उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान :15 साल या इससे ज्यादा उम्र के हर असाक्षर लोगों की तलाश कर बनायेंगे साक्षर 

बालोद|  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुसार, भारत सरकार ने 2022-2027 तक पाँच साल की अवधि के लिए न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम नामक एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की है, जिसे लोकप्रिय रूप से उल्लास (समाज में सभी के लिए आजीवन सीखने की समझ) के रूप में जाना जाता है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वयस्कों को सशक्त बनाना है, जिन्हें खुद को शिक्षित करने का अवसर नहीं मिला है, और उन्हें देश के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाना है। यह न केवल शिक्षार्थियों को पढ़ने, लिखने और अंकगणित कौशल हासिल करने की अनुमति देता है, बल्कि आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जीवन कौशल की समझ से समृद्ध भी करता है। इस योजना को स्वैच्छिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्य बोध की भावना को बढ़ावा देने के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इसके अलावा, शिक्षार्थियों को दीक्षा पोर्टल पर एजुकेशन फॉर ऑल वर्टिकल के साथ-साथ ULLAS मोबाइल ऐप के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री तक पहुँचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह अभियान बालोद जिले में भी शुरू किया जा रहा है ताकि सभी शिक्षित हो सके. ULLAS शिक्षा और व्यक्तिगत विकास के मार्ग को रोशन करते हुए आशा की किरण के रूप में कार्य करेगी । इसलिए, पाठ्यक्रम को शिक्षार्थियों के सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है, जो उनके बीच अधिक आत्मीयता और गर्व की भावना पैदा करता है। ULLAS स्वयंसेवी शिक्षकों के लिए अपने शिक्षण विधियों में अनुभवात्मक शिक्षा को भी शामिल करता है, जिससे पूरी प्रक्रिया अधिक आकर्षक और सार्थक हो जाती है, साथ ही सीखने को व्यावहारिक मूल्य भी मिलता है। इसके साथ ही, यह योजना शिक्षार्थियों के साथ-साथ स्वयंसेवी शिक्षकों के प्रयासों को प्रमाणपत्रों के माध्यम से स्वीकार करती है जो निस्संदेह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उन्हें जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करते हैं। यह योजना साक्षरता कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है; यह एक आंदोलन है, एक उज्ज्वल भविष्य और सशक्त नागरिकों की ओर एक अभियान है। यह मानता है कि साक्षरता एक मौलिक मानव अधिकार है और इस अधिकार को सभी के लिए सुलभ बनाने का प्रयास करता है। इस यात्रा पर निकलने वाले शिक्षार्थी न केवल पढ़ना और लिखना सीखते हैं बल्कि अपने जीवन, अपनी आजीविका और अपने समुदायों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में भी सक्षम होते हैं। पढ़ा गया प्रत्येक शब्द, गणना की गई प्रत्येक संख्या और समझा गया प्रत्येक विचार उन्हें उनके सपनों के एक कदम करीब लाता है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा। हाल ही में, लद्दाख उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल करने वाली पहली प्रशासनिक इकाई बन गई है।

जिले में तैयारी हेतु हुई बैठक 

कलेक्टर श्री इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री चन्द्रवाल  जिला पंचायत के सभाकक्ष में ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम का जिले में सफल क्रियान्वयन हेतु आयोजित समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उक्ताशय के निर्देश दिए हैं। बैठक में श्री चन्द्रवाल ने सभी के लिए शिक्षा हेतु प्रारंभ की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अनुशंसित ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम के जिले में सफल क्रियान्वयन हेतु किए जा रहे उपायों की भी विस्तृत समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि केन्द्र परिवर्तित योजना ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को शत प्रतिशत साक्षर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री पीसी मरकले, ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम के जिला स्तरीय नोडल अधिकारी श्री राधेश्याम साहू एवं विकासखण्ड नोडल अधिकारियों के अलावा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, संकुल समन्वयक एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

 01 सप्ताह के भीतर एंट्री के कार्य को अनिवार्य रूप से करना है 

कलेक्टर श्री चन्द्रवाल ने जिले में ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु निर्धारित लक्ष्य एवं रणनीति के संबंध में जिला स्तरीय नोडल अधिकारी के अलावा विकासखण्ड स्तरीय नोडल अधिकारियों से बारी-बारी से जानकारी ली। बैठक में कलेक्टर ने विकासखण्ड नोडल अधिकारियों से ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम के सर्वे ’उल्लास एप्प’ में एंट्री कार्य के संबंध में बारी-बारी से जानकारी ली। उन्होंने सभी विकासखण्ड स्तरीय नोडल अधिकारियों को 01 सप्ताह के भीतर एंट्री के कार्य को अनिवार्य रूप से पूरा करने के निर्देश दिए। श्री चन्द्रवाल ने विकासखण्ड स्तरीय नोडल अधिकारियांे से एंट्री कार्य से आ रही परेशानियों के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को आम जनता को ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम के संबंध में जानकारी प्रदान कर तथा अभियान चलाकर एंट्री कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने ’उल्लास केंद्र’ तथा शिक्षार्थियों एवं स्वयं सेवी शिक्षकों का चिन्हांकन, उल्लास कार्यक्रम हेतु वातावरण निर्माण, प्रवेशिका निर्माण, पठन-पाठन सामग्रियों की व्यवस्था, ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम में स्वयं सेवी संस्थाओं एवं अन्य संस्थाओं की व्यवस्था, कुशल प्रशिक्षकों एवं स्वयंसेवी प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण तथा उल्लास केन्द्रों का संचालन आदि की विस्तृत समीक्षा की। श्री चन्द्रवाल ने बैठक में उपस्थित विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों एवं संकुल समन्वयकों को भी ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने को कहा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे ने अधिकारियों से जिले में ’उल्लास नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु की गई तैयारियों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने इस कार्य को अभियान चलाकर पूरा करने को कहा।

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