभा के पदाधिकारी गण संतोष कौशिक ,संजय सोन बोई र ,चमेली साहू ,लता साहू, पद्मिनी नन्नू साहू, संतोष चौधरी, दिनेश साहू , निर्देश पटेल, धनेश साहू ,द्वारिका साहू, कौशल महावर ,कामता प्रसाद एवं विभिन्न ओबीसी साथी गण उपस्थित रहे।

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