आंगन बाड़ी कार्यकर्ता पूछ रही सीएम से, क्या हुआ वो चुनावी वादा,,,,,कब बना रहे हमें नर्सरी शिक्षक,,, करेंगे 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल
बालोद। आगामी चुनावी वर्ष को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ भी अब आंदोलन की पूरी तैयारी में जुट गया है। विगत दिनों चरणबद्ध तरीके से धरना प्रदर्शन के बाद अब काली पट्टी लगाकर काम करते हुए एक बार फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के जरिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र भेजकर आंदोलन की सूचना दी है। जिसमें कहा गया है कि 22 जनवरी तक अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो 23 जनवरी से वे प्रांतीय आह्वान पर सामूहिक रूप से 5 दिन का अवकाश लेकर राजधानी रायपुर में धरना देने के लिए जाएंगे। इसके बाद भी मांग पूरी ना होने पर 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल सभी जिलों में शुरू करेंगे। तब तक वह 22 जनवरी तक फिलहाल कर्तव्य अवधि में काली पट्टी और बैच लगाकर काम कर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके पहले 9 जनवरी को प्रत्येक जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन देकर अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई जा चुकी है। पर अब तक शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। इस संबंध में परियोजना अधिकारियों को भी सूचना दे दी गई है कि वे हड़ताल में जाने वाले हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री की सत्ता में आने पर उनके भाषण घोषणा को भी याद दिलाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने जन घोषणा पत्र 2018 में उल्लेख करते हुए कहा था कि जब उनकी सरकार आएगी तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन किया जाएगा। कलेक्टर दर पर मानदेय स्वीकृत किया जाएगा। इस बात पर भरोसा करके शासन की हर योजना में बढ़-चढ़कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने काम किया और छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने में, जनगणना, मतदाता सूची सहित कई योजनाओं में अपनी अमूल्य भागीदारी दी। जिससे छत्तीसगढ़ अग्रणी रहा है। लेकिन बदले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को शासन की घोषणाओं के मुताबिक कुछ नहीं मिला है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश में लगभग 1 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका है। भूपेश सरकार के आने पर काफी आशान्वित और उत्साहित थे। कांग्रेस की सरकार आएगी तो निश्चित ही हम बहनों को जीने लायक वेतन और लाभ मिलेगा। जीवन स्तर ऊंचा होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया है।
क्या-क्या है मांगे
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ की प्रमुख 6 मांगे हैं। जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। उन्हें नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाए। रिक्त पदों पर शत-प्रतिशत भर्ती की जाए और कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति दी जाए। विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाए। प्राइमरी स्कूलों में प्राइमरी शिक्षक का दर्जा एवं वेतन दिया जाए। मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी कार्यकर्ताओं के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जाए। कार्यकर्ताओं को 5 लाख एवं सहायिकाओं को 3 लाख का रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त राशि दिया जाए। मासिक पेंशन ग्रेजुएटी समूह बीमा योजना लागू की जाए। प्रदेश स्तर पर कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के रिक्त पद को तत्काल भरा जाए और जब तक मोबाइल नेट चार्ज नहीं दिया जाता तब तक मोबाइल पर कार्य का दबाव न दिया जाए।