हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर अब छग के मनरेगा अधिकारी कर्मचारियों की मांग- समान कार्य समान वेतन दें सरकार , धरना देकर बोले 15 साल से संविदा में कर रहे काम, ये कहां का इंसाफ?

बालोद – गुरुवार को जिले के मनरेगा अधिकारी-कर्मचारियों ने 7 सूत्रीय मांगो को लेकर बस स्टैंड बालोद में धरना दिया जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के नाम अपर कलेक्टर अनिल वाजपेयी को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया कि प्रदेश में मनरेगा को प्रारंभ हुए 15 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इतनी लंबी अवधि के पश्चात् भी मनरेगा में अधिकारी/कर्मचारी ग्राम पंचायत, जनपद, जिला, राज्य कार्यालय में आज भी संविदा/मानदेय पर कार्यरत है और आज तक मनरेगा में अधिकारी/कर्मचारी नियमित होने से वंचित हैं।

अवगत हो कि आज महात्मा गांधी नरेगा के समस्त कार्यरत कर्मचारी/अधिकारी की उम्र लगभग 40 वर्ष से उपर हो गई है और अपना जीवन का महत्वपुर्ण समय महात्मा गांधी नरेगा मे कार्य कर गुजार दिया है। इसके बाद भी हम लोग का नौकरी सुरक्षा एवं भविष्य की कोई दिशा दशा तय नही। आज पर्यन्त तक किसी भी प्रकार की शासन के तरफ से हम लोगो के भविष्य को लेकर किसी प्रकार की सकरात्मक पहल नही किया गया हैं जिसके हम लोग बहुत ही अनिश्चतता एवं असुरक्षा से जीवनयापन कर रहे है। अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध करते हुए मांग की गई हैं कि जैसे जन घोषणा पत्र के बाकी मांगो को पूरा किये हैं। वैसी मनरेगा अधिकारी-कर्मचारी की मांगो को जन घोषणा पत्र अनुरूप पूरा करेंगे।

यह है उनकी 7 सूत्रीय मांग:

  1. मनरेगा के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को जन घोषणा पत्र के आधार पर नियमितीकरण किया जावे।
  2. शिक्षाकर्मी की भांति पंचायतकर्मी सेवा शर्ते नियमावली 2008 को लागू करते हुए, हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर व सर्वोच्च न्यायलय के आदेशानुसार समान कार्य समान वेतन का प्रावधान किया जावें।
  3. दो वर्ष पूर्ण कर चुके अधिकारी-कर्मचारियों का प्रतिवर्ष सेवा वृद्धि का प्रावधान को बंद कर एकमुश्त योजना पर्यन्त तक अथवा मध्यप्रदेश के तर्ज पर 62 वर्ष की सेवा सुनिश्चित किया जावें।
  4. मनरेगा के सभी अधिकारी-कर्मचारियों की भांति ग्राम रोजगार सहायकों का भी वेतन ग्रेड निर्धारित किया जावे।
  5. एनएचएम के तर्ज पर “मानव संसाधन निति” का निर्माण किया जावें, जिसमें मुख्यतः वार्षिक वेतन वृद्धि, अवकाश नीति, आकस्मिक मृत्यु पर अनुग्रह भुगतान एवं अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान आदि का समावेश किया जावे।
  6. पांच वर्ष पूर्ण कर चुके अधिकारी-कर्मचारियों को ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, राज्य में समान पद में संविलियन किया जावें साथ ही स्थानांतरण नीति का निर्धारण किया जावे।
  7. मनरेगा अंतर्गत संविदा अवधि में किये गये कार्य अनुभव वर्ष के आधार पर प्रतियोगिता परीक्षाओं में आयु सीमा में छूट व रोजगार सहायक तर्ज पर अनुभव पर अंक प्रदाय किया जावें।

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