नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में साहस से ड्यूटी करते पाया इन्होंने प्रमोशन, बने आरक्षक से निरीक्षक, संघर्षशील थाना प्रभारी चन्द्रवंशी की कहानी लोगों को देती है प्रेरणा

बालोद/गुरुर – गुरुर थाने में हाल ही में नव पदस्थ थाना प्रभारी दिलेश्वर चंद्रवंशी की कहानी लोगों को प्रेरित करने वाली है। वह इसलिए क्योंकि उन्होंने कई संघर्षों का सामना करके कड़ी मेहनत के बाद एक-एक करके नया मुकाम पाया है। 2006 में बतौर आरक्षक रायपुर से पुलिस विभाग में सेवा शुरू करने वाले दिलेश्वर चंद्रवंशी मूल रूप से राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ क्षेत्र के ठाकुर टोला के रहने वाले हैं। हाल ही में उनकी बालोद जिले में पोस्टिंग हुई थी। सबसे पहले उन्हें महामाया थाना में पदस्थ किया गया था। जिसके बाद वे कुछ माह रनचिरई थाने में रहे। महामाया में 1 माह की पोस्टिंग के दौरान ही एक अंधे कत्ल का मामला सामने आया था। उसे भी उन्होंने सुलझाने में सफलता हासिल की। जिसके बाद तत्कालीन एसपी जितेंद्र सिंह मीणा के निर्देश पर हुए रनचिराई थाना के भी प्रभारी रहे। अब नए एसपी सदानंद कुमार के आदेश पर गुरुर थाना की कमान संभाले हैं। उन्होंने बातचीत में मीडिया को बताया कि कैसे वे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में काम करते रहे और वहां उनसे कई बार नक्सलियों से भी सामना हुआ। नक्सली मुठभेड़ में भी हिस्सा लेते थे और सफल हुए। उनके लिए शुरुआती दौर ही चुनौती भरा था। आरक्षक से उन्हें फिर सब इंस्पेक्टर बनाया गया फिर विभागीय प्रमोशन के तहत उत्कृष्ट कार्यों के चलते उन्हें थ्री स्टार थाना प्रभारी के रूप में प्रमोशन मिला।

ऐसे चला संघर्षो से सफलता का सिलसिला

2006 में आरक्षक रहे। रायपुर में पदस्थ थे। उसके बाद 2011-12 में उनका विभागीय प्रमोशन हुआ और सब इंस्पेक्टर एसआई बने। इस दौरान वे सुकमा में पदस्थ रहे और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गश्त सर्चिंग करते रहे डीआरजी थाना में सेवा देते रहे। इस बीच नक्सली मुठभेड़ भी हुआ। जिसका वे सामना किए और फिर उनके विभागीय प्रमोशन के तहत 2017-18 में वे टीआई निरीक्षक बने और फिर उनकी पोस्टिंग 2018 में बस्तर में हुई। जहां फिर वे बतौर थाना प्रभारी 2 से ढाई साल रहे और वहां भी नक्सली चुनौतियों का डटकर सामना किए। फिर उनका 2021 में बालोद जिले में नई प्रतिनियुक्ति हुई और अब यहां गुरुर में थाना प्रभारी हैं। उनके परिवार में उनके पिता, पत्नी व 4 साल की एक बच्ची है। पत्नी शिक्षिका भी हैं। उन्होंने कहा कि अपराधों के नियंत्रण को लेकर पूरा प्रयास जारी रहेगा। सामुदायिक पुलिसिंग के क्षेत्र में भी बेहतर से बेहतर काम किया जाएगा। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि वे शासन प्रशासन का सहयोग करें। कानून को हाथ में ना लें और अगर कहीं भी किसी तरह के अपराध घटित हो रहा है या घटित होने की आशंका है तो इसकी सूचना तत्काल दे। खासतौर से साइबरक्राइम को लेकर भी उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र की जनता को सचेत किया कि किसी भी तरह के लालच या फोन कॉल के झांसे में ना आए वरना खाते से लाखों की रकम पार हो सकती है। अगर ठगी का शिकार होते हैं तो तत्काल इसकी सूचना थाने में दें।

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