जानिए अपने प्रत्याशी का जीवन परिचय, कौन हैं भोजराज नाग जिन्होंने कांकेर सीट पर भाजपा से पाया टिकट

बालोद /कांकेर। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के सभी 11 सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। जिसमें कांकेर लोकसभा क्षेत्र जिसमें बालोद जिला भी आता है, के लिए अपना प्रत्याशी इस बार अंतागढ़ के पूर्व विधायक रहे भोजराज नाग को बनाया है। जानकारी के मुताबिक भोजराज नाग अंतागढ़ क्षेत्र में 2014 में विधायक रहे हैं और वर्तमान में भाजपा में सक्रियता से कार्य कर रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतांतरण, धर्मांतरण को लेकर वे हमेशा मुखर रहे हैं और इसके खिलाफ आंदोलन करते रहे हैं ।उनके इसी तरह की सक्रियता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें सांसद चुनाव में प्रत्याशी के रूप में उतारने का ऐलान किया है। सूत्रों की माने तो अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराज नाग को लोकसभा प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे उनका पिछले कांग्रेस सरकार में धर्मांतरण के मुद्दे पर शुरू से मुखर होना एक अहम वजह माना जा रहा है। 2014 में अंतागढ़ के रहने वाले भोजराज नाग उपचुनाव में भाजपा से जीतकर विधायक बने थे। वह अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक भी है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के अति संवेदनशील क्षेत्र अंतागढ़ परगना में उनका जन्म हुआ। ग्राम हिमोड़ा तहसील थाना अंतागढ़ के मूल निवासी हैं। उनकी माता श्रीमती नूतन बाई नाग पूर्व में भाजपा अंतागढ़ मंडल अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य रही। उनकी प्रारंभिक शिक्षा एवं उच्चतर शिक्षा अंतागढ़ तहसील में ही संपन्न हुई। छात्र जीवन से ही राष्ट्र भक्ति सेवा का भाव होने से संघ और संघ कार्य के लिए आगे बढ़ते गए और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तृतीय वर्ष शिक्षित होकर स्वयं सेवक बने। सन 1992 से 1997 तक सरपंच के रूप में कार्य किए सन 2000 से 2005 तक आप जनपद अध्यक्ष रहे। सन 2009 से 2014 तक जिला पंचायत सदस्य के रूप में सामाजिक कार्य किए सन 2014 से 2018 तक अंतागढ़ विधानसभा के विधायक चुने गए। पूर्व में भाजपा मंडल अंतागढ़ के मंडल अध्यक्ष का कार्यभार संभाले। भारतीय जनता पार्टी जिला कांकेर के तीन बार जिला महामंत्री के रूप में पार्टी की सेवा किए। विभिन्न दायित्व का निर्वहन करते हुए जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश संयोजक रहते हुए। धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन शुरू किए। 2006 से 2009 तक जनजाति सुरक्षा मंच संगठन मंत्री के रूप में कार्य का निर्वहन किए। जनजाति सुरक्षा मंच केंद्रीय टोली के सदस्य भी हैं। बस्तर क्षेत्र में देवी देवताओं के पुजारी एवं बैगा के रूप में प्रसिद्ध हैं। बस्तर संभाग सहित पूरे छत्तीसगढ़ में भ्रमण करते हुए उन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाते हुए अपने राष्ट्र भक्ति का हर जनमानस के हृदय में अपना स्थान बनाने में सफल रहे हैं।

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