EXCLUSIVE- आखिर क्यों राज्यपाल ने मंच पर आते ही मांगी माफी, पाटेश्वर धाम पर आए संकट पर क्या कुछ बोली? पढ़िए पूरी कहानी

बालोद/ डौंडीलोहारा। शुक्रवार को डौंडीलोहारा ब्लॉक के जामड़ी पाटेश्वर धाम में राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके का दौरा रहा। कहने को तो यह मांघी पुन्नी महोत्सव का आयोजन था। पर यहां पुन्नी आयोजन का दृश्य कम पाटेश्वर धाम पर पिछले महीने वन विभाग के नोटिस के चलते आए संकट का असर ज्यादा देखने को मिला। अपने स्वागत भाषण में भी संत श्री राम बालक दास जी ने भी राज्यपाल से पहले ही मांग कर दी की पाटेश्वर धाम पर जो विघ्न बाधा आया है उसे दूर किया जाए और मंदिर को स्थाई पट्टा दिलाया जाए। तो इसी तरह राज्यपाल ने भी अपने भाषण के दौरान यह आश्वस्त किया कि जो भी संकट आया है वह दूर करने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास करूंगी।

यहां की जो भी समस्या व संकट है उसे दूर करने शासन का ध्यान आकर्षित करूंगी तो वही जब राज्यपाल ने अपना भाषण देना शुरू की तो उनका पहला शब्द “माफी”था। उन्होंने कहा संत जी मैं आपसे क्षमा चाहती हूं। जब उनके मुंह से ये शब्द निकले तो लोग एक पल के लिए स्तब्ध रह गए कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई। तब फिर उनकी अगली उद्बोधन थी कि वे यहां 3 माह बाद आई है। उन्हें यहां 3 माह पहले ही आ जाना था। लेकिन कोरोना के चलते नहीं आ पा रही थी। उन्होंने लोगों से भी अपील किया कि अभी कोरोना का खतरा टला नही है इसलिए गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क जरूर लगाएं। उन्होंने अपने उद्बोधन के दौरान पाटेश्वर धाम की गतिविधियों की सराहना की। युवाओं से भी अपील किया कि वे एक बार यहां जरूर घूमने के लिए आए। यहां आकर उन्हें अलग ही अनुभूति होगी।

धर्म को लेकर यह दी नसीहत बोले हम हिंदुस्तानी हैं, जात पात में न बंटे

उन्होंने अपने जगदलपुर बस्तर प्रवास का जिक्र करते कहा जात पात को लेकर कुछ बातें सामने आई है वह चिंता की बात है। लोगों से अपील की कि वे जात पात धर्म के नाम पर आपस में ना लड़े, ना लड़ाए। यह गलत बात है। कोई देवी को मानते हैं कोई शिव को मानते हैं कोई राम को मानते हैं सबकी अपनी अपनी श्रद्धा है। कोई किसी को रोक नहीं सकता। पर यह चीजें भी होती है कि कुछ लोग आपस में कहते हैं कि हमारे वंशज रावण है राम नहीं है। अरे भाई राम रावण भी तो एक बड़े पंडित महा विद्वान थे। चूंकि उनमें कुछ बुराइयां थी, समाज ने उनकी बुराइयों से सीख लेकर समाज को अच्छाई की ओर मोड़ता है। लेकिन इस देश के अंदर मैं आपको सच बता रही हूं हर व्यक्ति का अपना धर्म होता है।

वह अपने धर्म को मानता ही है। लेकिन इस देश में जो भी व्यक्ति रहने वाला है वह हिंदुस्तानी हैं और यह चीज को देखकर आपस में ना लड़ें। जिसकी जिस पर श्रद्धा हो वह व्यक्ति अपना माने और जबरदस्ती ना कहे कि आप इसको नहीं मान रहे हो, हमारे इसके मानो, उसको मानो, इसे बंद करो, उसे जलाओ, इस से कुछ नहीं मिलने वाला है। आपस में लड़ने से कुछ नहीं मिलने वाला है। इस समय जीवन की सबसे बड़ी और आवश्यकता है स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार। सारे लोग इस कार्य के लिए देखें कि हमारा जीवन कैसे चले। कैसे हमारे भविष्य उज्जवल हो। हमारे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले। स्वास्थ्य अच्छा रहे। रोजगार मिलें।

छग के लोगों को लेकर ये बात कही


उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में लगभग डेढ़ साल हो गए हैं। मैं देखती हूं कि यहां के लोगों में बड़ी सहजता और सरलता है। सीधापन है। ऐसा मैंने कहीं नहीं देखा है। मगर मैं देख रही हूं कि आज भी हमारा 32% जो क्षेत्र है वह बहुत ही आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है और यहां पर आज भी बहुत सारी मूलभूत समस्या है। बनी हुई है मेरा यह प्रयास रहेगा कि समय-समय पर शासन प्रशासन को मैं ध्यान उन समस्याओं पर दिलाती रहूंगी। बहुत सारी जटिलताएं हैं,समस्याएं भी हैं। मैंने जगदलपुर में भी अपील की थी कि वहां बेरोजगार युवक व समाज को भी कि जो खुद भटकते हुए गलत रास्ते पर चले गए हैं यह उनको समझाए और मुख्यधारा में लेकर आये खून खराबा से कुछ नहीं मिलने वाला है। आज कितने लोग इस आश्रम के माध्यम से इस संस्थान के माध्यम से लोगों को एक नई रोशनी मिल रही है। उन लोगों की यह एक बहुत बड़ी आस्था भी है।

भाईचारे की भावना बनाए रखें। आपस में एक रहें और इस क्षेत्र का जो उम्मीद आवश्यकता है वह निश्चित रूप से पूरी होगी। मुझे समय-समय पर संत राम बालक दास जी ने अवगत कराया कि यहां हजारों लाखों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। यहां की बहुत सारी मूलभूत समस्या है। उसका भी मैं प्रशासन की ओर ध्यान आकर्षित करूंगी और यहां की आगे भविष्य में किसी भी तरह से ऐसी कोई घटना ना हो इसकी सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। आगे जो भी मेरे से हो सकता है वह निश्चित रूप से इस क्षेत्र के लिए जो मुख्य समस्या, मांगे हैं उस पर विशेष ध्यान देंगे।

अधिकारी कर्मचारियों का भी हुआ सम्मान

राज्यपाल के इस प्रवास के दौरान उन्होंने पहले नंदी शाला का अवलोकन किया फिर पाटेश्वर धाम मंदिर व नवनिर्मित कौशल्या धाम का दर्शन किया। इसके बाद मंचीय कार्यक्रम हुआ। जहां उद्बोधन के बाद बेहतर काम करने वाले अधिकारी कर्मचारियों का भी सम्मान हुआ।

अपर कलेक्टर एके वाजपेई, एएसपी डीआर पोर्ते सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी, कोरोना वॉलिंटियर्स सम्मानित हुए। इस दौरान मंच पर प्रमुख रूप से सांसद मोहन मंडावी, भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार, संजय बारले सहित अन्य मौजूद रहे।

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