अच्छी पहल: पोती के जन्मदिन पर दादा ने राहगीरों को बांटे हेलमेट, दिया जागरूकता का संदेश
घीना के समाज सेवी डालचंद जैन ने किया यह नेक काम, जन्मदिन पर फिजूलखर्ची ना कर अच्छा काम करने की कोशिश
बालोद। अक्सर आप लोगों को जन्मदिन पर फिजूलखर्च करते हुए देखे होंगे। पार्टी देने आदि में हम समय के साथ धन भी गंवाते हैं। लेकिन जन्मदिन का सदुपयोग शायद बहुत कम लोग ही कर पाते हैं। ऐसी एक अच्छी पहल बालोद जिले की ग्राम घीना के समाजसेवी और व्यवसायी डालचंद जैन ने की है । जिन्होंने मंगलवार को अपनी पोती कुमारी क्रिस्पी जैन के पांचवे जन्मदिन के अवसर पर राहगीरों को हेलमेट का तोहफा दिया। दोपहिया चालकों को हेलमेट लगाने और यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने की खास-पहल उन्होंने की। यह पहला सुरेगांव थाना के सभी मुख्य मार्ग पर आयोजित किया गया। जहां 15 लोगों को हेलमेट वितरण समाज सेवी डालचंद जैन ने अपनी ओर से किया ।
इस कार्यक्रम में सुरेगांव थाना प्रभारी सुश्री इंदिरा वैष्णव, पिता किशोर जैन, माता प्रणिका जैन, आरक्षक विकास साहु, बलदेव महावीर, संकेश्वर श्रीवास, रूपसिंह रावटे , किसन पटेल शामिल हुए। जिन्हें हेलमेट भेंट किया गया उनके द्वारा कुमारी क्रिस्पी जैन को उज्ज्वल भविष्य की शुभ कामनाएं दी गई।
फिजूलखर्ची और हादसों को देखकर पहल करने का आया विचार, गांव के ही एक व्यक्ति की हुई थी मौत
डालचंद जैन ने बताया कि अक्सर लोग हेलमेट नहीं पहनते हैं लेकिन जब दुर्घटना होती है तो उनकी मौत तक हो जाती है हाल ही में ग्राम घीना में रह रहे एक राजमिस्त्री की परसवानी में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। ऐसे और भी कई हादसे बालोद जिले में होते आए हैं। जिसमें अक्सर बाइक चालकों की मौत हो जाती है। इसके पीछे मूल कारण हेलमेट न पहनना भी होता है। अगर बाइक चालक हेलमेट पहने होते हैं तो जान बचने के चांसेस बढ़ जाते हैं लेकिन जरा सी चूक में लोग जान गवा बैठते हैं इसलिए उन्होंने सोचा कि अपने पोती के जन्मदिन को कुछ खास किया जाए और उन्होंने सुरेगांव थाना के समीप रहागीरों को हेलमेट बांटकर उन्हें इसे नियमित पहनने के लिए प्रेरित किया ताकि सड़क हादसे कम हो। साथ ही उन्होंने फिजूलखर्ची के बजाय कुछ अच्छा करने की सोच के साथ हेलमेट वितरण किया। उन्होंने बताया कि जन्मदिन पर अक्सर लोग फिजूलखर्ची करते हैं। इस बात पर चिंतन करते हुए उनके मन में यह विचार आया कि क्यों ना फिजूल खर्ची के बजाय कुछ अच्छा काम किया जाए और उन्होंने लोगों की जान बचाने के इरादे से हेलमेट बांटने का निर्णय लिया। 10 से 15 लोगों को जो हेलमेट बांटे गए हैं। उनमें से अगर दो लोगों की भी जान हेलमेट पहनने से बचती है तो उनकी पहल सार्थक साबित होगी। उन्होंने सभी को हेलमेट पहनने और यातायात के नियमों का पालन करने की अपील भी की।