कोरोना की तीसरी लहर में स्कूल बंद होने की आई नौबत तो माताएं बच्चों को घर पर ही पढ़ा सके इसलिए चल रहा अंगना मा शिक्षा माता उन्मुखीकरण कार्यशाला
बालोद – ओम पब्लिक स्कूल कांदुल में माता उन्मुखीकरण एवं अंगना मा शिक्षा का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में पालकों की उपस्थिति बहुत अच्छी थी एवं सभी को पुष्पा चौधरी जिला मास्टर ट्रेनर स्रोत के द्वारा विभिन्न गतिविधियों से अवगत करा कर उन्हें घर पर ही अपने अंगना में ही शिक्षा देने हेतु मार्गदर्शन किया. अंगना में शिक्षा के मूल उद्देश्य एवं उनके लक्ष्य को विस्तार पूर्वक बताया.
सभी माताओं ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हुए उन्हें घर पर ही आंगन में ही शिक्षा देने की बात कही. सभी महिलाओं के द्वारा क्रमशः विभिन्न गतिविधियों को करा कर बच्चों को प्रदर्शन किया. जैसे वर्गीकरण करना, कहानी ,चित्र पर बातचीत, अभिनय ,कविता, क्रम से जमाना, अंक जोड़ना , अक्षरों को पहचानना एवं अक्षरों को जोड़ना. मास्टर ट्रेनर ने बताया कि हम घर पर कार्य करते हुए विभिन्न गतिविधियों से उन्हें शिक्षा से जोड़ सकते हैं।
छोटी-छोटी गतिविधियों के आधार पर एक मनोरंजनात्मक तरीके से हम बच्चों को बता सकते हैं एवं उन्हें सभी भाषाई कौशल, अभिव्यक्ति कौशल ,कल्पना शक्ति के विकास हेतु माताएं घर में रहकर चाहे वह बड़े बुजुर्ग हो या फिर घर में रहने वाले कोई भी सदस्य वह इन गतिविधियों को करा कर शिक्षा से जोड़े रख सकते हैं। कोरोना का समय है, अभी 2 अगस्त को स्कूल खुला है मगर आने वाले समय में यह कहा नहीं जा सकता कि यह स्कूल साल भर खुला रहेगा कि कुछ दिन के लिए खुला रहेगा। अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो फिर से लाकडाउन हो सकता है एवं लॉकडाउन होने की स्थिति में सारे स्कूल बंद होने की संभावना हो सकती है, तब स्थिति बच्चों की क्या होगी ? तो इसी तारतम्य में यह योजना निकाली गई है जो स्वप्रेरित शिक्षकाओं द्वारा एक नई पहल है।
बच्चे अंगना में ही माताओं से शिक्षा ग्रहण कर सके जिससे आने वाले भविष्य में बच्चों के शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रयास किया जा सकता है. पालक ,बालक और शिक्षक जब साथ साथ मिलकर कार्य करेंगे तो परिणाम भी बेहतर होगा। इस कार्यक्रम में चंद्रहास साहू (सामाजिक कार्यकर्ता), दानेश्वर साहू (ओम पब्लिक स्कुल के संस्थापक) एवं उनकी पूरी टीम की उपस्थिति रही. उन्होंने बाल संरक्षण के बारे में एवं बाल अधिकार के बारे में भी पालको को अवगत कराया. आज कीद स्थिति परिस्थिति में हम बच्चों को कैसे नैतिक शिक्षा दे सकते हैं, उनकी सुरक्षा कर सकते हैं, उनके अधिकार क्या है? इस पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया.पुष्पा चौधरी के द्वारा बालिका शिक्षा एवं स्वास्थ्य के विषय में भी सभी पालको एवं उपस्थित बालिकाओं को मार्गदर्शन किया कि हम अपनी शिक्षा को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं। इस विषय पर पालको एवं बालिकाओं के द्वारा भी प्रश्न किया गया है. जिससे सार्थक समाधान करने का कार्य किया गया।