पर्यावरण दिवस पर खास पहल: समाजसेवी जयंत किरी ने स्वयं के खर्चे पर बांटे राहगीरों को 500 पौधे, संरक्षण के लिए किया प्रोत्साहित

गुरुर। गुरुर के समाज सेवी जयंत किरी लगातार नित नए कामों से अपनी पहचान बना रहे हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस पर उन्होंने लोगों को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लिए स्वयं के खर्चे पर राहगीरों को 500 पौधे वितरित किए और उनके संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया। पौधारोपण का उनका यह प्रयास कई साल से जारी है । गुरुर नगर में भी उनके द्वारा कई जगह पौधे लगाए गए हैं जो आज पेड़ का रूप ले चुके हैं। इसका सबसे बड़ा और बेहतर उदाहरण तहसील कार्यालय परिसर में नजर आता है।

जहां पर सहयोग पार्क उनके प्रयास से तैयार किया गया है । पर्यावरण दिवस पर उन्होंने आते-जाते राहगीरों को स्वयं खड़े होकर 500 पौधे बांटे और ज्यादा से ज्यादा लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

ताकि आने वाली गर्मी और पर्यावरण प्रदूषण से निपटा जा सके । आज तापमान तेजी से बढ़ रहा है। मानसून में देरी होती है। बारिश समय पर नहीं होता। इन सब के पीछे का कारण पर्यावरण अ संतुलन और तेजी से कटते वृक्ष हैं। इससे सचेत करते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को बढ़ावा देने समाज सेवी जयंत किरी पहल कर रहे हैं।

दस साल से पर्यावरण संरक्षण का अलख जगा रहे हैं जयंत किरी

आज नगर में जहां सभी ओर क्रांकिट का जंगल नजर आता है। नगर में हरियाली खोजे नहीं मिलती, वहीं नगर के एक हृदय स्थल पर फैली हरियाली बरबस लोगों को आकर्षित करती है। नगर में बड़ी संख्या में पौधे सालों पूर्व लगाए गए थे, परंतु उन्हें वृक्ष का रूप लेते देखने नगरवासी तरस गए। ऐसे में युवा जयंत किरी पेड़ों की महत्ता को समझ कर शांति के साथ बिना प्रचार किए पर्यावरण का अलख जगाते रहे हैं। जयंत किरी की दस साल की मेहनत आज साकार रूप ले रही है। नगर के प्रतिष्ठित सुंदरलाल किरी के 41 वर्षीय पुत्र जयंत किरी अपने माता-पिता की प्रेरणा से पर्यावरण संरक्षण का बीड़ा उठा रखा है। जयंत का स्वयं बीड़ी उद्योग का बड़ा कारोबार है, लेकिन उद्योग के साथ लगातार समाज कल्याण व पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी वे गत दस सालों से कर रहे है। आज उनकी पहचान एक सजग, प्रेरक, समाजसेवी की बन गई है। प्रचार प्रसार से दूर जयंत लगातार अपने मिशन में जुटे हुए है। उन्होंने जानकारी दी कि मैंने स्वयं की जमीन पर सैकड़ों पौधे लगा रखे है। उन्हें संरक्षित भी कर रहे है। अब उनके पेड़ों से फल भी आने लगे है जो स्वयं के साथ चिड़ियों के लिए भोजन का माध्यम बन रहे है। पौधा रोपण के साथ स्वच्छता पर भी लगातार काम कर रहे हैं। जयंत किरी ने बताया वे स्वास्थ्य के प्रति भी लोगों में अलख जगा रहे है। उन्होंने कहा गंदगी, सड़े-गले पदार्थ, प्लास्टिक व अन्य रसायनयुक्त कचरा पौधों एवं वृक्षों के लिए घातक है। पानी में मिलकर इन पदार्थों के रसायन पेड़ों की जड़ों में जाते है तो पेड़ों को नुकसान पहुंचाते है। वह स्वच्छता मानव जीवन के बेहतर स्वास्थ के लिए भी जरूरी है। वे प्रतिदिन नगर के वार्डो में जाकर सफाई कार्य के लिए लोगों को भी प्रेरित करते हैं।

अब तक 6 हजार से ज्यादा पौधों का लोगों में कर चुके हैं वितरण

पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से
इस दस साल में जयंत किरी वन विभाग व उद्यानिकी विभाग से पौधे लेकर क्षेत्र में लोगों को निशुल्क वितरण कर रहे है। फलदार एवं छायादार पौधे उनकी प्राथमिकता है। जयंत ने जानकारी दी कि अब तक उन्होंने 6000 से अधिक पौधों का वितरण लोगों में किया है। पौधे के साथ उन्हें संरक्षित करने के लिए भी ग्रामीणों को लगातार प्रेरित भी करते है और जरूरत अनुसार उन्हें सहयोग भी करते है। जयंत बताते है विद्यालय, गौशाला, नगर पंचायत, ग्राम पंचायतों में भी पौधे रोपकर उन्हे संबंधित संस्थाओं के माध्यम से संरक्षण का प्रयास कर रहे हैं। वे बताते है कहीं-कहीं अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता जिससे पौधे अपना आकार लेने से पहले ही मर जाते हैं। ऐसे में दुःख तो होता है, परन्तु प्रयास लगातार जारी रखा हूं।

जरूरतमंदों को ट्राइसिकल व अन्य सामग्री भी दी गई

जयंत किरी ने समाजसेवा के तहत दिव्यांगों की आवश्यकता को महसूस किया व अपने पिता सुंदरलाल किरी की प्रेरणा से उन्होंने गुरुर चारामा और धमतरी के दिव्यांगो को 100 से अधिक ट्राइसिकल, श्रवण यंत्र व अन्य सहायक सामग्री जरूरतमंदों को वितरित कर चुके है। उनका काम आज युवाओं व क्षेत्रवासियों के लिए प्रेरणादायक बन गया है। जयंत किरी ने कहा पौधे जीवन का अंग है। पौधों का संरक्षण व विकास सबको करना चाहिए। पेड़ भी हमें बिना मांगे जीवन शक्ति देती है। हम सभी को भी जीवन में अच्छे काम करने चाहिए। उन्होंने कहा आजकल लोगो को लगता है, की एसी, कुलर, पंखा, आदि के सहारे जीवन कट रही है, तो ये हम सबकी भुल है। आने वाला समय बहुत भयावह होगा, जिसका अनुमान लगाना नामुमकिन है। अतः आप सभी से निवेदन है की आने वाले बरसात के समय अपने आस पास 2 पौधा (वृक्ष) अवश्य लगाए । आज भारत मे लगभग 400 से 500 करोड़ वृक्ष की आवश्यकता है। नही तो अभी ये शुरुआत में 45 डिग्री से 50डिग्री जाता है जिसे आगे 55
से60 डिग्री होते देर नही लगेगी। 56/57 डिग्री पर इंसान जीवित नही रहेगा, इसलिये अभी से समझकर पौधे लगाने शुरू करे, क्योंकि एक पौधे को तैयार होने मे लगभग 6 साल का समय लगता है। अब बारिश आने वाली है तो कृपया 2 पौधा आवश्य लगाए, याद रखे, सबको बतलाएं वृक्ष ही जीवन है।

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