“बालोद पोस्ट ऑफिस में लगी बाबासाहेब के ऊपर डाक टिकट की प्रदर्शनी”

बालोद। देशभर में संविधान के निर्माता बाबा साहेब बीआर अंबेडकर की जयंती मनाई गई।उन्होंने ना सिर्फ आजादी की लड़ाई में एक अहम भूमिका निभाई बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए संविधान निर्माण की भी जिम्मेदारी उठाई। हर साल उनकी जयंती को समरसता दिवस के रूप में भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस कड़ी में बालोद के पोस्ट ऑफिस में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित डाक टिकट की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। जिन्हें शासन द्वारा विभिन्न अवसरों पर जारी किया गया है। उक्त टिकटों का संग्रहण नगर के वरिष्ठ संग्राहक डॉ प्रदीप जैन के द्वारा किया गया है। लोगों को अंबेडकर के कार्यों और देश के संविधान निर्माण में योगदान के प्रति जागरूक करने के लिए उन्होंने पोस्ट ऑफिस में टिकटों की प्रदर्शनी लगाई है। ज्ञात हो कि 14 अप्रैल 1891 में जन्मे बाबा साहेब की इस साल 134 वीं जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने देश से जाति प्रथा और समाज में कुव्यवस्था को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी. उनका मानना था कि सभी जाति के लोगों को एक जैसा अधिकार मिलना चाहिए ताकि आगे चलकर किसी भी प्रकार भेदभाव ना हो. उन्होंने अपने जीवन काल में कई महत्वपूर्ण आंदोलनों में भी हिस्सा लिया. एक दलित परिवार से आने वाले बीआर अंबेडकर ने अपने जीवन में बहुत यातनाएं झेलीं लेकिन कभी किसी कमजोर का साथ नहीं छोड़ा। टिकट प्रदर्शनी के साथ उनके जयंती पर मीडिया के जरिए डॉक्टर जैन ने बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्ष के कुछ पलों के बारे में भी बताया। उन्होंने आंबेडकर के बारे में बताया कि वे एक प्रख्यात अर्थशास्त्री, कानूनविद, राजनेता तथा समाज सुधारक थे। अपने प्रगतिशील कृतित्व और रोशन व्यक्तित्व के कारण वे आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। डॉ बाबासाहब आम्बेडकर लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक भी थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और उन्होंने तथाकथित दलितों में व्याप्त भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। उनके सफल नेतृत्व में ही हमने भारतीय गणतंत्र का सपना साकार होते देखा।भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में सन् 1966,1991 एव 2015 में विभिन्न अवसरों पर डाक टिकट भी जारी किए गये। डॉ भीमराव अंबेडकर संविधान निर्माता के तौर पर प्रसिद्ध हैं। डाॅ. भीमराव अंबेडकर जी का पूरा जीवन संघर्षरत रहा है। जनहित में किये गए उनके प्रयासों और देश के गरीबों और दलितों के लिए किये गए उनके कार्यों के लिए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च सम्मान ‘भारत-रत्न’ दिया गया था।

Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page