आखिर इस महिला सरपंच ने क्यों कहा मांग पूरी नही हुई तो घेर लुंगी गुरुर जनपद, पढ़िए मामला?
मनरेगा का पैसा 150 दिन काम करने के बाद भी नहीं मिला, मजदूरों ने सरपंच से मांगा तो सरपंच ने प्रशासन को ज्ञापन देकर कहा जनपद का घेराव करूंगी
गुरुर।
गुरुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत पिकरीपार के सरपंच चंदा साहू ने एसडीएम को कलेक्टर के नाम से ज्ञापन देकर मनरेगा की राशि ना मिलने की वजह से जनपद पंचायत गुरुर का घेराव व धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने प्रशासन को 1 सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। ताकि इस बीच मजदूरों का मजदूरी भुगतान किया जाए। वरना वह मजबूरी में मजदूरों के साथ मिलकर आंदोलन करने विवश होंगे। दरअसल में गांव में जो भी मजदूर है उन्होंने 150 मानव दिवस पूरा काम किया। लेकिन उनकी मजदूरी आज तक नहीं मिली है। इस वजह से गांव के मजदूर काफी परेशान हैं और वे लगातार सरपंच को आवेदन देते रहते हैं। पर सरपंच भी करे तो क्या क्योंकि शासन-प्रशासन से ही पैसा नहीं आ रहा है। इसलिए सरपंच ने तंग आकर प्रशासन को यह अल्टीमेटम दिया है कि 1 हफ्ते के भीतर मजदूरी नहीं मिली तो वे उन प्रभावित मजदूरों के साथ आकर जनपद पंचायत का घेराव करेंगे। मजदूरी न मिलने से परेशान ग्रामीण अनीता, अश्वनी, रुकमणी, कुमारी बाई, राजेंद्र साहू, रामरतन साहू, आश्रित ग्राम तिलखैरी के सुकारो, सुशीला, दामिनी, अनीता देवांगन, धनीराम साहू सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में लगभग 150 मानव दिवस पूरा कर लिए थे। लेकिन अभी तक मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है। किसी का 4 सप्ताह तो किसी का 6 सप्ताह तक का मजदूरी भुगतान लंबित है। ग्रामीणों ने कहा कि वर्तमान में कोरोना के चलते लॉकडाउन तथा कंटेनमेंट जोन हो जाने के कारण अन्य दूसरे काम भी नहीं कर सकें। जिससे हमें आर्थिक समस्या का काफी सामना करना पड़ रहा है। इसलिए जल्द से जल्द मनरेगा मजदूरी का भुगतान किया जाए। ग्रामीणों ने कहा कि कई गरीब परिवार के लोग हैं जिनका लॉकडाउन में इतनी लाचारी हो गई है कि खाने के लाले पड़ रहे हैं। ऐसे में मनरेगा के तहत काम करके भी वे बेरोजगारी व लाचारी की जिंदगी जी रहे हैं और उन्हें पैसा ही नहीं मिला है।सरपंच चंदा साहू ने भी कहा कि लॉकडाउन व कंटेनमेंट जोन के कारण मजदूर दूसरे काम में जा भी नहीं सके और जो काम किए हैं, सरकारी योजना के तहत उसका भुगतान हुआ ही नहीं है। पूर्व में भी भुगतान के बारे में लिखित आवेदन कर चुकी हूं लेकिन अभी तक कोई सार्थक पहल नहीं हुआ है।इसलिए 1 सप्ताह के भीतर मजदूरी भुगतान नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।