November 22, 2024

मोबाइल मॉनिटरिंग से इस संकुल समन्वयक ने मोहला जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में फैला दिया डिजिटल क्लास का जाल, देखिये इनकी सफलता की कहानी ब्लॉग लेखक विवेक की कलम से

मोहला/बालोद – मोबाइल मॉनिटरिंग के माध्यम से शिक्षको और विद्यार्थियों को सतत प्रोत्साहित करने वाले पढई तुंहर दुआर के विकास खंड नोडल अधिकारी संकुल शैक्षिक समन्वयक ,संकुल केंद्र कंदाड़ी,जिला राजनांदगांव की नक्सल प्रभावित इलाके वनांचल में अपनी अलग पहचान हैं। जिन्होंने डिजिटल क्लास रूम से सभी को प्रेरित किया। राजनांदगांव के केवल राम साहू ने संकुल समन्वयक के रूप में सभी शिक्षको व बच्चों को पढाई तुंहर दुआर से जोड़ने की सतत प्रयास से आज मोहला विकासखण्ड के सभी विद्यालय डिजिटल विद्यालय में तब्दील हो चुके है।

विवेक धुर्वे

उनकी कहानी को सब जाने और प्रेरणा ले इसके लिए बालोद के विवेक धुर्वे (राज्यस्तरीय ब्लॉग लेखक) ने उनकी सक्सेस स्टोरी लिखी जो स्कूल शिक्षा विभाग के पढ़ाई तुंहर दुआर पोर्टल पर प्रकाशित हुई है। केवल ने अपने संकुल को पूर्ण रूप से डिजिटल क्लास रूम में बदल कर सभी शिक्षको को मोहल्ला क्लास लेने के लिए प्रेरित किया व सभी विद्यार्थियों को इन कक्षाओं में जोड़ने की मुहिम शुरू की। ब्लॉक नोडल अधिकारी बनने के पश्चात सभी संकुल समन्वयक का वर्चुअल आनलाईन बैठक कर बच्चो की पंजीयन के संबंध मे जानकारी दी। जिससे सभी बच्चो का cgschool.in में पंजीयन किया गया। इसके अलावा शिक्षको की आनलाईन मिटिंग कर पूरी प्रक्रिया बताई गई। साथ ही वेबेक्स से आनलाईन क्लास लेने की प्रक्रिया संकुल केन्द्र में शिक्षको को बताया गया। वनांचल के शिक्षकों व बच्चों के लिए डिजिटल शिक्षा एक सपना जैसा था लेकिन वह इनके प्रयासों से साकार हो गया। धीरे धीरे सभी शिक्षक आनलाईन क्लास लेने लगे। मोहल्ला क्लास प्रारंभ करने के लिए नेटवर्क विहीन क्षेत्र के शिक्षको को प्रेरित किया एवं विधिवत प्रारंभ किया।

केवल साहू

इसके लिए ब्लॉक से शिक्षा अधिकारी के साथ सतत मानिटरिंग कर शिक्षा सारथी एवं शिक्षको को प्रेरित किया। डिजीटल क्लास हेतु कंदाड़ी संकुल के शिक्षको को प्रेरित करने के पश्चात जब कंदाड़ी संकुल शतप्रतिशत शालाओ के साथ डिजिटल संकुल बना तत्पश्चात ABEO, BEO एवं BRC के साथ सभी संकुल समन्वयक की बैठक कर डिजिटल एजुकेशन के बारे मे बताए और संकुल स्तरीय बैठक कर सभी शिक्षको को प्रेरित किया। जिसका परिणाम है कि आज मोहला विकास खंड के शतप्रतिशत शालाओ मे स्मार्ट टीवी से बच्चे डिजीटल पढ़ाई कर रहे है। समय-समय पर शिक्षको को मोटिवेशन दिया जा रहा है एवं ब्लॉक स्तर से डिजीटल मटेरियल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त संपर्क फाउंडेशन से प्राप्त विडियो को बच्चो को टीवी के माध्यम से दिखाई जा रही है। वर्तमान में राज्य शासन के निर्देश के अनुसार पढई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत मोहल्ला कक्षा को प्राथमिकता दी गई। उसी के चलते कंदाड़ी संकुल केंद्र के संकुल समन्वयक केवल राम साहू ने अपने संकुल में सभी शिक्षकों की ऑनलाइन वर्चुअल क्लास लेकर मोहल्ला कक्षा की शुरुआत करने का निवेदन किया और इनके अथक प्रयास से सभी बच्चों को मोहल्ला कक्षा से जोड़ने की मुहिम शुरू की। देखते ही देखते बहुत से विद्यार्थियों ने मोहल्ला कक्षा में जाना शुरू कर दिया। इन्ही के प्रयास से जानकारी आनलाईन क्लास की सफल संचालन हेतु इन्होंने ब्लॉक नोडल होने के बाद सभी संकुल समन्वयक विकासखण्ड मोहला की आवश्यक वर्चुअल कार्यशाला कर बच्चो को शत प्रतिशत पंजीकरण करने की प्रक्रिया से रूबरू कराई। जिससे मोहला के 90 प्रतिशत बच्चो को इन्होंने पंजीकृत कर लिया। इस प्रकार ब्लॉक के अधिकारीगण के साथ इन्होंने आनलाईन क्लास मे बच्चो और शिक्षको को जोड़ने मे मदद मिला।

राजकुमार ने रखी डिजिटल क्लास की नीव

डिजीटल क्लास का संचालन करने के लिए शिक्षक राजकुमार यादव ने अपनी स्कूल में ब्लाक का पहला स्मार्ट टीवी लगाकर शुभारंभ किया। जिसका अनुकरणीय पहल श्री साहू जी ने किया। इसके लिए इन्होंने अपनी संकुल के शिक्षको की आवश्यक बैठक रखकर शिक्षको को आनलाईन कोर्स एवं डिजिटल स्टडी के संबंध मे जानकारी दी। साथ-साथ आधुनिक तकनीक एवं डिजीटल क्लास के महत्व को बताया। जिससे शिक्षको ने स्वयं के व्यय से अपनी अपनी शालाओ मे स्मार्ट एंड्रॉयड टीवी लगाने एवं डिजीटल क्लास लगाने का निश्चय किया और इन्होंने संकुल केन्द्र कंदाड़ी विकास खंड मोहला को 31 अगस्त 2020 को कुल 14 शालाओ में स्मार्ट टीवी के साथ जिले का पहला स्मार्ट संकुल इन्दर शाह मंडावी (संसदीय सचिव) मोहला-मानपुर के कर कमलो से बनाया। इस अवसर पर विकासखंड स्तरीय सभी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे। साथ ही इस कार्य की सराहना करते हुए बधाई दी एवं संकुल समन्वयक केवल राम साहू को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र से सम्मानित किए। वर्तमान में इस स्मार्ट टीवी का उपयोग मोहल्ला क्लास में अध्यापन कार्य में कर रहे है। इस कार्य का अनुकरण करते हुए वर्तमान में मोहला विकास खंड के शत प्रतिशत शालाओ में स्मार्ट क्लास संचालित है। इस कार्य में शिक्षको के साथ साथ विकास खंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय अधिकारियो का भी मार्गदर्शन रहा।

क्या है इनका कहना

केवल राम साहू ने बताया कि वर्चुअल क्लासरूम का अर्थ है आभासी कक्षा। यानी जहां परंपरागत कक्षा में छात्र औऱ शिक्षक एक ही कक्षा में रहकर एक दूसरे से संवाद करते हैं। शिक्षक छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देता है। उन्हें विषय के बारे में जानकारी देता है। उनके नोट्स तैयार करवाता है। उन्हें लेक्चर डेलीवर करता है। उनके सवालों को सुलझाता है। वहीं यह सारे काम वर्चुअल क्लास में भी होते हैं, लेकिन इसमें शिक्षक कहीं और होता और छात्र कहीं और। यहां तक शिक्षक देश के एक कोने में हो सकता है, और छात्र देश के दूसरे कोने में। इससे भी आगे बढ़कर देखें तो शिक्षक दुनिया के किसी अन्य देश के कोने में हो सकता है जबकि छात्र अन्य देश के किसी कोने में। इनके आपस में जुड़ाव का एक ही साधन है इंटरनेट। सीधे शब्दों में कहें तो वर्चुअल क्लास में आनलाइन पढ़ाई होती है। इसमें क्वालिटी कंटेंट की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ई लर्निंग से हर तरह की शिक्षा घर बैठे बैठे बहुत आसान हो गई है। छात्र को अपना घर छोड़कर कहीं जाने की जरूरत ही नहीं है। छात्र घर बैठे अपनी पसंद का आनलाइन कोर्स कर सकता है। पर ग्रामीण जगहों में नेटवर्क के कमजोर होने के कारण बहुत से विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित हो रहे थे। इसलिए इनके संकुल में मोहल्ला कक्षा का आयोजन किया गया और अपने संकुल को डिजिटल कक्षा बनाने में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उनका कहना है कि शिक्षा के माध्यम से ही हम अपने सपने पूरे कर सकते हैं। जीवन को नयी दशा और दिशा दे सकते हैं। बिना शिक्षा के हम कुछ भी मुकाम हासिल नहीं कर सकते। आजकल जीविकोपार्जन करना हर किसी की जरुरत है, जिसके लिए आपका शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। आज की पीढ़ी का बिना पढ़े-लिखे भला नहीं हो सकता।शिक्षा से ही रोजगार के अवसरों का सृजन होता है। आज वही देश सबसे ताकतवरों की श्रेणी में आता है, जिसके पास ज्ञान की शक्ति है। अब वो दिन गये, जब तलवार और बंदूकों से लड़ाईयां लड़ी जाती थी, अब तो केवल दिमाग से खून-खराबा किए बिना ही बड़ी-बड़ी लड़ाईयां जीत ली जाती हैं। इस लिए पढाई को रोका नही जा सकता बल्कि कई वैकल्पिक विकल्प खोज कर हम सबको बच्चों को शिक्षा से जोड़ना चाहिए और छत्तीसगढ़ शासन की योजना पढ़ाई तुंहर दुआर को जरूर सफल बनाने में सभी शिक्षकों को भरकस प्रयास करना चाहिए।

You cannot copy content of this page