शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नेवारीकला में मना रक्षाबंधन पर्व, पेड़ों को भी बांधा गया रक्षा सूत्र

बालोद।शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नेवारीकला में रक्षाबंधन का पावन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस अवसर पर विद्यालय के बहनों ने भाइयों के लिए घर से राखी लाए। भाइयों का तिलक लगाकर,आरती उतारकर कलाइयों में राखी बांधकर रक्षाबंधन का पवित्र पर्व मनाया ।भाइयों ने अपने बहनों को उपहार भी दिए ।

बहनों ने भाइयों को मिठाई खिलाकर उनका मुंह मीठा किया ।इस अवसर पर रक्षाबंधन पर गीत का भी आयोजन किया गया ।कार्यक्रम के प्रारंभ में शाला के प्रधान पाठक नंदकिशोर यादव में रक्षाबंधन के महत्व पर भी प्रकाश डाला ।उन्होंने कहा रक्षाबंधन का पर्व आदिकाल से चला आ रहा है, जब द्वापर में भगवान श्री कृष्ण के हाथ कट गए थे तो द्रौपदी ने अपने साड़ी के पल्लू को फाड़ कर उसे बहते हुए खून को रोका था ,तो श्री कृष्ण ने उनको वचन दिए थे कि जब भी कोई मुसीबत हो तो मुझे सच्चे मन से पुकारना मैं जरूर आऊंगा और महाभारत युद्ध के पूर्व जब पांडव जुए में सब कुछ हार गए तो दांव पर द्रौपदी को भी लगा दिए और उन्हें भी हार गए ।जब दु:शासन द्रौपदी का चीर हरण करने लगे तो सब मूकदर्शक बने रहे, द्रौपदी ने कृष्ण का स्मरण किया। भगवान श्री कृष्ण ने उनकी लाज रखी ।दु:शासन चीर खींचते खींचते थक गया पर चीर खींच नहीं पाया।प्रधान पाठक यादव ने राजा बलि और माता लक्ष्मी की कथा भी बताए।उन्होंने कहा अनेक ऐसे कथाओं से भी हमें रक्षाबंधन के महत्व के बारे में जानकारियां मिलती है, इसलिए हमें अपनी प्राचीन संस्कृति का सम्मान करते हुए एक भाई को अपनी बहन का रक्षा का संकल्प लेना चाहिए।साथ ही बहनों ने विद्यालय में लगे पेड़ों को राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया ।उन्होंने पेड़ों को राखी बांधते हुए पेड़ों को बचाने का संकल्प भी लिया ताकि आने वाली पीढ़ी स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण में अपना जीवन गुजार सके।इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी रक्षाबंधन के पर्व को धूमधाम से मनाए।इस पर्व के आयोजन में प्रधानपाठक नंदकिशोर यादव सहित शाला के शिक्षक सी.आर.ठाकुर,हरीश कुमार बर्मन, बेनेश्वर कुमार साहू,श्रीमती आभा श्रीवास्तव एवं भृत्य श्रीमती गीता सर्पे का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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