शिक्षकों के हितों पर हुआ कुठाराघात: न पूर्व की सेवा का रखा ध्यान और न ही पेंशन की पात्रता मानकर कटौती करने वाले वर्ष से दिया पुरानी पेंशन,शालेय शिक्षक संघ की मांग-पेंशन के मामले में हो पूर्व सेवा की गणना
संविलियन वर्ष से पुरानी पेंशन का लाभ देने से भड़के गुरुजी, कहा हमारी पूर्व की सेवा को मानकर जब संविलियन दिया तो पेंशन पर क्यों नहीं ? पेंशन कटौती 2012 से पर लाभ 2018 से, ये कैसी नीति..?
बालोद। शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे और जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने बताया कि वित्त विभाग छग शासन द्वारा जारी आदेश के तहत संविलियन प्राप्त शिक्षकों पुरानी पेंशन व समस्त हितलाभ संविलियन वर्ष से दिए जाने की बात कही है, साथ ही सेवानिवृत्ति के समय, संविलियन वर्ष से पुरानी पेंशन लागू तिथि तक के शासकीय अंशदान मयब्याज़ जमा करने पर ही उनको पेंशन अधिकार पत्र दिया जाएगा ऐसा उल्लेख इस पत्र में किया गया है जिससे समस्त संविलियन प्राप्त शिक्षकों में गहरा आक्रोश है, क्योंकि इस आदेश से समस्त संविलियन प्राप्त शिक्षकों की वर्षो की सेवा शून्य हो जा रही है, 2012 से पेंशन के योग्य मानकर हमारी पेंशन की कटौती भी की जा रही थी,उसे भी धता बता 2018 से पुरानी पेंशन की लाभ देने की बात कही गई है जो कि प्रदेश के 2 लाख संविलियन प्राप्त शिक्षकों के साथ घोर अन्याय है। हमारी शासन से मांग है कि आपने ही हमारी पूर्व की सेवा की गणना कर संविलियन की सौगात हमें दिया था तो पुरानी पेंशन के लिए भी हमारी उसी पूर्व सेवा की गणना करके समस्त हित लाभ प्रदान कर समस्त शिक्षकों का दिल जीत सकते है। उम्मीद है, मुख्यमंत्री जी और वित्त मंत्री जी संवेदनशील हैं वे हमारी वेदना को भलीभांति समझेंगे।
शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी ने प्रदेश के समस्त शिक्षक संगठनों से अपील किया कि इस मुद्दे पर सभी संगठनों को एकमत होकर एकजुट होकर शासन के समक्ष अपनी मांग रखनी चाहिए।
प्रदेश मीडिया प्रभारी और जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने पुरानी पेंशन योजना से संविलयन प्राप्त शिक्षकों को होने वाले नुकशान की जानकारी देते हुए बताया कि संविलियन वर्ष से पुरानी पेंशन की गणना करने से किसी भी संविलियन प्राप्त शिक्षक को पूर्ण पेंशन नही मिल पायेगा, वहीँ हजारों शिक्षक, न्यूनतम पेंशन हेतु 10 वर्ष की सेवा बाध्यता की वजह से न्यूनतम पेंशन भी नही पा सकेंगे,क्योंकि वे संविलियन वर्ष से गणना करने और उनकी सेवानिवृति होते तक की समयावधि 10 वर्ष से कम है अतः वे किसी भी तरह के पेंशन से वंचित हो रहे हैं। शासन , संवेदनशीलता के साथ पुनर्विचार करे और पेंशन के मामले में पुरानी सेवा की गणना करने का निर्णय जरूर ले।
शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,कैलाश रामटेके,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत,सुशील शर्मा,द्वारिका भारद्वाज,खेमन साहू, विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख,तिलक सेन आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।