एक बेटी ऐसी भी: माँ के जन्मदिवस के अवसर पर स्वयंसेविका कल्पना बंबोड़े ने किया 7वी बार रक्तदान

बालोद। शासकीय नेमीचंद जैन महाविद्यालय दल्ली राजहरा के राष्ट्रीय सेवा योजना की वरिष्ठ स्वयं सेविका एवं सामाजिक कार्यकर्ता कल्पना बंबोड़े द्वारा अपनी मां के जन्मदिन के अवसर पर उन्होंने जिला अस्पताल में आकर अपना 7वी बार स्वैच्छिक रक्तदान किया। इस पुनीत कार्य के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना की जिला संगठन डॉ लीना साहू ,प्राचार्य डॉ अरुण कुमार व्ही, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी राजेश ठाकुर, वरिष्ठ स्वयंसेविका मनीषा राणा ने उन्हें शुभकामनाएं दी।

रक्तदान से शरीर में कमजोरी नहीं, होते है फायदे स्वयंसेविका कल्पना बंबोड़े। :–

रक्तदान को महादान भी कहा जाता है. दुर्घटना या सर्जरी जैसे स्थिति में व्यक्ति की जान बचाने के लिए ब्लड की जरूरत पड़ती है। ऐसे में लोगों को ब्लड डोनेट करने के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल ‘वर्ल्ड ब्लड डोनेट डे’ मनाया जाता है. हालांकि ब्लड डोनेशन को लेकर आज भी लोगों के मन कई तरह के भ्रम होते हैं। जबकि रक्तदान करने से हमारे शरीर को कई लाभ होते हैं जैसे- हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाता है- नियमित रक्तदान से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है, कैंसर का खतरा कम होता है,
नई ब्लड सेल्स को बनाने में बढ़ावा देता है,वजन घटाने में मदद करता है ।

रक्तदान के कुछ तथ्य :–

• एक बार के रक्तदान में सामान्य 300 350 मिलीलीटर रक्त की मात्रा निकल जाती है शरीर में इस शब्द की कमी शीघ्र ही पूरी हो जाती है।

कोई भी 18 से 60 वर्ष का स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 35 किलो या अधिक हो रक्तदान कर सकते हैं

कोई भी स्वस्थ व्यक्ति सामान्य प्रत्येक 3 माह के अंतराल में अर्थात वर्ष में चार बार रक्तदान कर सकते हैं।

  • रक्तदान करने में केवल चार से पांच मिनट का समय लगता है।

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