बड़ी खबर-मनरेगा व आवास का नहीं हुआ भुगतान, सरपंचों ने दी आंदोलन की चेतावनी, बालोद ब्लॉक में धरना 25 को

बालोद। सरपंच संघ मनरेगा व का आवास का पैसा अब तक नहीं मिलने पर अब आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। बालोद में इसको लेकर धरना प्रदर्शन 25 मई को होगा। तो अन्य ब्लॉक के सरपंच भी अब अपनी मांगों को लेकर लामबंद हो रहे हैं।

बालोद ब्लाक के सरपंच घरों के सामने देंगे 25 मई को धरना

मनरेगा व आवास का पैसा नहीं मिलने पर बालोद ब्लाक के सरपंच 25 मई को धरना प्रदर्शन करेंगे। इसको लेकर पहले से ही अल्टीमेटम दिया जा चुका है।बालोद ब्लॉक के सरपंच संघ के अध्यक्ष व जगन्नाथपुर सरपंच अरुण साहू ने बताया कि जनपद पंचायत बालोद सरपंच संघ के द्वारा मनरेगा सामग्री का भुगतान एवं आवास की राशि विगत 8 माह से पंचायत को प्राप्त नहीं हुई है। इसके बारे में 1 सप्ताह पहले ही सूचित किया गया था। लेकिन अभी तक राशि प्राप्त नहीं हुई है। इस वजह से 25 मई मंगलवार को ब्लॉक के सभी सरपंच अपने अपने घर के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। संघ के सचिव केशव गंधर्व ने कहा कि मनरेगा के तहत कार्य सितंबर अक्टूबर 2020 में पूर्ण हो गए हैं। लेकिन कार्य पूर्ण होने के बाद भी अब तक राशि का भुगतान नहीं हुआ है। इस पर लगातार जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत को अवगत कराया जा चुका है लेकिन जवाब आता है कि अभी शासन द्वारा राशि आवंटित नहीं हुई है। संघ ने कहा है कि मनरेगा के तहत कार्य के लिए शासन द्वारा सरपंचों पर काम जल्दी पूरा करने के लिए दबाव बनाया जाता है लेकिन भुगतान के लिए हमेशा सरपंचों को कई महीनों का इंतजार करना पड़ता है। लॉकडाउन के चलते आज सभी सरपंचों की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है। आए दिन दुकानदार द्वारा सरपंच पर सामग्री का भुगतान करने दबाव बनाया जा रहा है। मनरेगा के तहत सामग्री राशि एवं आवास का भुगतान जल्दी नहीं होने पर सरपंचों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी और अब तक भुगतान नहीं हुआ है इसलिए 25 मई को आंदोलन तय किया गया है। जिसकी तैयारी शुरू हो गई है। सभी सरपंच 2 गज की दूरी मास्क लगाना है जरूरी के संदेश के साथ मनरेगा की मटेरियल की राशि का भुगतान जल्द करें, आवास योजना की राशि हितग्राहियों का भुगतान तुरंत करें, के नारों के साथ धरना देंगे।

गुरुर में हुई बैठक

इसी सिलसिले में कोविड-19 महामारी के बीच कार्यकारिणी सरपंच संघ ब्लॉक गुरुर की औपचारिक बैठक का भी आयोजन किया गया। उक्त बैठक सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष लेखक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में हुआ। सभी कार्यकारिणी ने एक स्वर में कहा कि पंचायतों में आर्थिक संतुलन पूरी तरह से बिगड़ चुका है। सत्र 2019-20 में मनरेगा अंतर्गत किए गए मटेरियल कार्यों का भुगतान रुका हुआ है। जिससे आगे कार्य करवाने में कठिनाई महसूस हो रही व आर्थिक तंगी के कारण अपमानित भी हो रहे हैं। इस समस्या को कई बार अनौपचारिक चर्चा के तहत संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जा चुका है वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी के चलते कहें या मजबूरी में मनरेगा प्रारंभ करने को लेकर सरपंच दबाव महसूस कर रहे हैं। बैठक का संचालन करते हुए ब्लॉक सरपंच संघ के अध्यक्ष यशवंत पुरी गोस्वामी ने कहा कि सरपंचों को ना तो दबाव में आना है और ना ही निराश होना है ।उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द समस्या से निजात नहीं मिला तो सड़क पर प्रदर्शन करने विवश होना पड़ेगा। लॉकडाउन के चलते नगद भुगतान जो कि 15वीं वित्त में दूसरी किस्त से होनी है तकनीकी कार्य लंबित होने का हवाला देकर जिम्मेदार अधिकारी हमसे दूरी बना रहे हैं। वास्तविकता यह है कि इस समय जब अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं उस समय सरपंचों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। जियो टैग जीपीडीपी अपडेट का हवाला देकर अधिकारी बचते फिरते हैं। वहीं दूसरी तरफ मोबाइल एवं सोशल मीडिया का सहारा लेना अच्छी बात है लेकिन कोविड-19 काल में गांव की वास्तविक तकलीफों को लगातार अनसुना किया जा रहा है। ज्ञात हो कि कोविड की पहली लहर में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका पंचायतों की रही है। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि सरपंच सर पर कफन बांधकर अदृश्य अनजान दुश्मन के खिलाफ लड़ने वाले पहले योद्धा है ।राशन सामग्री , सैनिटाइजिंग, रिकॉर्ड मेंटेन यहां तक कि मरीज को भर्ती कराने से लेकर उपचार तक, उनके परिवारों का मैनेजमेंट, कहीं घटना विपरीत घटी तो मुक्तिधाम में अपने पंचायत बॉडी के साथ कर्तव्य निभाते हुए मानवता का परिचय दिया है। दुर्भाग्यवश सभी को सराहना, मेडल, अखबार के माध्यम से कई संगठनों की पीठ थपथपाई गई लेकिन सरपंच को केवल तिरस्कार के अलावा कुछ नहीं मिला। बैठक में कार्यकारिणी के सचिव भूपेश हिरवानी, पुरुषोत्तम साहू ,सह सचिव अरुण साहू, चीता साहू, सत्यवान साहू, नीलू साहू, छेड़िया सरपंच जया साहू, लच्छू देशलहरे, मीडिया प्रभारी बगदई सरपंच निलेशवरी साहू सहित अन्य मौजूद रहे।

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